Voluntary Certification System: प्राकृतिक खेती को अब मिलेगी नई पहचान, सरकार ला रही स्वैच्छिक प्रमाणन प्रणाली

सरकार जल्द ही प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के लिए स्वैच्छिक प्रमाणन प्रणाली (Voluntary Certification System) शुरू करने जा रही है। जिससे प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को फायदा मिलेगा।

Voluntary Certification System: प्राकृतिक खेती को अब मिलेगी नई पहचान, सरकार ला रही स्वैच्छिक प्रमाणन प्रणाली

क्या आप जानते हैं कि अब प्राकृतिक (Natural Farming) तरीके से उगाए गए फल, सब्जियां और अनाज की पहचान आसान होगी? सरकार जल्द ही प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के लिए स्वैच्छिक प्रमाणन प्रणाली (Voluntary Certification System) शुरू करने जा रही है। जिससे प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को फायदा मिलेगा। इस प्रणाली के तहत किसानों की उपज को “प्राकृतिक” प्रमाणित किया जाएगा, जिससे उन्हें बाजार में अच्छी कीमत मिल सकेगी।

चलिए, समझते हैं कि यह नई योजना कैसे काम करेगी और इससे किसानों, पर्यावरण और हम सभी को क्या फायदा होगा।

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प्राकृतिक खेती क्या है? (What Is Natural Farming?)

प्राकृतिक खेती वह तरीका है जिसमें रासायनिक खाद, कीटनाशक और हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसकी जगह किसान गोबर की खाद, जीवामृत, नीम का तेल और दूसरे प्राकृतिक उपायों का उपयोग करते हैं। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है, पानी कम लगता है और फसलें भी सेहतमंद होती हैं।

प्राकृतिक खेती के मुख्य नियम (Main Rules Of Natural Farming)

1.रासायनिक मुक्त खेती – कोई केमिकल नहीं।

2.जैविक खाद का उपयोग – गोबर, कम्पोस्ट, जीवामृत वगैरह।

3.प्रकृति के साथ सहयोग – पक्षियों और कीटों को फसल का दुश्मन नहीं, बल्कि सहयोगी माना जाता है।

 स्वैच्छिक प्रमाणन प्रणाली क्या है? (What Is Voluntary Certification System?)

सरकार की यह नई योजना किसानों को एक मान्यता प्रमाणपत्र (Certification) देगी, जिससे वे साबित कर सकेंगे कि उनकी फसल पूरी तरह प्राकृतिक तरीके से उगाई गई है। यह प्रमाणन स्वैच्छिक (Voluntary) होगा, यानी जो किसान चाहेंगे, वे ही इसे ले सकेंगे।

इस प्रणाली के फायदे (Advantages Of This System)

किसानों को बेहतर दाम – प्रमाणित उपज बाजार में ऊँची कीमत पर बिकेगी।
ग्राहकों को विश्वास – लोगों को पता चलेगा कि वे असली प्राकृतिक उत्पाद खरीद रहे हैं।
पर्यावरण सुरक्षित – ज़हरीले केमिकल्स से मिट्टी, पानी और हवा बचेगी।

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 प्राकृतिक खेती से किसानों को क्या लाभ? (What Are the benefits of Natural Farming to Farmers?)

1. कम लागत, ज्यादा मुनाफा

प्राकृतिक खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर खर्च नहीं होता, जिससे किसानों की लागत कम हो जाती है। साथ ही, प्रमाणित उपज बाजार में ऑर्गेनिक या नेचुरल प्रोडक्ट्स के रूप में महंगी बिकती है।

2. मिट्टी की सेहत सुधरेगी

रासायनिक खादों से मिट्टी धीरे-धीरे बंजर हो जाती है, लेकिन प्राकृतिक खेती से उसकी उर्वरा शक्ति बढ़ती है। इससे लंबे समय तक अच्छी पैदावार मिलती रहेगी।

3. सरकारी सहायता मिलेगी

केंद्र और राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, ट्रेनिंग और मार्केटिंग सपोर्ट दे रही हैं। नई प्रमाणन प्रणाली से किसानों को और मदद मिलेगी।

पर्यावरण और ग्राहकों को क्या फायदा? (What Is The Benefit To The Environment And Customers?)

 स्वस्थ खाना मिलेगा

प्राकृतिक खेती से उगाए गए अनाज, फल और सब्जियों में कीटनाशकों के अवशेष नहीं होते, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इससे लोगों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिलेगा।

 प्रदूषण कम होगा

रासायनिक खेती से निकले केमिकल्स नदियों और भूजल को प्रदूषित करते हैं। प्राकृतिक खेती अपनाने से पानी और हवा शुद्ध रहेगी।

 जैव विविधता बचेगी

कीट नाशकों से मधुमक्खियां, तितलियां और दूसरे उपयोगी कीड़े मर जाते हैं। प्राकृतिक खेती से इनकी संख्या बढ़ेगी, जिससे फसलों का प्राकृतिक परागण भी बेहतर होगा।

क्या चुनौतियां हैं? (What Are The Challenges?)

हालाँकि प्राकृतिक खेती फायदेमंद है, लेकिन किसानों को शुरुआत में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं:

  • पारंपरिक खेती की आदत – रासायनिक खाद छोड़ने में समय लगता है।
  • जैविक उपाय सीखना – नई तकनीकों को अपनाने के लिए ट्रेनिंग की ज़रूरत होती है।
  • बाज़ार तक पहुंच – प्रमाणन के बाद भी किसानों को सही बाजार चाहिए, जहां उन्हें अच्छी कीमत मिले।

  प्राकृतिक खेती का भविष्य उज्ज्वल (The Future Of Natural Farming Is Bright)

सरकार की ये नई पहचान प्रणाली प्राकृतिक खेती को एक बड़ा बढ़ावा देगी। किसानों को अच्छी आमदनी मिलेगी, पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और हम सभी को शुद्ध, स्वस्थ भोजन मिलेगा। अगर आप भी किसान हैं, तो प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाइए और इस नई योजना का लाभ उठाइए। 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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