केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में किसानों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इस बैठक में राज्यों के कृषि मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया और खाद की कमी, नकली बायोस्टिमुलेंट्स, रबी फ़सल की तैयारी, प्राकृतिक खेती और फसल बीमा, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ (Fertilizer shortage, fake biostimulants, Rabi crop preparation, natural farming and crop insurance, Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) जैसे अहम मुद्दों पर गहन बातचीत हुई।
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत, 3 अक्टूबर से कैंपेन
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 15-16 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें रबी फसल (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan For Rabi Crop) की तैयारियों पर स्ट्रैटजी बनेगी। इसके बाद 3 अक्टूबर (विजय पर्व) से 18 अक्टूबर (धनतेरस) तक ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) चलेगा। उन्होंने सभी राज्यों से इसकी तैयारी गंभीरता से करने को कहा।
खाद की किल्लत पर क्या होगा?
कई राज्यों ने यूरिया की कमी की शिकायत कृषि मंत्री से की। चौहान ने कहा कि अगर खेती के लिए ज़रूरत है, तो यूरिया मुहैया कराया जाएगा, लेकिन गैर-कृषि कामों में इसके गलत इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने राज्यों से निगरानी समितियां बनाने को कहा ताकि यूरिया का सही इस्तेमाल सही तरीके से हो।
23 अगस्त से शुरू होगा ‘राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन’
प्रधानमंत्री मोदी 23 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की शुरुआत करेंगे। चौहान ने अधिकारियों से कहा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए हरसंभव तैयारी की जाए। धन-धान्य योजना के तहत 100 जिलों में इसकी प्रोग्रेस पर नज़र रखी जाएगी।
दलहन-तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर
देश में दालों और तेल के बीजों की मांग को देखते हुए चौहान ने राज्यों से इनकी पैदावार बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना है और इन फसलों का उत्पादन बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम करनी है।
नकली बायोस्टिमुलेंट और खाद पर सख्त कार्रवाई
चौहान ने नकली खाद और बायोस्टिमुलेंट्स की बढ़ती बिक्री पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि 30,000 से ज्यादा जैव उत्तेजक (Bio stimulants) बाजार में बिक रहे थे, लेकिन सिर्फ 600 ही प्रमाणित हैं। अब सिर्फ प्रमाणित उत्पाद ही किसानों तक पहुंचेंगे। साथ ही, खाद के साथ जबरदस्त दवा बेचने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।
फसल बीमा योजना में बड़ा बदलाव
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का रिव्यू करते हुए चौहान ने कहा कि अगर बीमा कंपनियां या राज्य सरकारें क्लेम में देरी करती हैं, तो किसानों को 12 फीसदी अतिरिक्त ब्याज मिलेगा। ये राशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो: टोल-फ्री नंबर का प्रमोशन
किसानों की समस्याओं के तुरंत समाधान के लिए कृषि मंत्रालय के टोल-फ्री नंबर को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट किया जाएगा, ताकि हर किसान बिना झिझक अपनी बात रख सके।
राज्यों ने उठाई ये मांगें
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब समेत कई राज्यों ने अतिरिक्त यूरिया की मांग की। वहीं उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए अतिरिक्त सहायता राशि मांगी।
अगले 5 साल की कृषि योजना पर काम शुरू
चौहान ने अधिकारियों को अगले 5 सालों की कृषि कार्य योजना (Agricultural work plan) बनाने के निर्देश दिए। इसमें प्रगतिशील किसानों और विशेषज्ञों के सुझाव शामिल किए जाएंगे।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
इसे भी पढ़िए: Ayurveda DiSwitch to block editoret: भारत की पुरातन खाद्य संस्कृति को मिली नई पहचान, आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद आहार की लिस्ट जारी की