बड़ी संख्या में किसान संगठनों (Farmers’ organizations) के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) से मुलाकात की। संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सरकार के उस ठोस फैसले का स्वागत किया, जिसमें विदेशी कंपनियों को भारतीय कृषि और डेयरी क्षेत्र (Indian Agriculture and Dairy Sector) में घुसपैठ करने से (Historic Decision Of Modi government) रोक दिया गया। देश के किसानों के लिए ये दिन ऐतिहासिक रहा। पूसा कैंपस के सुब्रहमण्यम हॉल में आयोजित इस बैठक में देशभर के किसान नेता मौजूद रहे।
अमेरिकी कंपनियों को नहीं मिलेगी एंट्री: किसानों की जीत
भारतीय किसान चौधरी चरण सिंह संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने साफ़ कर दिया है कि देश अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों (herders and fishermen) के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। ये फैसला न सिर्फ करोड़ों किसानों को राहत देगा, बल्कि भारतीय कृषि (Indian Agriculture) को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के विरेंद्र लोहान ने भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा की पीएम मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर (Agriculture and Dairy Sector) में घुसने से रोककर ये साबित कर दिया कि भारत का किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि देश की आत्मा है।
नकली खाद-बीज के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई का ऐलान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जो लोग नकली खाद, बीज और कीटनाशक बेचकर किसानों को ठग रहे हैं, उनके खिलाफ जल्द ही सख्त कानून लाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार किसानों के हित में कोई समझौता नहीं करेगी।
पीएम मोदी और कृषि मंत्री ने टेंशन दूर की
पंजाब के किसान नेता किरपा सिंह नत्थूवाला ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम बहुत डरे हुए थे कि कहीं अमेरिका के दबाव में सरकार कोई गलत कदम न उठा ले। अगर ऐसा होता तो हम किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाते। लेकिन पीएम मोदी और कृषि मंत्री इस चिंता को दूर किया।
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