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भारत सरकार ने एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा स्कीम) (Pradhan Mantri Annadata Aay Sanrakshan Abhiyan (PM-AASHA Scheme) को 15वें वित्त आयोग चक्र (Finance Commission Cycle) के दौरान 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है।
ये स्कीम ख़रीद कार्यों के प्रभावी अमल में ला कर किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने और ज़रूरी वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता को नियंत्रित करने में मदद करेगी।
इस योजना के तहत, दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) की ओर से राज्य स्तरीय एजेंसियों के ज़रीये से पूर्व-पंजीकृत किसानों (Pre-registered farmers) से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाती है।
पीएम-आशा स्कीम किसानों के कल्याण और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की प्रभावी पहल (PM-Asha Scheme Is An Effective Initiative To Ensure Welfare And Food Security Of Farmers)
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा स्कीम) किसानों के कल्याण और देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में एक प्रभावी पहल है। इससे न केवल किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा बल्कि दालों के घरेलू उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार की ओर से एमएसपी पर ख़रीद की व्यवस्था, पारदर्शिता और किसानों की प्रत्यक्ष भागीदारी इस योजना की सफलता को सुनिश्चित करेगी। सरकार का ये कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा।
पीएम-आशा स्कीम की ख़ासियतें (Features Of PM-Asha Scheme)
1.मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस): किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए एमएसपी पर खरीद की जाती है।
2. केंद्रीय नोडल एजेंसियां: नैफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) के माध्यम से खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया गया है।
3.आवश्यक रजिस्ट्रेशन: किसानों को पंजीकरण करवाना आवश्यक है जिससे उन्हें एमएसपी का लाभ मिल सके।
4.कीमत स्थिरता: ज़रूरी वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता को कंट्रोल करने के लिए इस योजना को लागू किया गया है।
2024-25 खरीफ सीज़न के लिए ख़रीद नीति (Procurement Policy For 2024-25 Kharif Season)
भारत सरकार ने तुअर (अरहर), मसूर और उड़द की खरीद को राज्य के उत्पादन के 100% तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए लिया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कुल 13.22 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) तुअर (अरहर), 9.40 एलएमटी मसूर और 1.35 एलएमटी उड़द की खरीद को मंजूरी दी है। इन खरीद नीतियों से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और दालों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
राज्यों में ख़रीद की स्थिति (Procurement Status In States)
खरीफ 2024-25 सीजन के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 13.22 एलएमटी तुअर (अरहर) की खरीद की मंजूरी दी गई है। इनमें से आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में खरीद प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
अब तक (11 मार्च 2025 तक) कुल 1.31 एलएमटी तुअर (अरहर) की खरीद की जा चुकी है, जिससे 89,219 किसानों को लाभ हुआ है। अन्य राज्यों में भी जल्द ही खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तुअर की खरीद नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के संयुक्त पोर्टल पर पूर्व-पंजीकृत किसानों से भी की जा रही है।
किसानों को पीएम-आशा योजना से लाभ (Farmers Benefit From PM-Asha Scheme)
1.आर्थिक स्थिरता: किसानों को एमएसपी पर उपज बेचने की सुविधा मिलती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
2.बिचौलियों की समाप्ति: ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सीधा खरीदारी होने से बिचौलियों की भूमिका कम हो जाती है।
3.दालों की आत्मनिर्भरता: घरेलू उत्पादन बढ़ने से आयात पर निर्भरता कम होगी और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
4.सरकार की प्रतिबद्धता: केंद्र सरकार ने अगले चार वर्षों तक तुअर, मसूर और उड़द की 100% खरीद जारी रखने का निर्णय लिया है।
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