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मोदी सरकार (Modi Government) ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उनका असर अब साफ़ दिखने लगा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan) ने लोकसभा (Parliament) में दिए एक बयान (Detailed statement) में बताया कि कैसे सरकार की नीतियों और योजनाओं ने (Modi Government policies and schemes for farmers and agriculture) कृषि क्षेत्र को नई ऊर्जा दी है।
किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक हुई है, फसलों का उत्पादन बढ़ा है और MSP में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है। आइए जानते हैं वो 6 बड़े उपाय जिन्होंने भारतीय कृषि (Indian Agriculture) को बदलकर रख दिया है।
1.उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर
सरकार ने किसानों को बेहतर बीज, सिंचाई सुविधाएं और टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराकर फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद की है। पिछले 10 सालों में:
1.कुल फ़सल उत्पादन 246.42 मिलियन टन से बढ़कर 353.96 मिलियन टन हो गया।
2.दलहन उत्पादन 16.38 मिलियन टन से बढ़कर 25.24 मिलियन टन हुआ।
3.तिलहन उत्पादन 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 42.61 मिलियन टन पहुंचा।
4.बागवानी उत्पादन 280.70 मिलियन टन से बढ़कर 367.72 मिलियन टन हो गया।
2.लागत कम, मुनाफ़ा ज़्यादा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने खेती की लागत कम करने पर ज़ोर दिया है। यूरिया, डीएपी जैसे उर्वरकों पर 2 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही, ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ योजना (‘Per Drop More Crop’ Scheme) के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे पानी की बचत होती है और उत्पादन बढ़ता है।
3.MSP में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ज़बरदस्त बढ़ोतरी की है। कुछ प्रमुख फसलों के MSP में हुए बदलाव देखिए:
धान: 1310 रुपये (2013-14) से 2369 रुपये (अब)
बाजरा: 1250 रूपये से 2775 रुपये
रागी: 1500 रूपये से 4886 रुपये
तुअर दाल: 4300 रुपये से 8000 रुपये
मूंगफली: 4000 रुपये से 7263 रुपये
कपास: 3700 रुपये से 7710 रुपये
मोदी सरकार ने लागत का 50 फीसदी मुनाफ़ा जोड़कर MSP तय करने का फैसला किया है, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल सके।
4.फसल बीमा में देरी पर 12 फीसदी ब्याज
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को और भी किसान-हितैषी (Farmer-friendly) बनाया गया है। अब:
- अगर बीमा कंपनी 21 दिनों के अंदर क्लेम नहीं भरती, तो किसान को 12 प्रतिशत के साथ ब्याज मिलेगा।
- अगर राज्य सरकार अपना हिस्सा जमा करने में देरी करती है, तो 12 फीसदी ब्याज के साथ रकम किसान को मिलेगी।
- डिजिटल तकनीक (Satellite Imaging) से फसल नुकसान का आकलन किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है।
5.सिर्फ़ अनाज नहीं, बल्कि फल, फूल, मछली,पशुपालन से पाएं मुनाफ़ा
सरकार किसानों को एक फसल पर निर्भर न रहने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
1.फलों, फूलों, सब्ज़ियों, औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
2.मछली पालन, पशुपालन, एग्रो फॉरेस्ट्री जैसे ऑप्शन से किसानों की आमदनी में इज़ाफा हुआ है।
3.नैचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए ज़मीन उपजाऊ बनी रहे।
6.बटाईदार और किरायेदार किसानों को भी फ़ायदा
अक्सर बटाई पर खेती करने वाले किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। लेकिन अब:
- खेत मालिक की अनुमति से बटाईदार किसान PM फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- अब तक 6.55 लाख टेनेंट किसानों और 41.62 लाख शेयर क्रॉपर्स को इस योजना का फायदा मिल चुका है।
- राज्य सरकार की मंजूरी मिलने पर एमएसपी पर फसल बेचने का अधिकार भी मिल सकता है।
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