European Union ने भारतीय मत्स्य निर्यात के लिए खोले नए द्वार, 102 और फर्मों को मिली मंज़ूरी

यूरोपीय संघ (European Union) दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सख्त मानकों वाले आयात बाजारों में से एक है। उसके खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के मानक (Food safety and quality standards) काफी हाई हैं। ऐसे में, 102 नई यूनिट्स  का मंजूरी पाना इस बात का प्रमाण है कि India's export control mechanism  (एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल - EIC) कितना मजबूत और भरोसेमंद है।

European Union ने भारतीय मत्स्य निर्यात के लिए खोले नए द्वार, 102 और फर्मों को मिली मंज़ूरी

भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र (Fishing area) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। European Union (EU) ने भारत की 102 नई मत्स्य इकाइयों (102 new fisheries units) को अपने बाजार में एक्सपोर्ट  की मंजूरी दे दी है। इस फैसले से भारतीय झींगा और सेफलोपोड्स ( squid and octopus) जैसे समुद्री उत्पादों के लिए यूरोप के बाजार के दरवाजें और चौड़े हो गए हैं। ये फैसला वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Commerce Minister Piyush Goyal) सहित भारतीय अधिकारियों और EU अधिकारियों  के बीच हुई हाई-लेवल बातचीत का रिज़ल्ट है।

क्या है इस मंजूरी का महत्व?

यूरोपीय संघ (European Union) दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सख्त मानकों वाले आयात बाजारों में से एक है। उसके खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के मानक (Food safety and quality standards) काफी हाई हैं। ऐसे में, 102 नई यूनिट्स  का मंजूरी पाना इस बात का प्रमाण है कि India’s export control mechanism  (एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल – EIC) कितना मजबूत और भरोसेमंद है। ये भारतीय समुद्री उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा (Quality and Safety of Indian Marine Products) पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भरोसे को दिखाता है।

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रोज़गार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

भारत का मत्स्य क्षेत्र (Fishing area) तीन करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका का स्रोत है और भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश (The world’s second largest fish producer) बनाता है। 2024-25 में देश का कुल मत्स्य उत्पादन लगभग 195 लाख टन रहने का अनुमान है। इस नई मंजूरी से तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्यातकों को भारी फायदा होगा। इससे:

  • निर्यात मात्रा में बढ़ोत्तरी: ईयू की मांग को पूरा करने के लिए निर्यात के अवसर बढ़ेंगे।
  • रोजगार: प्रोसेसिंग यूनिट्स, लॉजिस्टिक्स और संबंधित क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा होंगे।
  • विदेशी मुद्रा: निर्यात बढ़ने से देश को अधिक विदेशी मुद्रा मिलेगी, जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
  • प्रिमियम प्रोडक्ट्स: निर्यातक झींगे के अलावा विद्रूप, ऑक्टोपस जैसे प्रीमियम उत्पादों पर  ध्यान दे सकेंगे।

भारत: एक भरोसेमंद शिपिंग एक्सपोर्टर के रूप में

भारत दुनिया का सबसे बड़ा झींगा निर्यातक (India is the world’s largest shrimp exporter) है। 2023-24 में भारत के समुद्री उत्पादों का निर्यात 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का रहा। वाणिज्य विभाग (Department of Commerce) निर्यातकों का लगातार समर्थन कर रहा है, चाहे वह नीतिगत सुविधाओं के ज़रिये से हो, बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए हो या क्षमता निर्माण पहलों के द्वारा। EIC और EIAS जैसी एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय मानकों (International Standards) का पालन करने, लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करने और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा (Global Reputation) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

 

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