कृषि का भविष्य! दुनिया का पहला कुबोटा का Hydrogen और AI वाला ट्रैक्टर जो खुद चलता है, प्रदूषण भी ZERO

जापान की फेमस ट्रैक्टर कंपनी कुबोटा (Famous tractor company Kubota) ने एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक पेश की है जो कृषि क्षेत्र को हमेशा के लिए बदल कर रख सकती है।

कृषि का भविष्य! दुनिया का पहला कुबोटा का Hydrogen और AI वाला ट्रैक्टर जो खुद चलता है, प्रदूषण भी ZERO

दुनिया भर में जब जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) पर निर्भरता कम करने और कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions) पर लगाम लगाने की बहस चल रही है, जापान की फेमस ट्रैक्टर कंपनी कुबोटा (Famous tractor company Kubota) ने एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक पेश की है जो कृषि क्षेत्र को हमेशा के लिए बदल कर रख सकती है। वर्ल्ड एक्सपो 2025, ओसाका (World Expo 2025, Osaka) में कुबोटा (Kubota) ने दुनिया का पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल (hydrogen fuel cell) से चलने वाला और पूरी तरह से स्वचालित (Self-Driving) ट्रैक्टर उतारा है। ये सिर्फ एक प्रोटोटाइप नहीं, बल्कि एग्रीकल्चर के फ्यूचर का वो ब्लूप्रिंट है जिसकी Imagination अब तक केवल साइंस फिक्शन फिल्मों में ही की जाती थी।

ड्राइवर की सीट ही नहीं, प्रदूषण का नामोनिशान तक नहीं

इस ट्रैक्टर की सबसे पहली और चौंकाने वाली ख़ासियत है इसका डिजाइन। इसमें ड्राइवर के बैठने की कोई जगह नहीं है। ये पूरी तरह से रिमोट कंट्रोल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर डिपेंड है। लगभग 4.4 मीटर लंबा, 2.2 मीटर चौड़ा और 2.3 मीटर ऊंचा यह ट्रैक्टर करीब 100 हॉर्सपावर की पावर पैदा करता है, जो बड़े और मीडियम लेवल की खेती के लिए पर्याप्त है।

लेकिन इसकी असली ताकत इसके ‘दिल’ यानी हाइड्रोजन फ्यूल सेल (hydrogen fuel cell) में छिपी है। एक बार हाइड्रोजन ईंधन भरने पर ये ट्रैक्टर लगातार आधे दिन तक काम कर सकता है। ये क्षमता इसे पारंपरिक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों से कहीं आगे ले जाती है, जिन्हें लंबे वक्त तक चलने के लिए घंटों चार्जिंग की ज़रूरत पड़ती है।

टोयोटा मिराई की तकनीक, किसानों की ताकत

कुबोटा की इस सफलता के पीछे एक और जापानी दिग्गज, टोयोटा का हाथ है। इस ट्रैक्टर में टोयोटा की फेमस  हाइड्रोजन कार ‘मिराई’ (‘Mirai’) के फ्यूल सेल सिस्टम को एडाप्ट किया गया है। आपको याद होगा, भारत के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इसी मिराई कार में चलते नज़र आते हैं, जो हाइड्रोजन तकनीक की विश्वसनीयता का एक शानदार उदाहरण है।

हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? ये एक इलेक्ट्रोकेमिकल प्रोसेस है जहां हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की प्रतिक्रिया से सीधे बिजली पैदा होती है। इस पूरे प्रोसेस में केवल पानी की भाप और गर्मी ही उप-उत्पाद (By-product) के रूप में निकलती है। कोई धुआं नहीं, कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं। ये ट्रैक्टर पूरी तरह से प्रदूषण-मुक्त है, जो खेतों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी एक बड़ी राहत की खबर लेकर आया है।

kisan of india instagram

AI की पैनी नजर, सुरक्षा की गारंटी

सवाल उठता है कि बिना ड्राइवर के ये ट्रैक्टर कैसे सेफ होगा? कुबोटा ने इसका जवाब एआई-संचालित एडवांस्ड कैमरा सिस्टम (AI-powered advanced camera system) में दिया है। ये सिस्टम लगातार ट्रैक्टर के आस-पास के माहौल पर नज़र रखता है। ये रास्ते में आने वाले किसी व्यक्ति, जानवर या किसी भी बाधा को पहचान सकता है और तुरंत स्वचालित रूप से खुद को रोक सकता है। ये टेक्नोलॉजी न सिर्फ दुर्घटनाओं को रोकती है, बल्कि किसानों को दूर बैठे-बैठे एक साथ कई ट्रैक्टरों को मॉनिटर और कंट्रोल करने की सुविधा भी देती है, जिससे उनकी दक्षता कई गुना बढ़ जाती है।

अगला कदम: फील्ड ट्रायल और व्यावहारिक अनुप्रयोग

कुबोटा ने घोषणा की है कि वो जल्द ही इस ट्रैक्टर के फील्ड ट्रायल शुरू करेगी। कंपनी के एक प्रमुख डेवलपर, इसामु काज़ामा (Isamu Kazama, a lead developer at the company) के अनुसार, ‘हम जल्द ही एक डेमो एक्सपेरिमेंट करेंगे और Practical Applications की दिशा में विकास जारी रखेंगे।’

 कृषि क्रांति की नई इबारत

कुबोटा का ये हाइड्रोजन और AI-संचालित ट्रैक्टर सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि एक विचार है। ये उस भविष्य का Sign है जहां कृषि अधिक टिकाऊ, अधिक कुशल और मानवीय श्रम पर कम निर्भर होगी। ये तकनीक न केवल विकसित देशों, बल्कि भारत जैसे कृषि प्रधान देशों के लिए भी एक नई रोशनी दिखाती है, जहां ऊर्जा संकट और प्रदूषण बड़ी चुनौतियां हैं। अब देखना ये है कि ये टेक्नोलॉजी कब तक एक प्रोटोटाइप से निकलकर दुनिया के खेतों की वास्तविकता बनती है।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

इसे भी पढ़िए: PM Krishi Dhan Dhanya Yojana: उत्तर प्रदेश के 12 पिछड़े ज़िलों के लिए कृषि क्रांति का ऐलान, पूर्वांचल और बुंदेलखंड पर Focus

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top