MSP के तहत फ़सलों की ख़रीद से किसानों को मिल रही आर्थिक सुरक्षा

Minimum Support Price किसानों को उनकी फ़सलों का उचित मूल्य सुनिश्चित करता है। इस ब्लॉग में MSP के तहत फ़सलों की ख़रीद और इसके लाभों पर चर्चा की गई है।

Minimum Support Price न्यूनतम समर्थन मूल्य

Minimum Support Price न्यूनतम समर्थन मूल्यभारत में कृषि क्षेत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) एक महत्वपूर्ण नीति है। यह किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है, ताकि वे अपनी फ़सलों को उचित मूल्य पर बेच सकें, विशेष रूप से जब बाज़ार में क़ीमतें गिरती हैं। सरकार हर साल 22 प्रमुख कृषि फ़सलों के लिए MSP (Minimum Support Price) तय करती है, जो कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा ख़रीदी जाती हैं। इस ब्लॉग में हम MSP के तहत फ़सलों की ख़रीद, इसके महत्व, और किसानों के लिए इसके फायदों के बारे में विस्तार से जानेंगे। हम यह भी समझेंगे कि कौन-कौन सी फ़सलें MSP के तहत आती हैं और इनकी ख़रीदारी प्रक्रिया किस प्रकार होती है।

क्या है Minimum Support Price (MSP)?

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) एक निर्धारित न्यूनतम क़ीमत है, जिस पर सरकार किसानों से कृषि उत्पाद ख़रीदती है। यह मूल्य किसान के लिए सुरक्षा की तरह कार्य करता है, क्योंकि इसे प्राप्त करने के बाद किसान सुनिश्चित हो सकता है कि उसकी फ़सल का कोई न कोई उचित मूल्य मिलेगा। MSP (Minimum Support Price) किसानों को बाज़ार में मूल्य घटने से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बनायी जाती है।

MSP की प्रक्रिया और ख़रीदारी

MSP (Minimum Support Price)के तहत फ़सलों की ख़रीद के लिए सरकार एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करती है। फ़सलों की ख़रीद राज्य सरकारों और खाद्य निगमों के सहयोग से की जाती है। हर साल राज्य सरकारों के साथ बैठक करके फ़सलों की अनुमानित उत्पादकता, बाज़ार में उपलब्धता और उत्पादन के आधार पर MSP तय किया जाता है।

पांच सालों में MSP में बढ़ोतरी

पिछले पांच वर्षों में MSP में वृद्धि की गई है, जो किसानों के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके माध्यम से उन्हें उनके उत्पादन पर अधिक मूल्य मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है। MSP (Minimum Support Price) के निर्धारण में कृषि लागत और उत्पादन बढ़ने के आंकड़ों को ध्यान में रखा जाता है, ताकि किसान लाभ प्राप्त कर सके।

MSP के तहत फ़सलों की सरकारी ख़रीद

MSP के तहत फ़सलों की ख़रीद के लिए सरकार विभिन्न संस्थाओं का सहयोग लेती है। गेहूं और धान की ख़रीद सरकार खाद्य निगम के माध्यम से करती है। वहीं, दालों, तेलबीजों और नारियल की ख़रीद PM-AASHA योजना के तहत की जाती है। इन योजनाओं के माध्यम से जब बाज़ार मूल्य MSP से नीचे चला जाता है, तो सरकार किसानों से उत्पाद ख़रीदने के लिए तैयार होती है।

कपास और जूट की MSP ख़रीद

कपास और जूट जैसी फ़सलों की MSP (Minimum Support Price) पर ख़रीद भी की जाती है। इसके लिए संबंधित कंपनियों जैसे Cotton Corporation of India (CCI) और Jute Corporation of India (JCI) को जिम्मेदारी दी जाती है। इन फ़सलों की ख़रीद में कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है, यानी जितनी भी फ़सलें उत्पादक किसान के पास होती हैं, उन्हें MSP पर ख़रीदा जा सकता है।

MSP की भूमिका और किसानों को मिलने वाले फ़ायदे

MSP किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है, जिससे वे मूल्य गिरावट के जोखिम से बच सकते हैं। MSP (Minimum Support Price) के माध्यम से किसान सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी फ़सल का उचित मूल्य मिलेगा, चाहे बाज़ार में स्थिति कैसी भी हो। इसके अलावा, MSP (Minimum Support Price) से किसानों की आय में स्थिरता बनी रहती है और वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर तरीके से चला सकते हैं।

खरीफ फ़सलों की अखिल भारतीय उत्पादन लागत और MSP

S1. A B C D=C-B E F G=F-E
No. खरीफ फ़सलें लागत MSP
2020-21 2024-25 Difference 2020-21 2024-25 Difference
1 सामान्य धान 1245 1533 288 1868 2300 432
2 ज्वार 1746 2247 501 2620 3371 751
3 बाजरा 1175 1485 310 2150 2625 475
4 रागी 2194 2860 666 3295 4290 995
5 मक्का 1213 1447 234 1850 2225 375
6 तूर(अरहर) 3796 4761 965 6000 7550 1550
7 मूंग 4797 5788 991 7196 8682 1486
8 उड़द 3660 4883 1223 6000 7400 1400
9 मूंगफली 3515 4522 1007 5275 6783 1508
10 सूरजमुखी 3921 4853 932 5885 7280 1395
11 सोयाबीन(पीला) 2587 3261 674 3880 4892 1012
12 तिल 4570 6178 1608 6855 9267 2412
13 नाइजर बीज 4462 5811 1349 6695 8717 2022
14 कपास 3676 4747 1071 5515 7121 1606

रबी फ़सलों की अखिल भारतीय उत्पादन लागत और MSP

2021-22 2025-26 Difference 2021-22 2025-26 Difference
1 गेहूँ 960 1182 222 1975 2425 450
2 जौ 971 1239 268 1600 1980 380
3 चना 2866 3527 661 5100 5650 550
4 मसूर (दाल) 2864 3537 673 5100 6700 1600
5 सरसों 2415 3011 596 4650 5950 1300
6 कुसुम 3551 3960 409 5327 5940 613

कोपरा की अखिल भारतीय उत्पादन लागत और MSP

S1.No. फ़सल लागत MSP
2021 2025 Difference 2020-21 2024-25 Difference
1 कोपरा 6805 7721 916 10335 11582 1247

जूट की अखिल भारतीय उत्पादन लागत और MSP

S1.No. फ़सल लागत MSP
2021-22 2025-26 Difference 2021-22 2025-26 Difference
1 जूट 2832 3387 555 4500 5650 1150

निष्कर्ष

MSP (Minimum Support Price) का उद्देश्य किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाना है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि किसान अपनी फ़सलों के उत्पादन पर सही मूल्य प्राप्त करें और बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बच सकें। हालांकि, MSP (Minimum Support Price) के तहत फ़सलों की ख़रीद की प्रक्रिया और इसके प्रभावों को समझना ज़रूरी है, ताकि किसानों को इससे अधिकतम लाभ मिल सके।

ये भी पढ़ें: मणिपुर में खट्टे फलों के प्रसंस्करित उत्पादों के लिए ICAR-CCRI और Magfruit के बीच समझौता

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top