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हर साल 154 करोड़ अंडे और 4 करोड़ किलो चिकन बाहर से मंगवाने वाला उत्तराखंड अब खुद ‘पोल्ट्री हब’ (Uttarakhand’s New Poultry Policy) बनने की राह पर है। अब उत्तराखंड सरकार ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो न सिर्फ राज्य को पोल्ट्री प्रोडक्शन में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि हजारों युवाओं और महिलाओं को रोजगार भी देगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में ‘नई पोल्ट्री नीति’ (Uttarakhand’s New Poultry Policy) को मंजूरी मिल गई है। जिसके तहत अब सूबे में 55 बड़े पोल्ट्री फार्म खोले जाएंगे। ये फार्म इतने बड़े होंगे कि एक साथ 15,000 से 30,000 मुर्गियों को पाला जा सकेगा।
क्यों ज़रूरी थी यह नीति?
उत्तराखंड में हर साल 54 करोड़ अंडे और 1 करोड़ किलो चिकन का ही उत्पादन होता है, जबकि खपत इससे कहीं ज्यादा है। नतीजा? 154 करोड़ अंडे और 4 करोड़ किलो चिकन हरियाणा, पंजाब और यूपी से मंगवाना पड़ता है। यानी, राज्य का पैसा बाहर जा रहा है और लोकल लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा। लेकिन अब सरकार ने ये निर्भरता खत्म करने की ठान ली है।
पहाड़ और मैदान, दोनों को मिलेगी सब्सिडी
सरकार ने पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए सब्सिडी का भी बंदोबस्त किया है
1.पहाड़ी इलाकों में फार्म खोलने पर 40 फीसदी सब्सिडी
2.मैदानी इलाकों में फार्म खोलने पर 30 फीसदी सब्सिडी
इसका मतलब है कि अगर कोई युवा या किसान पोल्ट्री फार्म शुरू करना चाहता है, तो उसे सरकार लागत का 30-40 प्रतिशत तक का फंड देगी। ये कदम न सिर्फ स्थानीय उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
महिलाओं को मिलेगा 1.5 लाख तक का सहारा
पोल्ट्री नीति के साथ-साथ कैबिनेट ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना में संशोधन करते हुए अब 2000 महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत
1.दो लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी
2.पहले साल 30 करोड़ रुपये का बजट
यानी, अगर कोई महिला पोल्ट्री फार्म, सिलाई केंद्र या कोई छोटा व्यवसाय शुरू करना चाहती है, तो सरकार उसे 75 फीसदी तक की आर्थिक मदद देगी।
क्या होगा फायदा?
- राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
- हजारों नौजवानों और महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
- बाहर से मंगवाने पर होने वाले खर्च में कटौती होगी।
- स्थानीय स्तर पर सस्ता और ताजा चिकन-अंडा उपलब्ध होगा।
आत्मनिर्भर उत्तराखंड की ओर बढ़ते कदम
उत्तराखंड सरकार की ये नई पोल्ट्री नीति न सिर्फ राज्य को पोल्ट्री उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि युवाओं का पलायन रोकने और महिला सशक्तिकरण में भी मील का पत्थर साबित होगी। अब देखना है कि कैसे देवभूमि के लोग इस अवसर का फायदा उठाकर “हर घर धन, हर हाथ काम” का सपना साकार करते हैं।
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