धनिये की खेती में कहां के किसान सबसे ज़्यादा धनवान ?

मध्य प्रदेश के गुना ज़िले को राज्य सरकार की एक ज़िला एक उत्पाद योजना से मदद मिल रही है और उत्पादन को प्रोत्साहन के साथ-साथ स्थानीय रोजगार भी उपलब्ध हो रहे हैं।

धनिये की खेती

धनिये की खेती (Farming of Coriander): भारत धनिया का प्रमुख निर्यातक देश है। धनिया एक ऐसा कृषि उत्पाद है जिसके बिना सब्जी का स्वाद अधूरा सा रहता है। इसे किसान मसालों के रूप में तो बेचते ही हैं, साथ ही हरे धनिया से भी अच्छा मुनाफ़ा कमा लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में सबसे ज़्यादा धनिये का उत्पादन कौन सा जिला करता है? देश में मुख्य तौर पर तीन जिले हैं जहां धनिये का सबसे अधिक उत्पादन होता है।

इसमें पहले स्थान पर आता है मध्य प्रदेश का गुना जिला, जो देश के कुल धनिया उत्पादन का 25 फ़ीसदी धनिया पैदा करता है। मध्य प्रदेश सरकार ‘एक जिला एक उत्पाद’ के अंतर्गत गुना जिले में धनिया उत्पादन को बढ़ावा भी दे रही है। गुना जिले में प्रति वर्ष 3 लाख 32 हज़ार क्विंटल धनिये का उत्पादन हो रहा है।

‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ के तहत गुना जिले में 100 इकाइयां धनिया प्रोसेसिंग एवं धनिया पाउडर निर्माण में लगी हुई हैं। इनमें करीबन 12 करोड़ की पूंजी विनियोजन की हुई है। इन इकाइयों से करीबन 1500 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है।

coriander production madhya pradesh guna ( धनिया उत्पादन )

भारत के कई राज्यों में होती है धनिया की खेती,गुना जिले में सर्वाधिक उत्पादन

गुना जिले के बाद दूसरे स्थान पर राजस्थान का रामगंज मंडी और तीसरे स्थान पर गुजरात का गोंडल जिला आता है। गुना जिले के प्रमुख धनिया उत्पादक क्षेत्र बमोरी, चांचौडा, मधुसूदनगढ, कुंभराज हैं। वहाँ छोटा धनिया एवं मोटा धनिया का उत्पादन होता है। गुना जिले का छोटा धनिया खुशबूदार होता है, जिसकी कई मेट्रो शहर मसलन महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली में भारी मांग रहती है। गुना जिले में धनिया एवं धनिया उत्पाद की ब्रांडिंग एवं सार्टिंग कर गुना जिले के उद्यमियों एवं कृषकों को लाभ भी पहुंचाया जा रहा है।

पूरे भारत में वित्तीय वर्ष 2020 में मध्य प्रदेश ने सबसे अधिक मात्रा में धनिया के बीज का उत्पादन किया। यह 628 हजार हेक्टेयर के क्षेत्र में 370  हजार मीट्रिक टन से भी अधिक था। 2020 में देश में धनिया के बीज का वार्षिक उत्पादन 755 हजार मीट्रिक टन से अधिक था। भारत में धनिया की खेती मुख्य रूप से पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार, आंध्रप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र,  उत्तर प्रदेश और कनार्टक में अधिक की जाती है।

ये भी पढ़ें- धनिये की उन्नत खेती: कम लागत वाली नगदी फसल दे बढ़िया मुनाफ़ा

कम वक़्त में तैयार हो जाती है धनिया की फसल 

बात दें कि धनिया की फसल कम वक्त में तैयार हो जाती है। बुवाई के बाद धनिया की फसल बेचने के लिए 35 से 40 दिन में तैयार हो जाती है। किसान हरा धनिया और मसालों के रूप में बेचने के लिए इसकी खेती करते हैं। दोनों में ही मुनाफ़े के अवसर को देखते हुए किसान इसे बेचकर कमाई का जरिया बना रहे हैं।

Kisan of India Instagram
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
मंडी भाव की जानकारी
ये भी पढ़ें:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top