सिरिस का पेड़ है बहुत उपयोगी, जानिए सिरिस की खेती से कैसे लाभ कमा सकते हैं किसान

काली और गहरी दोमट मिट्टी सिरिस की खेती के लिए उपयुक्त

सिरिस का पेड़ गर्म व शुष्क जलवायु में अच्छी तरह फलता-फूलता है। ऐसे इलाके जहां गर्मियों में तापमान 48-52 डिग्री और सर्दियों में सामान्य रहता है यानी बहुत ठंड नहीं पड़ती, ऐसे जलवायु में सिरिस के पेड़ों का विकास अच्छी तरह होता है।

सड़क किनारे आमतौर पर आपने मीडियम साइज़ का छोटी पत्तियों वाला छायादार पेड़ अक्सर देखा होगा, यह सिरिस का पेड़ है, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। नीम के पेड़ के फ़ायदे तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि सिरिस पेड़ के फूल, छाल, बीज, पत्ते से लेकर जड़ तक में औषधीय गुण पाए जाते हैं? कई औषधि बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। किसान खेत की मेड़ों पर इसे लगाकर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। साथ ही बतौर पशु चारा ये पशुओं के लिए पौष्टिक आहार भी है। सिरिस का पेड़ बहुत छायादार होता है, इसलिए चाय/कॉफी के बागानों में छाया के लिए इसे लगाया जाता है। सिरिस का वैज्ञानिक नाम ऐल्बिजिया लैबैक (Albizia lebbeck) है।

सिरिस का पेड़ shirisha ka ped shirisha tree
तस्वीर साभार-gardenershq

सिरिस का पेड़- जलवायु और मिट्टी

सिरिस का पेड़ गर्म व शुष्क जलवायु में अच्छी तरह फलता-फूलता है। ऐसे इलाके जहां गर्मियों में तापमान 48-52 डिग्री और सर्दियों में सामान्य रहता है यानी बहुत ठंड नहीं पड़ती, ऐसे जलवायु में सिरिस के पेड़ों का विकास अच्छी तरह होता है।

काली और गहरी दोमट मिट्टी सिरिस की खेती के लिए उपयुक्त है। सिरिस की खेती के लिए उचित जल निकासी की व्यवस्था होना भी ज़रूरी है, तभी इनका आकार बड़ा होता है। सीरिस की कई किस्में होती हैं, लेकिन आमतौर पर लाल सिरिस, काली सिरिस और सफेद सिरिस का ही इस्तेमाल ज़्यादा होता है।

सिरिस का पेड़ shirisha ka ped shirisha tree
तस्वीर साभार-bgpa

फूल और फलियों का विकास

अप्रैल-मई के महीने में इसमें सफेद और पीले रंग के फूल आने लगते हैं। अगस्त तक फलियां भी विकसित हो जाती हैं। अक्टूबर तक फलियों का रंग हरा होता है। अक्टूबर अंत या नवंबर तक यह पीली हो जाती है। जनवरी-फरवरी में फलियां पककर तैयार हो जाती हैं। इस समय इन्हें तोड़कर बीजों को निकालकर व धूप में अच्छी तरह सुखाकर रखा जा सकता है। इन बीजों को कीटनाशी केमिकल से उपचारित करने के बाद एयर टाइट डिब्बे में रखें।

 सिरिस की पौध तैयार करना

वैसे तो सिरिस की फलियां अपने आप सूखकर जहां गिरती हैं, वहां पौधे उग जाते हैं, लेकिन आप इसकी पौध तैयार करके भी खेती कर सकते हैं। इसके लिए प्लास्टिक बैग में फरवरी-मार्च में इसके बीज लगाएं। एक प्लास्टिक बैग में दो बीज लगाएं और जब वह अंकुरित हो जाए तो सावधानीपूर्वक उसे निकालकर दूसरी प्लास्टिक की थैली में लगा दें। सिंचाई के साथ ही समय-समय पर इसकी निराई-गुड़ाई भी करें। जुलाई-अगस्त तक पौध तैयार हो जाती हैं, फिर इसे खेतों में लगाया जा सकता है।

सिरिस का पेड़ shirisha ka ped shirisha tree
तस्वीर साभार-keyserver

पौष्टिक चारा

सिरिस की पत्तियों का उपयोग पशुओं के लिए पौष्टिक चारे के रूप में भी किया जाता है। इसकी पत्तियों में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, सेलूलोज, सिलिका आदि होता है। इसे 6 बाय 6 और 8 बाय 8 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए। समय-समय पर इसकी छंटाई करते रहें। इससे एक हेक्टेयर से 40-50 क्विंटल पौष्टिक सूखा चारा प्राप्त किया जा सकता है।

बहुमूल्य होती है लकड़ी

सिरिस की लकड़ियां बहुत कीमती और महत्वूपर्ण होती हैं। कागज़, फर्नीचर बनाने से लेकर घर के अन्य सजावटी सामान बनाने तक में इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। घरों में खिड़की, दरवाजे, चौखट व बीम आदि बनाने में इसकी ही लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। टेनिस रैकेट का हैंडल बनाने और नक्काशी के लिए भी सिरिस की लकड़ियों का उपयोग होता है।

सिरिस की पत्तियां बेहतरीन खाद का भी काम करती हैं। ऐसे में खेत के किनारों पर इसे लगाने पर मिट्टी उपजाऊ बनेगी। इसकी जो पत्तियां नीचे गिरकर सड़ जाती हैं व बेहतरीन खाद बन जाती हैं।

ये भी पढ़ें: जानिए, क्यों अनुपम है बायोचार (Biochar) यानी मिट्टी को उपजाऊ बनाने की घरेलू और वैज्ञानिक विधि?

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