महाराष्ट्र में कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक, शिवराज सिंह ने दिए किसान हित में बड़े निर्देश

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा किसानों के लिए मौसम आधारित फ़सलें और फार्मर आईडी अनिवार्य, केंद्र देगा महाराष्ट्र को पूर्ण सहयोग।

शिवराज सिंह shivraj singh

नागपुर में केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कृषि और ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार को किसानों के लिए जलवायु के अनुकूल फ़सल क़िस्में विकसित करने और किसानों के लिए ‘फार्मर आईडी’ अभियान को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसान तभी आत्मनिर्भर बनेंगे जब उन्हें उन्नत बीज, जैविक खाद, स्मार्ट सिंचाई, मौसम आधारित तकनीक और मार्केट लिंक जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

किसानों को मिले अनुकूल फ़सलें, तकनीक और पहचान – शिवराज सिंह (Farmers should get favourable crops, technology and identity – Shivraj Singh)

बैठक के दौरान शिवराज सिंह ने स्पष्ट कहा कि देश के हर क्षेत्र की जलवायु के अनुसार फ़सल क़िस्में विकसित की जानी चाहिए। विशेष रूप से महाराष्ट्र जैसे राज्य में कपास के लिए नई क़िस्में विकसित की जानी चाहिए जो कम बारिश और जलवायु परिवर्तन को सहन कर सकें। उन्होंने राज्य के लिए एक ‘बेस्ट क्रॉपिंग मॉडल’ बनाने की भी बात कही।

इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक किसान को ‘फार्मर आईडी’ दी जाए, ताकि भविष्य में बिना इस पहचान के किसी योजना का लाभ न दिया जाए। इससे सरकारी योजनाएं सही किसानों तक पहुंचेंगी और पारदर्शिता बनी रहेगी।

केंद्र का महाराष्ट्र को पूरा सहयोग – शिवराज सिंह (Center has full support to Maharashtra – Shivraj Singh)

शिवराज सिंह ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में केंद्र सरकार की सभी योजनाओं में महाराष्ट्र को पूरा समर्थन मिलेगा। उन्होंने राज्य के कृषि विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि यहां के अधिकारी और मंत्री नई सोच और नवाचार के साथ कार्य कर रहे हैं।

बैठक में कई मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद (Many ministers and officials were present in the meeting)

यह बैठक नागपुर स्थित नेशनल ब्यूरो ऑफ सॉइल सर्वे एंड लैंड यूज प्लानिंग (NBSS & LUP) के सभागार में आयोजित हुई। इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोरे, वित्त राज्य मंत्री आशिष जायसवाल, कृषि सचिव विकास रस्तोगी, ग्रामीण विकास सचिव एकनाथ डवले समेत केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सराहना (Appreciation of Chief Minister Devendra Fadnavis)

बैठक के दौरान शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की विशेष सराहना की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और सैंडबैंक परियोजनाओं के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हो रहे नवाचार देश के लिए उदाहरण हैं।

किसानों की सफलता की कहानियां पूरे देश में फैले – शिवराज सिंह (Success stories of farmers should spread across the country – Shivraj Singh)

प्रस्तुति के दौरान राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले किसानों की नवाचारी गतिविधियों की जानकारी साझा की गई। शिवराज सिंह ने कहा कि जैसे – संभाजीनगर के तपरगांव के रावसाहेब मोहिते, बीड जिले के रुई (धनौरा) के एकनाथ तळेकर जो रेशम पालन कर रहे हैं, और यवतमाल के जावला की वंदना राठौड़ जो ऑर्किड की खेती कर रही हैं – इनकी कहानियां देश भर में प्रेरणा बननी चाहिए।

केंद्र प्रायोजित योजनाओं की गहन समीक्षा (In-depth review of centrally sponsored schemes)

बैठक में केंद्र द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे – प्रधानमंत्री जनमन योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वयं सहायता समूह, और मनरेगा की समीक्षा की गई। शिवराज सिंह ने कहा कि मनरेगा में लक्ष्य को प्राप्त करने में महाराष्ट्र ने अच्छा कार्य किया है।

एक करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य (The target is to create one crore ‘Lakhpati Didi’)

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक में बताया कि माझी लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं को ₹1500 प्रतिमाह की सहायता दी जा रही है, जिससे वे अपने छोटे व्यवसाय शुरू कर रही हैं। इसके साथ ही लखपति दीदी योजना का भी विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

निष्कर्ष (Conclusion)

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह की यह बैठक किसानों की जरूरतों और भविष्य की रणनीतियों पर केंद्रित रही। उनका उद्देश्य किसानों को केवल योजनाओं से जोड़ना नहीं बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। चाहे वह मौसम के अनुसार फ़सलें हों, या योजनाओं की पारदर्शिता – हर पहलू में सुधार के प्रयास दिखे। महाराष्ट्र जैसे अग्रणी राज्य में इन पहलों का क्रियान्वयन देशभर के लिए मिसाल बन सकता है।

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