Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana: उत्तर प्रदेश के डेयरी किसानों के लिए मिनी नंदिनी योजना, पाएं 11.80 लाख तक की सब्सिडी

‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत चलाई जा रही ‘मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना’ ((Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana) ) किसानों को आज़ाद बनने और डेयरी बिज़नेस शुरू करने का एक शानदार मौका दे रही है। इस स्कीम का सबसे आकर्षक पहलू ये है कि इसमें 11.80 लाख रुपये तक की सब्सिडी सरकार देगी।

Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana: उत्तर प्रदेश के डेयरी किसानों के लिए मिनी नंदिनी योजना, पाएं 11.80 लाख तक की सब्सिडी

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और देसी नस्ल की गायों के संरक्षण के लिए एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना लेकर आई है। ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत चलाई जा रही ‘मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना’ ((Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana) ) किसानों को आज़ाद बनने और डेयरी बिज़नेस शुरू करने का एक शानदार मौका दे रही है। इस स्कीम का सबसे आकर्षक पहलू ये है कि इसमें 11.80 लाख रुपये तक की सब्सिडी सरकार देगी। अप्लाई करने की लास्ट डेट 23 अगस्त 2025 है, इसलिए समय रहते इसका लाभ उठाने की तैयारी करें।

योजना का उद्देश्य: सिर्फ़ सब्सिडी नहीं, संपूर्ण विकास

इस योजना (Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana) का लक्ष्य सिर्फ किसानों को पैसा देना नहीं है, बल्कि उन्हें एक स्थायी और फायदेमंद बिज़नेस से जोड़ना है। इसके जरिए प्रदेश में देसी गायों की नस्लों का संरक्षण होगा, दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। ये योजना कृषि के साथ-साथ पशुपालन को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का एक संपूर्ण प्रयास है।

आपको कितनी मिलेगी आर्थिक मदद?  

अगर आप 10 देसी गायों (साहीवाल, गिर, थारपारकर नस्ल) की एक डेयरी यूनिट स्थापित करना चाहते हैं, तो इसकी कुल लागत 23.60 लाख रुपये आएगी। इसमें से आधी रकम यानि 11.80 लाख रुपये सरकार सब्सिडी के रूप में देगी। शेष राशि में से 15 फीसदी (3.54 लाख रुपये) आपको खुद लगाने होंगे और 35 फीसदी (8.26 लाख रुपये) के लिए आपको बैंक से लोन लेना होगा। सब्सिडी की राशि आपके बैंक खाते में दो किश्तों में सीधे ट्रांसफर (DBT) की जाएगी।

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कौन ले सकता है लाभ? (पात्रता व शर्तें)

हर कोई इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता। इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं 

:-आपके पास गाय या भैंस पालन का कम से कम 3 साल का अनुभव होना चाहिए, जिसकी पुष्टि पशु चिकित्सा अधिकारी करेंगे।

:- डेयरी के लिए कम से कम 20 एकड़ जमीन और चारा उत्पादन के लिए 0.80 एकड़ ज़मीन होनी चाहिए। ये ज़मीन आपकी अपनी, पैतृक, साझेदारी की या फिर 7 साल के लीज डीड पर हो सकती है।

:- ख़रीदी गई गाय किसी Registered Breeding Farm से ही होनी चाहिए, उस पर ईयर टैग लगा हो और उसका बीमा होना ज़रूरी है।

:- एक महत्वपूर्ण बात ये है कि जो किसान पहले से ही कामधेनु या नंदिनी जैसी दूसरी स्कीम का लाभ उठा चुके हैं, वे इसके लिए पात्र नहीं होंगे।

कैसे करें अप्लाई? (Application Process)

स्टेप 1:- आवेदन के लिए सबसे पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें।

स्टेप 2:- अगर ऑनलाइन पोर्टल पर कोई दिक्कत आ रही है, तो आप ऑफलाइन आवेदन (Offline Application) अपने ज़िले के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) या मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) के ऑफिस में जमा करा सकते हैं।

स्टेप 3:- सभी आवेदनों की जांच के बाद, अगर ज्यादा लोग पात्र पाए जाते हैं, तो ई-लॉटरी (कम्प्यूटर द्वारा ड्रा) के जरिए अंतिम लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। ये प्रोसेस पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट होगा।

सावधानी और सुझाव

इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए ज़मीन और अनुभव की शर्तें कुछ छोटे किसानों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती हैं। साथ ही, ग्रामीण इलाकों में ऑनलाइन अप्लाई करना भी एक चुनौती हो सकता है। इन समस्याओं से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना और Digital Help Center बनाना फायदेमंद होगा।

मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना ((Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana) ) उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। यह न सिर्फ आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि देशी गौवंश के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। 23 अगस्त 2025 की अंतिम तिथि का ध्यान रखें और समय रहते सभी जरूरी दस्तावेजों को तैयार करके अपना आवेदन जरूर करें। इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं और डेयरी व्यवसाय के जरिए समृद्धि की राह पर आगे बढ़ें।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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