Rabi Campaign 2025: पूसा सम्मेलन में तय हुई रबी की रणनीति, अब भारत बनेगा दुनिया की Food Basket

नई दिल्ली स्थित पूसा में 15 से 16 सिंतंबर से चल रहे दो दिवसीय 'राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025' ('National Agriculture Conference - Rabi Campaign 2025') कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे रहा है।

Rabi Campaign 2025: पूसा सम्मेलन में तय हुई रबी की रणनीति, अब भारत बनेगा दुनिया की Food Basket

‘देश में अनाज, फल या सब्जियों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। हम भारत को दुनिया की खाद्य टोकरी (Food Basket of the World) बनाएंगे।’ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) का ये ऐलान नई दिल्ली स्थित पूसा में 15 से 16 सिंतंबर से चल रहे दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025’ (‘National Agriculture Conference – Rabi Campaign 2025’) कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे रहा।

‘एक देश, एक कृषि, एक टीम’ का संकल्प 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन की थीम ‘वन नेशन-वन एग्रीकल्चर-वन टीम’ (‘One Nation-One Agriculture-One Team’) है। पहली बार दो दिन तक चलने वाले इस रबी सम्मेलन में केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों, आईसीएआर के वैज्ञानिकों और किसान प्रतिनिधियों ने रबी सीज़न 2025-26 की रणनीति पर मंथन किया।

केंद्रीय योजनाओं के बेहतर तालमेल पर ज़ोर

सम्मेलन के पहले दिन हुए छह सत्रों (Six seasons) में से ग्रुप 6 की चर्चा ख़ासतौर से अहम रही।  नवीन कुमार विद्यार्थी के संचालन में हुए इस सत्र का विषय था-‘केंद्रीय योजनाओं का बेहतर समन्वय, खासकर एकीकृत खेती और वर्षा आधारित क्षेत्रों के विकास पर ध्यान’। यहां आए सभी अधिकारियों, वैज्ञानिकों ने इस बात पर सहमति जताई कि विभिन्न केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के बीच बेहतर तालमेल ज़रूरी है ताकि संसाधनों का ज़्यादा इस्तेमाल हो और किसानों को इसका सीधा फायदा मिल सके।

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एकीकृत कृषि प्रणाली: भविष्य का रास्ता

चर्चा में एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming System – IFS) को किसानों की आमदनी बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने का सबसे कारगर तरीका बताया गया। IFS में फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गीपालन और बागवानी जैसे दूसरे सोर्स को जोड़ा जाता है, जिससे आमदनी के एकमात्र ज़रिए पर निर्भरता खत्म होती है।

वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए ख़ास रणनीति

समूह ने देश के उन बड़े वर्षा आधारित क्षेत्रों के विकास पर गहन चर्चा की जहां सिंचाई की सुविधा सीमित है। इन क्षेत्रों के लिए मृदा एवं जल संरक्षण (Soil and water conservation), कृषि वानिकी (Agroforestry), आजीविका के सोर्स में विविधता लाना और जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने पर जोर दिया गया। इससे इन क्षेत्रों में भी सतत कृषि विकास बेहतर हो सकेगा। 

मंत्री शिवराज सिंह चौहान का किसानों को आश्वासन

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कई अहम घोषणाएं कीं:

1.नकली उत्पादों पर सख्त कार्रवाई: उन्होंने कहा कि नकली बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के मामलों में दोषियों के ख़िलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। केवल वही Bio-stimulants (पौध वृद्धि बढ़ाने वाले उत्पाद) बेचने की अनुमति होगी जो सभी मानकों पर ख़रे उतरेंगे।

2.किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं: हम किसानों का शोषण नहीं होने देंगे, मंत्री का ये बयान किसानों के प्रति सरकार के संकल्प को दर्शाता है।

3.फसल बीमा का विस्तार: जलवायु परिवर्तन को देखते हुए अधिक से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के दायरे में लाने पर जोर दिया गया।

4.विकसित कृषि संकल्प अभियान: अक्टूबर में केंद्र और राज्यों की संयुक्त भागीदारी से एक बार फिर ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया जाएगा।

दुनिया में सबसे तेज बढ़ रहा है भारत का कृषि क्षेत्र

मंत्री चौहान ने बताया कि देश के किसानों और वैज्ञानिकों की मेहनत और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों के चलते देश में कृषि क्षेत्र 3.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। येआंकड़ा भारत की कृषि क्षमता को दिखाता है।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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