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मध्यप्रदेश सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीदी (Purchase of moong and urad in Madhya Pradesh) के लिए बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीदने का फैसला किया है। यह निर्णय किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से मुक्ति दिलाएगा और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा।
कब से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन?
19 जून 2025 से राज्य सरकार मूंग और उड़द की फसल का रजिस्ट्रेशन शुरू करेगी। अगर आप भी अपनी फ़सल को MSP पर बेचना चाहते हैं, तो रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के आपको MSP का फ़ायदा नहीं मिल पाएगा। इसलिए, समय रहते अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं और सरकारी योजना का पूरा फायदा उठाएं।
कितने रुपये में ख़रीदेगी सरकार?
सरकार ने मूंग और उड़द के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया है:
- मूंग: 8,682 रुपये प्रति क्विंटल
- उड़द: 7,400 रुपये प्रति क्विंटल
ये कीमत बाजार के मुकाबले काफी बेहतर है, जहां कभी-कभी किसानों को अपनी फसल सस्ते दामों में बेचनी पड़ती है। MSP पर खरीद होने से किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा और वे आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे।
रजिस्ट्रेशन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
अगर आप MSP पर अपनी फसल बेचना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- फसल का नाम (मूंग या उड़द)
- आधार कार्ड
- बैंक खाता संख्या और IFSC कोड
- भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की स्व-प्रमाणित छायाप्रति
ध्यान रखें कि आपका बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में होना चाहिए। बिना इन दस्तावेजों के आप रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएंगे।
उपार्जन केंद्रों पर मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि किसानों को खरीदी प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसके लिए हर उपार्जन केंद्र पर ‘व्यवस्था उपार्जन समितियां’ गठित की जाएंगी। इन समितियों का मुख्य काम होगा कि खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सरल हो। किसानों को उनका पैसा समय पर मिले, इसका भी ख़ास ध्यान रखा जाएगा।
किसानों की आर्थिक मजबूती की ओर बढ़ाया कदम
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ये फैसला किसानों के हित में लिया गया है। सरकार न केवल MSP पर फसल खरीद रही है, बल्कि कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा दे रही है, ताकि किसानों की आय के स्रोत बढ़ सकें। उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश का हर किसान आत्मनिर्भर बने और उसे उसकी मेहनत का पूरा दाम मिले।’
क्यों है यह फैसला इतना महत्वपूर्ण?
बाजार की अनिश्चितता से मुक्ति: किसानों को अब बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता नहीं करनी होगी।
निश्चित आय: MSP पर खरीदी होने से किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलेगा।
पारदर्शी प्रक्रिया: उपार्जन केंद्रों पर समितियों के गठन से भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।
कृषि उद्योगों को बढ़ावा: सरकार का फोकस किसानों की आय बढ़ाने के लिए नए रोजगार स्रोत बनाना है।
क्या करें किसान?
अगर आप मध्यप्रदेश के किसान हैं और मूंग या उड़द की खेती करते हैं, तो 19 जून 2025 से रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू होते ही तुरंत अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं। पंजीकरण के बिना आप MSP का लाभ नहीं उठा पाएंगे। साथ ही, सभी ज़रूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखें ताकि कोई दिक्कत न हो।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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