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असम की खुशबूदार, स्ट्रॉन्ग और टेस्टी चाय (Aromatic, strong and tasty Assam Tea) ने दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। और अब, इसकी शानदार खुशबू न्यूयॉर्क तक पहुंच चुकी है। असम के मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा ने समर फैंसी फूड शो 2025 (Summer Fancy Food Show 2025) में असम चाय के 200 साल पूरे (200 Years of Assam Tea) होने का भव्य उत्सव मनाया। भारतीय मंडप के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा कि ‘असम चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि ताकत, स्वाद और विरासत का वैश्विक प्रतीक है।’
1823 से 2025 तक: असम चाय की शानदार यात्रा
साल 1823 में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे खोजी गई असम चाय ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के चाय प्रेमियों ( Tea Lovers) का दिल जीत लिया। आज, ये न केवल लाखों लोगों की आजीविका का स्रोत (Source of livelihood) है, बल्कि ये असम की संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। मुख्य सचिव कोटा ने कहा, ‘हम सिर्फ अपनी विरासत का जश्न नहीं मना रहे, बल्कि एक बेहतर भविष्य की नींव भी रख रहे हैं।’
न्यूयॉर्क में असम का जलवा
समर फैंसी फूड शो (Summer Fancy Food Show 2025) दुनिया का सबसे बड़ा फूड एक्सपो है, जहां दुनिया भर के गॉरमेट उत्पादों (Gourmet Products) को प्रदर्शित किया जाता है। इस मौके पर असम चाय को ग्लोबल स्टेज पर पेश करना एक बड़ी उपलब्धि है। मंडप में असम के चार इनोवेटिव स्टार्टअप्स – अरोमा टी, वूला टी, डोरेई टी और अर्थ टी (Four innovative startups – Aroma Tea, Woola Tea, Doorei Tea and Earth Tea) को भी प्रमुखता से दिखाया गया, जो चाय के क्षेत्र में नए ट्रेंड्स को बढ़ावा दे रहे हैं।
कोटा ने कहा कि ‘असम चाय परंपरा और इनोवेशन के बीच एक पुल है। हम चाहते हैं कि दुनिया असम की इस बदलती तस्वीर को देखे।’
छोटे चाय उत्पादकों का बड़ा योगदान
असम की चाय उद्योग में छोटे चाय उत्पादकों की भूमिका अहम है, जो राज्य के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत हिस्सा पैदा करते हैं। इन किसानों के बिना असम चाय की कहानी अधूरी है। इसलिए, इस जश्न में उनके योगदान को भी सलाम किया गया।
क्या ख़ास है असम चाय में?
मजबूत स्वाद और सुगंध-: असम चाय अपने बोल्ड टेस्ट और मल्टी फ्लेवर के लिए मशहूर है।
ग्लोबल पहचान-: असम टी को जीआई टैग (Assam tea gets GI tag) मिला हुआ है, जो इसकी गुणवत्ता और ख़ासियत को दिखाता है।
सेहत के लिए फायदेमंद-: एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) से भरपूर असम चाय दिल और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है।
भविष्य की राह: सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन
असम सरकार चाय उद्योग को और आगे बढ़ाने के लिए टिकाऊ खेती (सस्टेनेबल फार्मिंग) और टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन (Sustainable Farming) and Technology Integration पर जोर दे रही है। स्टार्टअप्स के जरिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जैसे:
- फ्लेवर्ड टी (अरोमा टी)
- ऑर्गेनिक और हर्बल टी (अर्थ टी)
- प्रीमियम क्वालिटी टी (डोरेई टी)
दुनिया को न्योता: ‘असम चाय का एक घूंट पिएं!’
मुख्य सचिव रवि कोटा ने global community से आग्रह किया, ‘हम आपको असम चाय की दुनिया में आमंत्रित करते हैं। यहां आकर इसके स्वाद, इसकी कहानी और इसकी विरासत को महसूस कीजिए।’
एक प्याली में समाई 200 साल की विरासत
असम चाय के 200 साल सिर्फ एक उद्योग का इतिहास नहीं, बल्कि संघर्ष, सफलता और निरंतर विकास की गाथा है। न्यूयॉर्क में आयोजित ये समारोह साबित करता है कि असम चाय अब एक ग्लोबल ब्रांड है, जो पारंपरिक मूल्यों को संजोते हुए आधुनिक इनोवेशन को अपना रहा है। तो, अगली बार जब आप चाय की चुस्की लें, तो याद रखिए- ये सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि 200 साल की गौरवशाली विरासत का स्वाद है।
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