Change In Agriculture Through AI Agritech: भारतीय किसानों के लिए AI और New Technology का योगदान

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) किसानों को बेहतर फैसले लेने में मदद करता है। ये मिट्टी, मौसम और फसलों के बारे में सही जानकारी देता है, जिससे किसानों को नुकसान कम होता है और पैदावार बढ़ती है। आइए देखें कि (Change In Agriculture Through AI Agritech) कैसे काम कर रहा है:

Change In Agriculture Through AI Agritech: भारतीय किसानों के लिए AI और New Technology का योगदान

सटीक खेती और ड्रोन निगरानी से लेकर एआई-संचालित फसल भविष्यवाणी और स्मार्ट सिंचाई तक (Change In Agriculture Through AI Agritech), तकनीक (Technology) किसानों के फसल उगाने और प्रबंधन के तरीके को नया रूप दे रही है। इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  (Artificial Intelligence) भारतीय कृषि, प्रमुख नवाचारों और भारत में खेती के भविष्य को बदल रहा है।

कृषि सदियों से भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है, जो सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) में लगभग 18 फीसदी का योगदान देती है और 50 फीसदी से ज़्यादा कार्यबल (Workforce) को रोजगार देती है। हालांकि, पारंपरिक खेती के तरीकों को जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, कीटों के संक्रमण और कम उत्पादकता (Climate change, water scarcity, pest infestation and low productivity) जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन पुराने तरीकों से खेती करने के कारण किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे:

  • मौसम में बदलाव (Climate change)
  • पानी की कमी
  • फसलों में कीटों का हमला
  • कम पैदावार

इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कृषि तकनीक (AgriTech) किसानों की मदद कर रही हैं। AI और नई तकनीकों की वजह से खेती अब ज्यादा आसान, कुशल और मुनाफे वाली बन रही है।

भारतीय कृषि में AI की भूमिका (Role of AI in Indian Agriculture)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) किसानों को बेहतर फैसले लेने में मदद करता है। ये मिट्टी, मौसम और फसलों के बारे में सही जानकारी देता है, जिससे किसानों को नुकसान कम होता है और पैदावार बढ़ती है। आइए देखें कि AI कैसे काम कर रहा है:

सटीक खेती (Precision Farming)

सटीक खेती में AI, सेंसर और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इससे किसानों को पता चलता है कि:

1.मिट्टी में कौन-से पोषक तत्वों की कमी है

2.कितनी मात्रा में खाद और पानी देना है

3.कब फसलों को कीटनाशक की जरूरत है

इस तकनीक से फसल की पैदावार बढ़ती है और खर्च कम होता है।

उदाहरण:

क्रॉपइन और निंजाकार्ट जैसी कंपनियां AI का इस्तेमाल करके किसानों को सही सलाह देती हैं।

ड्रोन से फ़सलों की निगरानी (Crop monitoring with drones)

ड्रोन में कैमरे और सेंसर लगे होते हैं, जो खेतों की हवा से तस्वीरें लेते हैं। इन इमेज से पता चलता है कि:

फसलों में कीट लगे हैं या नहीं पानी की कमी है या नहीं, कहां खाद डालने की ज़रूरत है।

उदाहरण:

स्काईमेट और एग्रीफ्लाई जैसी कंपनियां ड्रोन टेक्नोलॉजी से किसानों की मदद कर रही हैं।

AI से फसल की पैदावार का अनुमान (Estimating crop yield with AI)

 AI पुराने डेटा, मौसम और मिट्टी की जानकारी का विश्लेषण (Analysis) करके बताता है कि:

1.इस साल कितनी पैदावार होगी

2.कौन-सी फसल ज्यादा फायदेमंद होगी

3.कब बुवाई करनी चाहिए

इससे किसान सही समय पर सही फैसले ले पाते हैं।

उदाहरण:

IBM वाटसन जैसी टेक्नोलॉजी के बारे में भविष्यवाणी करती है।

स्मार्ट सिंचाई प्रणाली (Smart irrigation system)

भारत में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है। AI वाली स्मार्ट सिंचाई प्रणाली मिट्टी की नमी और मौसम को देखकर पानी देती है। इससे:

1.पानी की बर्बादी कम होती है

2.फसलों को सही मात्रा में पानी मिलता है

उदाहरण:

नेटसेंस और फ़सल जैसी कंपनियां स्मार्ट सिंचाई सिस्टम बेचती हैं, जिससे 30 फीसदी तक पानी बचता है।

AI से कीट और बीमारियों का पता लगाना (Pest And Disease Detection Using AI)
कीट और बीमारियां फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं। AI वाले ऐप्स की मदद से किसान:

1.फसल की तस्वीर खींचकर ऐप पर डालते हैं

2.ऐप बताता है कि कौन-सा कीट या बीमारी है

उसका इलाज कैसे करें?

उदाहरण:

प्लांटिक्स और वाधवानी AI जैसे ऐप्स किसानों को कीटों के बारे में जानकारी देते हैं।

स्वचालित मशीनें (रोबोटिक ट्रैक्टर और हार्वेस्टर) (Automated Machines (Robotic Tractors And Harvesters)
अब AI वाले ट्रैक्टर और रोबोट खेतों में काम करते हैं। ये मशीनें:

1.बुवाई करती हैं

2.खरपतवार हटाती हैं

3.फसल काटती हैं

4.इससे मजदूरों की जरूरत कम होती है और काम जल्दी होता है।

उदाहरण:

ऑटोनेक्स्ट नाम की कंपनी ने भारत का पहला AI ट्रैक्टर बनाया है।

भारत में AI अपनाने की चुनौतियां (Challenges Of AI Adoption In India)

AI से किसानों को बहुत फायदा हो रहा है, लेकिन कुछ समस्याएं भी हैं:

1.महंगी तकनीक-छोटे किसान AI मशीनें नहीं खरीद सकते।

2.डिजिटल ज्ञान की कमी-बहुत से किसानों को मोबाइल और AI का उपयोग नहीं आता।

3.इंटरनेट की कमी-गांवों में अच्छी इंटरनेट स्पीड नहीं होती।

4.डेटा की सुरक्षा-किसानों को डर है कि उनकी जानकारी गलत हाथों में न जाए।

सरकार और कंपनियों की मदद (Help From Government And Companies)

इन समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार और निजी कंपनियां मदद कर रही हैं:

डिजिटल कृषि मिशन (2021-2025) –सरकार AI, ड्रोन और ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा दे रही है।

PM-KISAN योजना- AI की मदद से सरकार किसानों को सही सब्सिडी दे रही है।

एग्रीटेक स्टार्टअप- DeHaat, AgroStar, Ergos जैसी कंपनियाँ किसानों को तकनीक से जोड़ रही हैं।

भविष्य में AI की भूमिका (The Role Of AI In The Future)

आने वाले समय में AI किसानों के लिए और भी फ़ायदेमंद होगा:

1. AI मार्केटप्लेस-किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिलेगा।

2.ब्लॉकचेन तकनीक-फसल की गुणवत्ता और आपूर्ति श्रृंखला (Quality And Supply chain) पारदर्शी होगी।

3. स्वचालित रोबोट-खेतों में मजदूरों की कमी नहीं होगी।

 4.जलवायु अनुकूल तकनीक-मौसम बदलने पर भी फसलें सुरक्षित रहेंगी।

AI और नई तकनीकें भारतीय कृषि को बदल रही हैं। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, पानी और खाद की बचत होगी और फसलों का नुकसान कम होगा। अगर सरकार और किसान मिलकर AI को अपनाएँ, तो भारत दुनिया में कृषि का नेतृत्व कर सकता है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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