फसल कटाई के दौरान जो डंठल, फूल और पत्ते ज़मीन पर गिर जाते हैं, उन्हें कृषि कचरा कहा जाता है। इस कचरे को या तो किसान फेंक देते हैं, या फिर उसकी खाद बना लेते हैं। पर क्या आपको पता है कि इस कृषि कचरे (Agricultural Waste) से खाने के प्रॉडक्ट्स भी बनाए जा सकते हैं? बेंगलुरू के ICAR- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसी ही तकनीक विकसित की है। इस तकनीक में पत्ता गोभी के पत्ते के कचरे से ब्रेड, बिस्कुट और रस्क तैयार किए गए। इस तकनीक को संस्थान के वैज्ञानिक सी.के.नारायण और डी.वी.सुधाकर राव ने ईज़ाद किया है।
पत्ता गोभी के पत्ते का कचरा पोषक तत्वों से होता है भरपूर
देश के मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में पत्ता गोभी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। भारत में लगभग 40 लाख टन पत्ता गोभी के पत्ते खेतों में अवशेष (Waste) के रूप में बर्बाद हो जाते हैं। पत्ता गोभी के पत्ते के कचरे में काफ़ी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। ये फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, सोडियम, आयरन और विटामिन ए जैसे खनिजों से भरपूर होते हैं।
पत्ता गोभी के कचरे से कैसे तैयार किए जाते हैं प्रॉडक्ट्स?
इस प्रक्रिया के दो चरण होते हैं। पहले चरण में साफ़-सफ़ाई, पाउडर तैयार करना और दूसरे चरण में बेकिंग करते समय पोषक तत्वों को बनाए रखने पर काम करना होता है। सबसे पहले गंध दूर करने के लिए पत्ता गोभी के पत्तों को अच्छे से धोया जाता है। फिर उसे सुखाकर बारीक पाउडर बनाया जाता है। पाउडर में कुल पाउडर का 7 प्रतिशत मैदा मिलाया जाता है। फिर ज़रूरत के हिसाब से आटा गूंथ लिया जाता है। फिर तय तापमान में इन्हें बेक कर लिया जाता है। इस प्रयोग में पत्ता गोभी के पत्तों से तैयार बेक्ड प्रॉडक्ट्स, गेंहू के आटे के अच्छे विकल्प के तौर पर सामने आए।
ICAR-IIHR देता है ट्रेनिंग
नाश्ते में खाए जाने वाले इन प्रॉडक्ट्स में पोषक तत्वों की मात्रा अच्छी पाई गई। इन प्रोडक्टस में 3 से 5 गुना ज़्यादा कैरोटीनॉयड पाया गया। ये आंखों के लिए फ़ायदेमंद होता है। 2 से 10 गुना क्रूड फाइबर की मात्रा पाई गई, जो शुगर को कंट्रोल करने में मददगार होती है। 80 से 100 फ़ीसदी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर तत्व भी पाए गए। इस तकनीक से जुड़ी ट्रेनिंग लेने के लिए या इसके बारे में जानकारी लेने के लिए आप ICAR-Indian Institute of Horticultural Research, Bangalore से संपर्क कर सकते हैं।
पत्ता गोभी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत
चीन के बाद दुनिया में पत्ता गोभी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है। देश में प्रमुख गोभी उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, गुजरात, असम, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, औसतन 100 दिन में पत्ता गोभी की फसल तैयार हो जाती है।
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