Digital Seed System: खरीफ 2026 से पहले भारत में पूरी तरह डिजिटल हो सकती है बीज प्रणाली,जानें पूरी जानकारी

सरकार का लक्ष्य है कि खरीफ सीजन 2026 से पहले पूरे देश में बीजों की पूरी डिजिटल प्रणाली (Digital Seed System) लागू कर दी जाए।

Digital Seed System: खरीफ 2026 से पहले भारत में पूरी तरह डिजिटल हो सकती है बीज प्रणाली,जानें पूरी जानकारी

भारत सरकार ने बीजों के उत्पादन और वितरण को पूरी तरह डिजिटल प्रणाली (Digital Seed System) बनाने की योजना बनाई है। इसका मतलब यह है कि अब किसानों को असली और नकली बीज की पहचान करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार का लक्ष्य है कि खरीफ सीजन 2026 से पहले पूरे देश में बीजों की पूरी डिजिटल प्रणाली (Digital Seed System) लागू कर दी जाए।

क्या है ये डिजिटल प्रणाली? (What Is Digital Seed System?)

इस प्रणाली का नाम SATHI पोर्टल (SATHI Portal) है, जिसमें 24 राज्य पहले ही जुड़ चुके हैं। इसके तहत बीजों की पूरी श्रृंखला—बीज उत्पादन, प्रमाणन, वितरण और बिक्री—को डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाएगा। यानी, जब कोई किसान बीज खरीदेगा, तो वह उसके पैकेट पर लगे QR कोड को स्कैन करके पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेगा।

kisan of india youtube

कैसे काम करेगी ये व्यवस्था? (How Will This System Work?)

बीज उत्पादन से लेकर बिक्री तक सब कुछ ऑनलाइन 

    • बीज कहां पैदा हुआ?
    • किस किसान या कंपनी ने इसे तैयार किया?
    • कौन सी एजेंसी ने इसकी गुणवत्ता जांची?
    • यह बीज किन-किन डीलरों के पास से गुजरकर किसान तक पहुंचा?

 सारी जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी (All Information Will Be Available In ONe Click)

QR कोड से पता चलेगा बीज की असली पहचान 

    • अब तक किसानों को नकली या खराब बीज मिलने की शिकायतें आती थीं।
    • नई व्यवस्था में हर बीज के पैकेट पर QR कोड होगा, जिसे स्कैन करके किसान सारी डिटेल्स देख सकेगा।

महाराष्ट्र बना अगुआ, अन्य राज्य भी जुड़ रहे 

    • महाराष्ट्र ने खरीफ 2024 सीजन से ही इस प्रणाली को लागू कर दिया है।
    • असम, छत्तीसगढ़, पंजाब, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे राज्य भी पिछले रबी सीजन से इसमें शामिल हो चुके हैं।
      kisan of india instagram

किसानों को क्या फायदा होगा? (What Will The Farmers Benefit From?)

नकली बीजों से छुटकारा 

    • अक्सर किसानों को घटिया या नकली बीज मिल जाते हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है।
    • अब QR कोड स्कैन करके वे पता लगा सकेंगे कि बीज असली है या नहीं।

बीज की गुणवत्ता की पूरी जानकारी 

    • किसान जान सकेगा कि बीज कितना अच्छा है, उसकी अंकुरण क्षमता क्या है और क्या यह उसके खेत के लिए सही है।

आसान होगा शिकायत दर्ज करना 

    • अगर बीज खराब निकला, तो किसान सीधे उत्पादक या वितरक के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, क्योंकि सारा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध होगा।

बीजों की ट्रैकिंग 

    • किसान यह भी देख सकेगा कि बीज कहाँ से आया और कितने हाथों से गुजरकर उस तक पहुंचा।
      Digital Seed System: खरीफ 2026 से पहले भारत में पूरी तरह डिजिटल हो सकती है बीज प्रणाली,जानें पूरी जानकारी

क्या कहते हैं अधिकारी? (What Do The Officials Say?)

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू ने बताया कि,
“बीज उत्पादन श्रृंखला का एक बड़ा हिस्सा पहले ही डिजिटल हो चुका है। अब हमारा फोकस वितरण नेटवर्क को डिजिटल बनाने पर है, ताकि किसान बीज खरीदते समय QR कोड स्कैन करके सारी जानकारी प्राप्त कर सके।”

आगे की राह (The Way Forward)

सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक पूरे देश में बीजों की पूरी सप्लाई चेन डिजिटल हो जाए। इससे न केवल किसानों को बेहतर बीज मिलेंगे, बल्कि कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी।

ये डिजिटल पहल किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगी। अब किसानों को धोखाधड़ी से बचाने और उनकी फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में यह प्रणाली मददगार साबित होगी। जल्द ही पूरा भारत डिजिटल बीज प्रणाली (Digital Seed System) का लाभ उठा सकेगा।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

इसे भी पढ़िए: सीमा पर जवान और खेत में किसान: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीमावर्ती किसानों की मदद के लिए उठाए कदम

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top