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भारत के पशु चिकित्सा इतिहास (Veterinary history) में एक ऐतिहासिक और लाइफ सेविंग पहल की शुरुआत हुई है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying) के तहत आने वाले Department of Animal Husbandry and Dairying (DAHD) ने ‘पशुओं में रक्ताधान और रक्त बैंकों के लिए दिशा-निर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाएं (Guidelines and standard operating procedures for blood transfusion in animals and blood banks) यानि SOPs जारी किया है। ये दस्तावेज भारत में पशु चिकित्सा देखभाल के क्षेत्र (Areas of veterinary care) में एक बड़े खाली जगह को भरता है और देश को Global Standards के साथ लाता है।
एक अहम लेकिन अनदेखी ज़रूरत
रक्ताधान (Blood Transfusion) दुनिया भर में एक जीवनरक्षक हस्तक्षेप (Life-saving interventions) माना जाता है। ये पशुओं में चोट, गंभीर एनीमिया, ऑपरेशन में रक्तस्राव, संक्रामक रोगों और रक्त स्कंदन विकारों के प्रबंधन (Management of bleeding, infectious diseases and blood coagulation disorders) के लिए काफी ज़रूरी है। हालांकि, अब तक, भारत के पास पशु रक्ताधान चिकित्सा (animal blood transfusion therapy ) के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय ढांचा (Comprehensive national framework) नहीं था। ज़्यादातर रक्ताधान इमरजेंसी कंडीशन में, मानकीकृत दाता जांच, रक्त टाइपिंग या स्टोरेज प्रोटोकॉल (Standardized donor screening, blood typing or storage protocols) के बिना किए जाते थे, जिससे जोखिम बना रहता था।
दिशा-निर्देशों की प्रमुख ख़ासियतें
राज्य-विनियमित पशु रक्त बैंक (State-Regulated Animal Blood Bank)
राज्यों को जैव सुरक्षा-अनुपालन (Biosafety-compliance) वाले बुनियादी ढांचे के साथ पशु रक्त बैंक (animal blood bank) तैयार करने का मार्गदर्शन। ये पशु रक्त की उपलब्धता और गुणवत्ता को देखेगा।
रक्त टाइपिंग और क्रॉस-मैचिंग (Blood typing and cross-matching)
बेमेल रिएक्शन (Incompatibility Reactions) को रोकने के लिए रक्ताधान से पहले दाता और प्राप्तकर्ता के रक्त की जांच Mandatory की गई है।
दाता पशु की पात्रता (Eligibility of donor animal)
दाता पशु के हेल्थ, टीकाकरण, उम्र, वजन और रोगों (जैसे बबेसियोसिस, ट्रिपेनोसोमियासिस) की स्क्रीनिंग के लिए स्पष्ट मानदंड (Clear criteria) निर्धारित किए गए हैं।
स्वैच्छिक रक्तदान और दाता अधिकार (Voluntary blood donation and donor rights)
इसमें ‘स्वैच्छिक, गैर-पारिश्रमिक दान’ (‘Voluntary, non-remunerated donation’) और ‘सूचित सहमति’ (‘informed consent’) पर जोर दिया गया है। एक ‘दाता अधिकार चार्टर’ (Donor Rights Charter’) भी शामिल है जो दाता पशु की भलाई देखता है।
वन हेल्थ सिद्धांत (One Health principle)
रक्तदान के ज़रिये से जूनोटिक बीमारियों (जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकती हैं) के प्रसार के जोखिम को manage करने के लिए वन हेल्थ सिद्धांतों (One Health principles) को शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय नेटवर्क का रोडमैप (Roadmap of National Network)
एक नेशनल पशु रक्त बैंक नेटवर्क (N-VBBN) बनाने की योजना है, जिसमें डिजिटल रजिस्ट्री, रियल-टाइम रक्त इन्वेंट्री और एक आपातकालीन हेल्पलाइन (Digital registry, real-time blood inventory and an emergency helpline) शामिल होगी।
शिक्षा और प्रशिक्षण (Education and training)
रक्ताधान प्रोटोकॉल (Blood transfusion protocol) को बी.वी.एससी और एएच पाठ्यक्रम, स्नातकोत्तर कार्यक्रमों (B.V.Sc. & A.H. Courses, Post Graduate Programmes) और निरंतर veterinary एजुकेशन में शामिल किया जाएगा।
आर्थिक और सामाजिक महत्व
भारत का पशुधन और companion animal (पालतू जानवर) क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े और most diverse में से एक है, जिसमें 537 मिलियन से अधिक पशुधन और 125 मिलियन से अधिक पालतू जानवर शामिल हैं। यह क्षेत्र राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 5.5 फीसदी और कृषि GDP में 30 फीसदी से अधिक का योगदान देता है। ये खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण आजीविका और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रीढ़ है। इन दिशा-निर्देशों के ज़रीये से पशुओं के जीवन की रक्षा करना सीधे तौर पर किसानों की आर्थिक स्थिति और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
ये डॉक्यूमेंट इनोवेशन को प्रोत्साहित करता है, जैसे मोबाइल रक्त संग्रह इकाइयां, दुर्लभ रक्त प्रकारों के लिए क्रायोप्रिजर्वेशन, दाता-प्राप्तकर्ता मिलान के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और उन्नत रक्ताधान शोध (Mobile blood collection units, cryopreservation for rare blood types, mobile applications for donor-recipient matching, and advanced transfusion research)। इसे एक सलाहकार और Non-statutory frameworks के रूप में विकसित किया गया है, जो नए वैज्ञानिक प्रमाणों और हितधारकों के feedback के साथ लगातार विकसित होता रहेगा।
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