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मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav Government of Madhya Pradesh) ने किसानों की आर्थिक ताकत को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा और ठोस कदम उठाया है। प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों (soybean producing farmers) के लिए भावांतर योजना (Bhavantar Yojana) के तहत MSP पर फसल बिक्री के रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 3 अक्टूबर, 2025 से शुरू हो चुका है। ये रजिस्ट्रेशन किसानों के लिए 17 अक्टूबर, 2025 तक ही साइट पर मौजूद रहेगा, जिसके बाद सरकार 24 अक्टूबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक किसानों की सोयाबीन की फसल (soybean crop) खरीद करेगी। सरकार ने सोयाबीन (soybean ) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
क्या है भावांतर योजना? सिर्फ सोयाबीन नहीं, बागवानी किसानों का भी सहारा
भावांतर योजना (Bhavantar Yojana) को अक्सर केवल सोयाबीन से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन इसका दायरा इससे कहीं अधिक व्यापक है। ये योजना दो स्तंभों पर टिकी है:
1.खरीफ फसलों (जैसे सोयाबीन) के लिए: जहां सरकार सीधे तौर पर MSP पर फसल की खरीद करती है।
2.बागवानी उत्पादों (सब्जियों) के लिए: जहां बाजार भाव MSP से कम होने पर किसानों को भाव के अंतर की राशि की भरपाई सीधे उनके बैंक खाते में की जाती है।
इस योजना का मूल उद्देश्य किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान से बचाना और उन्हें एक अच्छी आमदनी का भरोसा देना है। इससे किसानों को फसल चक्र में विविधता लाने और कम लागत वाली फसलों के बजाय नकदी फसलों की ओर रुख करने का प्रोत्साहन मिलता है, जिससे कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है।
सोयाबीन किसान कहां और कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?
सोयाबीन किसानों के लिए इस योजना का फायदा उठाना अब और आसान हो गया है। सरकार ने पारदर्शिता और आसानी को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रेशन के लिए कई ऑप्शन उपलब्ध कराए हैं। किसान 10 स्थानों/माध्यमों से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं-
श्योपुर जिले के 7 विशेष केंद्र: वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था श्योपुर, दांतरदा कलां, बडौदा, विपणन सहकारी संस्था कराहल, वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था वीरपुर, विजयपुर और सेवा सहकारी संस्था सहसराम।
डिजिटल प्लेटफॉर्म: इसके अलावा, किसान PAX (Primary Agricultural Credit Society), कम्यूनिटी सर्विस सेंटर (CSC), और MP Kisan App के माध्यम से भी आसानी से ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
बागवानी किसानों के लिए कैसे काम करती है ये योजना?
बागवानी योजना के तहत टमाटर, प्याज, आलू और फूलगोभी जैसी नकदी सब्जियों को शामिल किया गया है। इसका प्रोसेस बहुत ही systematic है:
- संरक्षित मूल्य: सरकार ने इन चारों सब्जियों के लिए एक ‘संरक्षित मूल्य’ तय किया है, जो किसानों को 48,000 रुपये से 56,000 रुपये प्रति एकड़ तक की आमदनी सुनिश्चित कराता है।
- J-Farm पर बिक्री अनिवार्य: किसानों को अपनी उपज अनिवार्य रूप से निर्धारित J-Farm (राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त मंडी) में ही बेचनी होगी।
- स्वचालित डेटा अपलोड: J-Farm पर हुई बिक्री का विवरण सीधे BBY ई-पोर्टल (www.hsamb.gov.in) पर अपलोड हो जाएगा।
- भाव अंतर की भरपाई: अगर बिक्री के दौरान सब्जी का थोक भाव, सरकार द्वारा तय संरक्षित मूल्य से कम रहता है, तो इस अंतर की राशि सरकार सीधे किसान के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में 15 दिनों के भीतर भेज देगी।
सशक्त किसान, सशक्त प्रदेश की ओर
भावांतर योजना केवल एक मुआवजा योजना नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति है। यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा का कवच प्रदान करते हुए, उन्हें जोखिम उठाकर उच्च गुणवत्ता वाली और बाजार में मांग वाली फसलें उगाने के लिए प्रेरित करती है। सरकार की इस पहल से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी, जिसका लक्ष्य ‘सशक्त किसान-सशक्त मध्य प्रदेश’ की परिकल्पना को साकार करना है।
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