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क्या आप एक पारंपरिक किसान हैं और खेती से मोटी कमाई का सपना देख रहे हैं? अगर हां, तो आपके लिए एक बेहतरीन ख़बर है। अब खेती सिर्फ रोटी कमाने का ज़रिया नहीं रही, बल्कि ये मुनाफे का एक बड़ा सोर्स बन सकती है। उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले के किसानों के लिए मसाला की खेती (Spice Farming In Uttar Pradesh) एक सुनहरा अवसर लेकर आई है। सरकार की एक ख़ास स्कीम के तहत किसानों को न सिर्फ आर्थिक मदद दी जा रही है, बल्कि उन्हें लाभदायक खेती के गुर भी सिखाए जा रहे हैं।
क्या है ये योजना?
अमेठी जिला प्रशासन और कृषि विभाग, एनएचआरडीएफ (National Horticulture Research and Development Foundation) के साथ मिलकर एक स्पेशल स्कीम चला रहा है। इस योजना का मुख्य मकसद जिले के किसानों को मसाला खेती (Spice Farming) के लिए प्रोत्साहित करना है। इस बार 5 हेक्टेयर ज़मीन पर मसालों की खेती (Spice Farming In Uttar Pradesh) का टारगेट रखा गया है।
इस स्कीम की सबसे बड़ी ख़ूबी है किसानों को मिलने वाला अनुदान। प्रति हेक्टेयर 20,000 रुपये का ये फायदा सीधे किसानों के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजा जाएगा। इस ट्रांसपेरेंट तरीके से पैसा सीधे किसान के खाते में पहुंचेगा, जिससे बीच में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी।
मसाला खेती क्यों है इतनी फायदेमंद?
मसालों की खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। आखिर क्यों?
हमेशा रहती है मांग: धनिया, जीरा, हल्दी, मिर्च, अदरक जैसे मसालों की मांग हर घर और होटल में सालों भर बनी रहती है। इस वजह से किसानों को अपनी फसल का अच्छा दाम मिल जाता है।
कम समय, ज्यादा कमाई: ज्यादातर मसाले वाली फसलें (Spice Farming) अनाज की तुलना में जल्दी तैयार हो जाती हैं और कम ज़मीन पर भी अच्छी कमाई करवाती हैं।
खर्चा कम, मुनाफा ज्यादा: मसालों की खेती में सिंचाई और देखभाल का खर्चा कम आता है। ऊपर से सरकारी अनुदान मिलने से लागत और भी कम हो जाती है, जिससे मुनाफा बढ़ जाता है।
कम होता है जोखिम: एक ही फसल पर निर्भर न रहकर, मसालों को एक्स्ट्रा इनकम के सोर्स के तौर पर अपनाया जा सकता है। इससे फसल चक्रण (Crop Rotation) भी होता है और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी बरकरार रहती है।
कैसे उठाएं योजना का फ़ायदा?
इस स्कीम (Spice Farming In Uttar Pradesh) का फायदा लेने के लिए किसानों को जल्दी करनी होगी क्योंकि यह ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर चल रही है और टारगेट सीमित है। अप्लाई करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही रास्ते खुले हैं। Apply करते समय आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी-
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर
इन दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन कराकर आप भी इस योजना के Beneficiaries बन सकते हैं।
आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा मौका
सरकार की ये पहल अमेठी के किसानों के लिए एक नई राह खोल रही है। प्रमाणित बीज, नई तकनीक और सीधी आर्थिक मदद मिलने से किसान न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, बल्कि एक आधुनिक किसान के तौर पर अपनी पहचान भी बना सकते हैं। मसाला खेती अपनाकर कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है और देश की आत्मनिर्भरता में अपना योगदान दिया जा सकता है।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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