खेती की लागत घटाने के लिए ‘Per drop more crop’ योजना का फ़ायदा उठाएँ, जानिए कैसे?

‘Per drop more crop’ योजना के तहत 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ तक की जोत वाले छोटे और सीमान्त किसानों को लघु सिंचाई की ड्रिप और स्प्रिंक्लर्स सिस्टम को खरीदने के लिए कुल लागत की 55% तक रक़म जितनी सब्सिडी मिलती है तो 5 हेक्टेयर तक की जोत वाले मझोले और बड़े किसानों के लिए अधिकतम सब्सिडी 45% रखी गयी है।

Per drop more crop योजना

‘Per drop more crop’ योजना | खेती-किसानी के कारोबार में किसानों की लागत (input cost) मुख्य रूप से ज़मीन, बीज, खाद, सिंचाई, श्रम और परिवहन के खर्चों में बाँटी जा सकती है। इन खर्चों में से सिंचाई की अहमियत का अन्दाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि आज़ादी के 75 साल बाद भी देश की आधी से ज़्यादा कृषि योग्य भूमि पर इसलिए खेती नहीं हो पाती, क्योंकि वहाँ किसानों के पास या तो सिंचाई के साधन हैं ही नहीं या फिर जो हैं वो अपर्याप्त हैं। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए सरकारें हमेशा से सिंचाई के साधनों के विस्तार पर ज़ोर देती रही हैं। नरेन्द्र मोदी सरकार ने भी सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता को तेज़ी से बढ़ाने के लिए जुलाई 2015 से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) शुरू की।  

PMKSY के चार अंग हैं – पहला, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (Accelerated Irrigation Benefit Programme, AIBP) – इसमें बड़ी और मझोली सिंचाई परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने पर ज़ोर दिया जाता है। दूसरा है ‘हर खेत को पानी’ – इसमें मौजूदा सिंचाई संसाधनों का बेहतर रखरखाव करके उसका लाभ ज़्यादा ये ज़्यादा खेतों तक पहुँचाने से जुड़ी योजनाएँ हैं। तीसरा है Watershed Development – इसमें बरसात के अनुपयोगी पानी का सिंचाई के लिए प्रबन्धन करने वाली परियोजनाएँ हैं तो चौथा है ‘Per drop more crop’ यानी ‘प्रति बूँद ज़्यादा उपज’ जैसी योजना – इसका मक़सद किसानों को सिंचाई के लिए ऐसे उपकरणों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है जिनकी बदौलत वो कम पानी का इस्तेमाल करके अपनी आमदनी बढ़ा सकें।

Per drop more crop’ योजना की उपलब्धि

‘Per drop more crop’ योजना के तहत ड्रिप और स्प्रिंक्लर्स के माध्यम से न सिर्फ़ फ़सल की सिंचाई होती है बल्कि लघु सिंचाई तकनीक के ज़रिये जल संरक्षण को भी बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जाता है। अब यदि ‘Per drop more crop’ योजना की अब तक की उपलब्धियों की बात करें तो साल 2019-2021 के दो वर्षों में 16 लाख किसानों की 0.204 करोड़ हेक्टेयर ज़मीन को लघु सिंचाई की ड्रिप और स्प्रिंक्लर्स तकनीकों से जोड़ा गया है। इसके लिए 5,262 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी हुई है।

मौजूदा वर्ष 2021-22 में केन्द्र सरकार ने ‘Per drop more crop’ योजना के लिए 4,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, लेकिन इसमें से 10 दिसम्बर 2021 तक यानी मौजूदा वित्त वर्ष के 8 महीनों में राज्यों को 351 करोड़ रुपये ही जारी हुए हैं।  इस रफ़्तार से तो साफ़ दिख रहा है कि वित्त वर्ष के बाक़ी बचे चार महीनों में 3,650 करोड़ रुपये का इस्तेमाल होना लगभग असम्भव है। आइए अब ज़रा ये समझते हैं कि अभी तक जितनी ज़मीन को ‘Per drop more crop’ योजना का लाभ मिला है, उसका अनुपात देश की कुल खेती-योग्य और सिंचित ज़मीन में कितना है?

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2020-2021 में लिखे Land use statistics यानी भूमि उपयोग सांख्यिकी 2016-17 के अनुसार, भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.87 करोड़ हेक्टेयर है। इसमें से 20.02 करोड़ हेक्टेयर (60.9%) ज़मीन पर खेती-बाड़ी हो सकती है। लेकिन फसलों की पैदावार सिर्फ़ 13.94 करोड़ हेक्टेयर में ही होती है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 42.4 फ़ीसदी और देश की कुल खेती योग्य ज़मीन का 69.6 फ़ीसदी है। खेती-बाड़ी की कुल ज़मीन में से सिंचित क्षेत्र का इलाका 6.86 करोड़ हेक्टेयर है, जो देश की कुल खेती योग्य ज़मीन का 34.26 फ़ीसदी है और जितनी ज़मीन पर देश में खेती हो पाती है उसका 49.2 प्रतिशत है। ज़ाहिर है कि ‘Per drop more crop’ योजना की मंशा जितनी शानदार और उपयोगी है, उतनी ताक़त से इसका विस्तार अगर हो तो किसानों को मिलने वाला फ़ायदा काफी बढ़ जाएगा। ।

Per drop more crop योजना
तस्वीर साभार: pmksy

खेती की लागत घटाने के लिए 'Per drop more crop' योजना का फ़ायदा उठाएँ, जानिए कैसे?कितनी मिलती है सब्सिडी?

‘Per drop more crop’ योजना के तहत 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ तक की जोत वाले छोटे और सीमान्त किसानों को लघु सिंचाई की ड्रिप और स्प्रिंक्लर्स सिस्टम को खरीदने के लिए कुल लागत की 55% रक़म जितनी सब्सिडी मिलती है तो 5 हेक्टेयर तक की जोत वाले मझोले और बड़े किसानों के लिए सब्सिडी 45% रखी गयी है। ‘Per drop more crop’ योजना की सब्सिडी का भार केन्द्र और राज्य सरकारें 60:40 के अनुपात से उठाती हैं। उत्तर पूर्वी और हिमालय की पहाड़ियों में बसे राज्यों के लिए ये अनुपात 90:10 रखा गया है।

सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन?

Per drop more crop योजना के तहत मिलने वाली सरकारी सहायता यानी सब्सिडी की पहुँच हरेक किसान तक रखने के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाया गया है। सब्सिडी लेने के इच्छुक किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की वेबसाइट Pradhan Mantri Krishi sinchai Yojana के होम पेज़ पर जाकर सबसे पहले लॉग-इन करना होगा। फिर माँगी गयी हरेक जानकारी और ज़रूरी दस्तावेज़ों को अपलोड करना होगा। आवेदकों को चाहिए कि आवेदन पत्र अपलोड होने के बाद वो इसे डाउनलोड और प्रिंट करने भविष्य के लिए रख लें। अपलोड आवेदनों की जाँच और आगे की सारी कार्रवाई के बारे में वेबसाइट पर ही सारी जानकारी मुहैया करवायी जाती है।

आवेदन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़

आवेदक किसान को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए निम्न दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ेगी – आधार कार्ड, ज़मीन के काग़ज़ात, बैंक खाते का ब्यौरा, मोबाइल नम्बर, पासपोर्ट साइज़ की फ़ोटो, अपने राज्य का डोमेसाइल सर्टिफ़िकेट और जाति प्रमाणपत्र।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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