PM Kisan Sampada Yojana: कैबिनेट ने मंज़ूर किए 6520 करोड़ रुपये, किसानों की आय दोगुनी करने की ओर बड़ा कदम

केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना’ (PM Kisan Sampada Yojana) के तहत 6520 करोड़ रुपये के कुल आवंटन को मंजू़री दे दी है। इसमें 1920 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा बजट शामिल है

PM Kisan Sampada Yojana: कैबिनेट ने मंज़ूर किए 6520 करोड़ रुपये, किसानों की आय दोगुनी करने की ओर बड़ा कदम

 प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना’ (PM Kisan Sampada Yojana) के तहत 6520 करोड़ रुपये के कुल आवंटन को मंजू़री दे दी है। इसमें 1920 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा बजट शामिल है, जिसका इस्तेमाल 2021-22 से 2025-26 तक के टाइम में कृषि प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे (Agro-processing and infrastructure) को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

क्या है PMKSY योजना?

PM Kisan Sampada Yojana (PMKSY) किसानों की आमदनी बढ़ाने, फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट की बर्बादी रोकने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत कोल्ड चेन, फूड टेस्टिंग लैब, फूड इर्रडिएशन यूनिट्स जैसी सुविधाओं को डेवलप किया जाता है। जिससे  किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके और उपभोक्ताओं तक सुरक्षित और क्वालिटी फूड मिल सके। 

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क्या-क्या हुआ मंज़ूर?

1000 करोड़ रुपये- 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन यूनिट (Multi-Product Food Irradiation Unit) और 100 नैबल-मान्यता प्राप्त फूड टेस्टिंग लैब्स के लिए।

920 करोड़ रुपये- PMKSY की दूसरी योजनाओं के तहत नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने के लिए।

फूड इरेडिएशन यूनिट: क्यों हैं ज़रूरी?

1.इन यूनिट्स में गामा किरणों या इलेक्ट्रॉन बीम (Gamma rays or electron beams) की मदद से फलों, सब्जियों, अनाज और मसालों को सेफ किया जाता है।

2.इससे फूड आइटम्स की शेल्फ लाइफ बढ़ेगी और 20-30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हर साल सुरक्षित रखा जा सकेगा।

3.निर्यात बढ़ेगा, क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी।

100 नए फूड टेस्टिंग लैब्स: खाने की क्वालिटी चेक करेंगे

  • ये लैब्स NABL (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज) से मान्यता प्राप्त होंगी।
  • खाद्य पदार्थों में मिलावट, कीटनाशक और हानिकारक तत्वों की जांच होगी।
  • FSSAI मानकों का पालन करके भारतीय खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ेगी।

किसानों को क्या फायदा?

1.फसलों की बर्बादी कम होगी, क्योंकि कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट्स बढ़ेंगी।

2.किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे, क्योंकि उनके उत्पाद लंबे समय तक सुरक्षित रहेंगे।

3.रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

4.निर्यात बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

सरकार जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी करेगी, जिसमें निजी क्षेत्र, स्टार्टअप्स और किसान उत्पादक संगठन (FPOs) अप्लाई कर सकेंगे। योग्य संस्थाओं को वित्तीय मदद दी जाएगी।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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