भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन (Agriculture and animal husbandry) की भूमिका रीढ़ की हड्डी के समान है। दशकों से ये एरिया पारंपरिक ज्ञान और पद्धतियों (traditional knowledge and practices) पर निर्भर रहा है। लेकिन अब, Digital India के इस युग में, पशुपालन (animal husbandry) के क्षेत्र में एक ऐसी स्मार्ट क्रांति की शुरुआत हुई है, जो किसानों और पशुपालकों की हर समस्या का समाधान उनकी उंगलियों के इशारे पर ला देना चाहती है। इस क्रांति का नाम है-1962 Mobile App- पशुपालन का स्मार्ट साथी।
सिर्फ एक ऐप नहीं, डिजिटल सहयोगी
1962 Mobile App, जिसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) के तहत विकसित किया है, सिर्फ एक मोबाइल एप्लिकेशन नहीं है। ये पशुपालकों का एक व्यापक डिजिटल साथी है। इसका मेन टारगेट है पशु चिकित्सा सेवाओं (veterinary services) की पहुंच को देश के कोने-कोने तक आसान और त्वरित बनाना। पशुपालन विभाग की सेवाओं का लाभ अब हर किसान तक बिना किसी देरी के पहुंच सके, इसके लिए यह ऐप एक सेतु का काम कर रहा है।
आपातकाल में वरदान: मोबाइल वेटरनरी यूनिट (MVU)
पशुपालकों की सबसे बड़ी चिंता होती है उनके पशुओं की अचानक तबीयत बिगड़ना। ऐसे में दूरदराज के इलाकों में तुरंत पशु चिकित्सक तक पहुंचना मुश्किल होता था। 1962 ऐप ने इस समस्या का एक कारगर समाधान पेश किया है। अब किसान सीधे ऐप के जरिए आपातकालीन पशु चिकित्सा सेवा का अनुरोध कर सकते हैं। इस अनुरोध के बाद, उनके घर तक एकMobile Veterinary Unit (MVU) भेजी जाती है, जो पूरी तरह से सुसज्जित होती है और तत्काल इलाज मुहैया कराती है। यह ‘पशुधन संजीवनी’ योजना का जीवंत स्वरूप है।
पशुधन का पूरा डिजिटल इतिहास: डेटा का ख़ज़ाना
यह ऐप पशुपालकों को उनके पशुओं का एक व्यापक डिजिटल डेटाबेस बनाने की सुविधा देता है। अब किसान अपने हर पशु की जन्मतिथि, पिछले सभी उपचारों का रिकॉर्ड, टीकाकरण का विवरण और विभिन्न परीक्षणों के परिणाम ऐप में ही सुरक्षित रख सकते हैं। इससे न सिर्फ पशु के स्वास्थ्य पर नजर रखना आसान हो गया है, बल्कि भविष्य में होने वाली बीमारियों की रोकथाम और बेहतर प्रबंधन भी संभव हो पाया है। यह डेटा ‘पशु आधार रोल’ के निर्माण में भी मददगार साबित हो रहा है, जो देश के प्रत्येक पशु की एक अद्वितीय डिजिटल पहचान सुनिश्चित करेगा।
उन्नत तकनीकों की ओर एक कदम
1962 ऐप पशुपालकों को पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ाकर आधुनिक और अधिक लाभकारी तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। ऐप के माध्यम से किसान कृत्रिम गर्भाधान, लिंग क्रमबद्ध वीर्य (Artificial insemination, sex sorted semen) (जिससे पशुपालक को वांछित लिंग का बच्चा प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है) औरembryo transfe जैसी उन्नत तकनीकों की जानकारी और सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। इससे पशुधन की गुणवत्ता और उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार आ रहा है।
ज्ञान का भंडार और सामुदायिक मंच
इस ऐप में पशुपालन से जुड़ी हर आधिकारिक योजना, सब्सिडी, आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों और नई जानकारियों का एक विशाल भंडार मौजूद है। साथ ही, इसमें एक सामुदायिक मंच भी है, जहां देशभर के पशुपालक आपस में अपने अनुभवों, समस्याओं और समाधानों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। ये ऐप सामूहिक ज्ञान को बढ़ावा देने का एक शानदार ज़रिया साबित हो रहा है।
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