अनियमित बारिश हो या सूखा-बाढ़ से फसलें तबाह, Digi-Claim से मिनटों में किसान भाई पाएं बीमा राशि

पहले बीमा क्लेम (Insurance Claim) लेने का प्रोसेस इतनी कठिन था कि किसानों को महीनों तक चक्कर काटने पड़ते थे। अब इसका समाधान हो गया है, वो है Digi-Claim Digital Platform जिसके ज़रीये ने बीमा क्लेम का प्रोसेस को आसान, तेज और ट्रांसपेरेंट बना दिया है।

अनियमित बारिश हो या सूखा-बाढ़ से फसलें तबाह, Digi-Claim से मिनटों में किसान भाई पाएं बीमा राशि

खरीफ का सीज़न हो या रबी, किसानों की मेहनत अक्सर प्रकृति की मार से बर्बाद हो जाती है। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा या बाढ़ या कभी भी फसलों को भारी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों का सहारा बनती है। लेकिन पहले बीमा क्लेम (Insurance Claim) लेने का प्रोसेस इतनी कठिन था कि किसानों को महीनों तक चक्कर काटने पड़ते थे। अब इसका समाधान हो गया है, वो है Digi-Claim Digital Platform जिसके ज़रीये ने बीमा क्लेम का प्रोसेस को आसान, तेज़ और ट्रांसपेरेंट बना दिया है।

Digi-Claim क्या है? कैसे बदल रहा है किसानों की जिंदगी?

Digi-Claim केंद्र सरकार की एक डिजिटल सेवा है, जिसे 2023 में कृषि मंत्रालय ने लॉन्च किया था। ये PFMS (Public Financial Management System) और NCIP (National Crop Insurance Portal) का इंटिग्रेटेड तरीका है, जिसका एक ही मकसद है कि किसानों को उनके बीमा क्लेम की राशि बिना देरी और बिना भ्रष्टाचार के मिल जाए। 

कैसे काम करता है Digi-Claim?

फसल नुकसान की रिपोर्ट: अगर किसान की फसल किसी प्राकृतिक आपदा से नष्ट होती है, तो कृषि अधिकारी या बीमा कंपनी का सर्वे ग्रुप खेत का मुआयना करता है।

डेटा अपलोड: सर्वे के बाद, फसल नुकसान का डेटा NCIP पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।

ऑटोमेटेड क्लेम प्रोसेसिंग: Digi-Claim सिस्टम इस डेटा को प्रोसेस करता है और PFMS के जरिए क्लेम की काउटिंग करता है।

सीधा भुगतान: बीमा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है, बिना किसी मिडिल मैन के 

रियल-टाइम ट्रैकिंग: किसान pmfby.gov.in पर लॉगिन करके अपने क्लेम का स्टेटस लाइव चेक कर सकते हैं।

Digi-Claim के 5 बड़े फायदे 

ट्रांसपेरेंसी: पहले किसानों को पता ही नहीं चलता था कि उनका क्लेम कहां अटका है। अब हर अपडेट मोबाइल पर दिखेगा 
सुपरफास्ट सेटलमेंट-: बीमा कंपनियां अब PFMS के जरिए तुरंत पेमेंट करती हैं, कोई लेट-लतीफी नहीं 
कोई दलाल नहीं-: सीधे बैंक अकाउंट में पैसा, कोई कमीशन खोरी या रिश्वत नहीं
आसान ट्रैकिंग-: राज्य सरकारें भी देख सकती हैं कि किस किसान को कितना भुगतान हुआ।
सटीक डेटा-: राज्य सरकारें फसल उपज का डेटा अपडेट करती हैं, जिससे क्लेम की काउटिंग सही होती है।

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कैसे उठाएं Digi-Claim का फायदा? जानें स्टेप बाय स्टेप गाइड

1.PMFBY में रजिस्ट्रेशन जरूरी 

  • आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और ज़मीन के दस्तावेज तैयार रखें।
  • अपनी फसल का बीमा करवाएं।

2.फसल नुकसान की सूचना दें 

अगर फसल ख़राब हुई है, तो तुरंत कृषि अधिकारी या बीमा कंपनी को बताएं करें।

3.सर्वे और डेटा अपलोड 

अधिकारी खेत का सर्वे करेंगे और NCIP पोर्टल पर डेटा डालेंगे।

4.ऑनलाइन ट्रैक करें क्लेम 

pmfby.gov.in पर जाकर अपने क्लेम का स्टेटस चेक करें।

5.बैंक में पैसा 

भुगतान सीधे आपके खाते में आ जाएगा, बिना किसी झंझट के

अब किसानों को कोई टेंशन नहीं 

पहले बीमा क्लेम के लिए किसानों को कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन Digi-Claim ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह बदल दिया है। अब बस एक क्लिक में क्लेम, बिना किसी टेंशन के। अगर आप भी एक किसान हैं और PMFBY के तहत बीमा करवा चुके हैं, तो फसल नुकसान होने पर Digi-Claim का फायदा उठाएं।


सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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