Milk Revolution In Madhya Pradesh: 2 अक्टूबर से शुरू हो रहा है ‘दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान’, किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमैप

राज्य सरकार दुग्ध उत्पादन में एक ऐतिहासिक छलांग (Milk Revolution In Madhya Pradesh) लगाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर 2 अक्टूबर 2023 से पूरे प्रदेश में ‘दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान’ (dugdh samrddhi sampark abhiyaan) की शुरुआत की जा रही है।

Milk Revolution In Madhya Pradesh: 2 अक्टूबर से शुरू हो रहा है ‘दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान’, किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमैप

मध्यप्रदेश के किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई सुबह का सूरज निकलने वाला है। राज्य सरकार दुग्ध उत्पादन में एक ऐतिहासिक छलांग (Milk Revolution In Madhya Pradesh) लगाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर 2 अक्टूबर 2023 से पूरे प्रदेश में ‘दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान’ (dugdh samrddhi sampark abhiyaan) की शुरुआत की जा रही है। ये सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों की आय दोगुनी करने का एक सुनियोजित और वैज्ञानिक रोडमैप है।

एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य: दुग्ध उत्पादन को दोगुना करना

मध्यप्रदेश पहले से ही देश के अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्यों में शामिल है। लेकिन मुख्यमंत्री यादव की दूरदर्शिता इस सफलता को और ऊंचाइयों पर ले जाने की है। इस अभियान का पहला टारगेट राज्य के दुग्ध उत्पादन को आज के वक्त से दोगुना करना है। ये लक्ष्य केवल नंबर्स का खेल नहीं है, बल्कि इसके पीछे लाखों पशुपालक परिवारों की आजीविका सुधारने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश की फूड सिक्योरिटी में योगदान देने की गहरी सोच है।

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 घर-घर तक पहुंचेगा विज्ञान

इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत इसकी Micro-level and systemic strategy है। अभियान को तीन स्टेज में बांटा गया है ताकि हर पशुपालक तक पहुंचा जा सके और उसकी जरूरत के हिसाब से मार्गदर्शन दिया जा सके।

First Phase (बड़े पशुपालक): इस चरण में उन पशुपालकों पर फोकस किया जाएगा जिनके पास 10 या अधिक गौवंश या भैंसवंश हैं। ये वे प्रगतिशील पशुपालक हैं जिनका दूध उत्पादन पर महत्वपूर्ण प्रभाव है। इन्हें उन्नत तकनीकों से जोड़कर उत्पादन में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

Second Phase (मध्यम पशुपालक): इसके तहत 5 या ज़्यादा पशुओं वाले पशुपालकों से कॉन्टेक्ट किया जाएगा। ये समूह राज्य के दुग्ध उत्पादन की रीढ़ है।

Third Phase (छोटे पशुपालक): लास्ट फेज़ में 5 या उससे कम पशुओं वाले परिवारों तक पहुंचना है। अक्सर यही वर्ग संसाधनों और जानकारी की कमी से जूझता है। इस अभियान का लक्ष्य इन सबसे छोटी इकाई तक में बदलाव लाना है।

क्या होगा इस अभियान में? जानिए मेन प्वाइंट्स 

ये अभियान सिर्फ बातचीत नहीं, बल्कि एक Practical and solution-oriented पहल है। पशुपालन विभाग के अमला, जिसमें सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी (Assistant Veterinary Area Officer) और मैत्री कार्यकर्ता (Friendship workers) शामिल हैं, सीधे गांव-गांव, घर-घर जाकर पशुपालकों से बातचीत करेंगे। उन्हें  मुख्य विषयों पर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाएगा-

नस्ल सुधार: देशी नस्लों के साथ-साथ उच्च उत्पादन क्षमता वाली विदेशी नस्लों जैसे होल्स्टीन फ्रीजियन, जर्सी के संकर नस्लों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) जैसी वैज्ञानिक तकनीकों को बढ़ावा देना इसका अहम हिस्सा होगा।

पशु स्वास्थ्य: पशुओं में होने वाले रोगों की रोकथाम, समय पर टीकाकरण और उचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाएगा। एक स्वस्थ पशु ही अधिक और गुणवत्तापूर्ण दूध दे सकता है।

संतुलित पोषण: पशुओं के लिए संतुलित आहार का महत्व समझाया जाएगा। हरा चारा, सूखा चारा, दाना और खनिज लवणों का सही अनुपात में प्रबंधन कैसे करें, इसकी जानकारी दी जाएगी।

पशु टैगिंग: पशुओं में टैग लगाने की प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा। इससे न केवल पशुओं की निगरानी आसान होगी, बल्कि उनके स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड रखने और बीमा जैसी सुविधाओं का लाभ लेने में भी मदद मिलेगी।

मुनादी से लेकर डिजिटल मीडिया तक: व्यापक प्रचार-प्रसार

प्रमुख सचिव पशुपालन उमाकांत उमराव ने इस अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया है। इसे सफल बनाने के लिए पारंपरिक और आधुनिक, दोनों माध्यमों का इस्तेमाल किया जाएगा। अखबारों, टीवी, डिजिटल मीडिया के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में मुनादी के माध्यम से भी लोगों तक जानकारी पहुंचेगी। इसके अलावा, अभियान के ‘मास्टर ट्रेनर्स’ को राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल (State Animal Husbandry Training Institute, Bhopal) में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे जमीनी स्तर पर बेहतर मार्गदर्शन कर सकें।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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