Makhana Farming: मखाना बोर्ड से किसानों को मिलेगी नई पहचान,दरभंगा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने सीखा मखाना खेती का तरीका

भारत सरकार मखाना कृषि क्षेत्र (Makhana farming) में सुधार और किसानों की स्थिति मजबूत करने के लिए लागातार प्रयास कर रही है। अपने उद्देश्यों तो पूरा करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने हाल ही में बिहार (Bihar) के दरभंगा में मखाना किसानों (Makhana Farmers) से मुलाकात की। इस दौरे के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने मखाना किसानों से मुलाकारत पानी में उतर की और उकी समस्याओं को जमीनी स्तर पर समझा।

Makhana Farming: मखाना बोर्ड से किसानों को मिलेगी नई पहचान,दरभंगा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने सीखा मखाना खेती का तरीका

भारत सरकार मखाना कृषि क्षेत्र (Makhana farming) में सुधार और किसानों की स्थिति मजबूत करने के लिए लागातार प्रयास कर रही है। अपने उद्देश्यों तो पूरा करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने हाल ही में बिहार (Bihar) के दरभंगा में मखाना किसानों (Makhana Farmers) से मुलाकात की। इस दौरे के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने मखाना किसानों से मुलाकारत पानी में उतर की और उकी समस्याओं को जमीनी स्तर पर समझा।

मखाना: बिहार की शान और पोषण का खजाना (Makhana: The Pride of Bihar And A Treasure of Nutrition)

मखाना (Makhana), जिसे अंग्रेज़ी में Fox Nuts कहा जाता है, बिहार का एक प्रमुख कृषि उत्पाद है। पौष्टिकता से भरपूर होने की वजह से इसे सुपरफूड (Superfoods) कहा जाता है। जिसका उपयोग देशभर में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है। बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र, ख़ासकर दरभंगा, मखाना प्रोडक्शन के लिए फेमस है।

केंद्रीय बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मखाना बोर्ड (Makhana Board) की स्थापना का ऐलान किया है। ये बोर्ड मखाना प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग में नई दिशा प्रदान करेगा। साथ ही, ये भी सुनिश्चित करेगा कि मखाना उत्पादक किसान संगठित रूप से एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के तहत काम कर सकें।

किसानों की चुनौतियां और समाधान (Farmers’ Challenges And Solutions)

दरभंगा दौरे के दौरान मंत्री चौहान ने मखाना किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझने के लिए ख़ुद तालाब में उतरकर खेती प्रक्रिया का अनुभव किया। मखाना उत्पादन एक कठिन काम है जिसमें किसानों को दिनभर कीचड़ भरे तालाब में रहकर काम करना पड़ता है।
किसानों ने अपनी समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया, जिनमें मुख्य रूप से ये बातें शामिल थीं-

काम के दौरान हेने वाली परेशानियां: मखाना खेती में लंबी अवधि तक पानी में खड़े रहना पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं।

तकनीकी ज्ञान की कमी: नई तकनीकों की जानकारी और संसाधनों की उपलब्धता सीमित है।

मार्केटिंग की समस्या: उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर रहती है।

प्रोसेसिंग और स्टोरेज की समस्या: उचित सुविधाओं की कमी के कारण मखाना की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

मखाना बोर्ड का गठन: एक नई शुरुआत (Formation of Makhana Board: A New Beginning)

मखाना बोर्ड के गठन से किसानों की समस्याओं का समाधान करने में सहायता मिलेगी। ये बोर्ड इन बिंदुओं पर काम करेगा-

तकनीकी प्रशिक्षण: किसानों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी प्रदान की जाएगी।

प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन: मखाना की प्रोसेसिंग के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

मार्केटिंग सहायता: किसानों को बाज़ार से जोड़ने के लिए ख़ास योजनाएं चलाई जाएंगी।

सरकारी योजनाओं का लाभ: किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ दिलाने में मदद मिलेगी।

 कृषि मंत्री की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता (Sensitivity And Foresight Of The Agriculture Minister)

कृषि मंत्री चौहान ने अपने संबोधन में साफ किया कि सिर्फ़ दफ्तरों में बैठकर किसानों की समस्याओं को हल नहीं किया जा सकता। इसके लिए ज़मीनी स्तर पर जाकर उनकी समस्याओं को समझना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि “बिहार एक असाधारण राज्य है। यहां की प्रतिभा, किसान और खासतौर पर मखाना सभी उल्लेखनीय हैं। मखाना किसानों को टेक्नोलॉजी के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।”

मखाना बोर्ड के गठन से पहले किसानों से राय लेना ज़रूरी (Take Opinion Of Farmers Before Formation Of Makhana Board)

कृषि मंत्री चौहान ने ये भी कहा कि मखाना बोर्ड के गठन से पहले किसानों से राय लेना आवश्यक है, क्योंकि किसानों से बेहतर कोई नहीं जानता कि उन्हें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनका समाधान कैसे किया जा सकता है।
मखाना अनुसंधान केंद्र को मिलेगा बढ़ावा

बिहार में स्थित राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया गया है। इससे मखाना उत्पादन से जुड़ी नई तकनीकों और शोध कार्यों को प्रोत्साहन मिलेगा। अनुसंधान केंद्र के माध्यम से किसानों को बेहतर प्रशिक्षण और उन्नत बीजों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

मखाना बोर्ड के गठन से बिहार के किसानों को मिलेगी नई पहचान (Makhana Board will Give A New Identity To The Farmers Of Bihar)

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का दरभंगा दौरा केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि यह किसानों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और दूरदर्शिता का परिचायक था। मखाना बोर्ड के गठन से बिहार के किसानों को नई पहचान मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सरकार की ये पहल निश्चित रूप से किसानों के लिए लाभकारी होगी और मखाना उद्योग को नई ऊचाइयों तक ले जाएगी।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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