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देशभर के किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं से जोड़ने के उद्देश्य से चलाया जा रहा विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। बीते 15 दिनों में इस अभियान ने 1.12 करोड़ से अधिक किसानों तक सीधा संवाद किया है और एक लाख से अधिक गांवों तक इसकी पहुंच बनी है। यह अभूतपूर्व पहल कृषि मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों के सहयोग से चलाई गई है, जिसका समापन गुजरात के सूरत जिले के बारडोली में 12 जून को हुआ।
किसानों से सीधा संवाद, खेतों में बनी नीतियों की बुनियाद (Direct communication with farmers, foundation of policies made in fields)
विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) के अंतर्गत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के टिगीपुर गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से सीधा संवाद किया और आधुनिक कृषि तकनीकों की लाइव डेमोंस्ट्रेशन देखी। उन्होंने कहा कि अब कृषि नीतियां बंद कमरों में नहीं, बल्कि खेतों में किसानों के साथ मिलकर बनाई जाएंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान के दौरान ICAR की 2170 टीमों ने देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर किसानों से संवाद किया है और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में काम शुरू हो चुका है।
किसान चौपाल में नई तकनीकों की चर्चा (Discussion of new techniques in Kisan Chaupal)
टिगीपुर में आयोजित किसान चौपाल में शिवराज सिंह चौहान ने बीज उत्पादन, पॉलीहाउस खेती, स्ट्रॉबेरी उत्पादन और अन्य उच्च मूल्य वाली फ़सलों की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने आधुनिक ड्रोन तकनीक की लाइव डेमोंस्ट्रेशन देखी, जिसमें कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव की नवीन विधियों को समझा गया।
इस मौके पर कृषि अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. एम.एल. जात, ICAR के महानिदेशक और कई वरिष्ठ वैज्ञानिक भी उपस्थित रहे। वैज्ञानिकों ने ड्रोन तकनीक की लागत, प्रभावशीलता और इसके क्षेत्रीय अनुप्रयोग पर विस्तृत जानकारी दी।
मृदा परीक्षण और फ़सल विविधीकरण पर विशेष जोर (Special emphasis on soil testing and crop diversification)
विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) के तहत मृदा परीक्षण की अनिवार्यता और फ़सल चयन में सॉयल हेल्थ कार्ड की भूमिका को भी किसानों को समझाया गया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मिट्टी की उर्वरता में गिरावट चिंता का विषय है और सतत कृषि के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाना ज़रूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि खेती को सिर्फ़ परंपरागत रूप से नहीं, बल्कि बाज़ार आधारित और तकनीकी दृष्टिकोण से किया जाए। सरकार का विशेष फोकस फ़सल विविधीकरण, बाज़ारोन्मुख कृषि, और बागवानी आधारित मॉडल पर है।
दिल्ली के किसानों को मिलेंगे सभी केंद्रीय योजनाओं के लाभ ( Farmers of Delhi will get benefits of all central schemes)
शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब दिल्ली के किसानों को भी सभी केंद्रीय कृषि योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे क्षेत्रों में बागवानी और बाज़ार से सीधा जुड़ाव होने के कारण यहां कृषि की अपार संभावनाएं हैं।
जल्द ही दिल्ली में निम्न योजनाओं का क्रियान्वयन होगा:
- पीएम-आशा योजना
- मूल्य समर्थन योजना (PSS)
- मूल्य अंतर भुगतान योजना (PDPS)
- बाज़ार हस्तक्षेप योजना (MIS)
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)
- पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस पर सब्सिडी
- पारंपरिक कृषि विकास योजना
- नई नर्सरी स्थापना, बागों का नवीनीकरण
- प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (PMFBY)
विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) के अंतर्गत दिल्ली सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है ताकि इन योजनाओं को शीघ्र लागू किया जा सके।
गुजरात में अभियान का समापन, किसानों से विशेष संवाद (Campaign concludes in Gujarat, special dialogue with farmers)
अभियान के अंतिम दिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने गुजरात के सूरत जिले के बारडोली में किसान सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। शिवराज सिंह ने कहा कि गुजरात प्राकृतिक खेती में चमत्कार कर रहा है और किसानों ने शानदार प्रयास किए हैं। इस साल राज्य में साढ़े सात लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के माध्यम से गुजरात ने कृषि में तेजी से तरक्की की है। गुजरात का योगदान मूंगफली, अरंडी, कपास, चना जैसे प्रमुख फ़सलों के उत्पादन में अव्वल है।
प्राकृतिक खेती पर किसानों के अनुभव (Farmers’ experiences on natural farming)
बारडोली की किसान चौपाल में किसानों ने प्राकृतिक खेती के लाभ साझा किए। मांडवी जिले के किसान श्री विकास ने बताया कि उन्होंने प्राकृतिक खेती से पारंपरिक खेती के मुकाबले 20 गुना ज़्यादा उपज ली और हर महीने 40-60 हजार रुपये का लाभ कमा रहे हैं। वहीं श्री कल्पेश पटेल ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से वे केले की प्राकृतिक खेती कर हर महीने 15 हजार रुपये कमा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की व्यावहारिक समस्याओं को सुनकर वैज्ञानिक समाधान तैयार किए जाएंगे। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी खेती के कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती जरूर अपनाएं क्योंकि यह धरती मां को बचाने का अभियान है।
किसानों के लिए सुरक्षा और सम्मान की गारंटी (Security and respect guaranteed for farmers)
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी दोहराया कि सरकार नकली उर्वरक और कीटनाशक बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को ठगने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए सख्त कानून लाने की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने कहा, “हमारे किसान देश के अन्नदाता हैं, वे अपने पसीने से राष्ट्र की अन्न भंडार भरते हैं। उनकी समृद्धि के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में दिल्ली के किसानों की भूमिका (The role of farmers of Delhi in the direction of self -reliant India)
शिवराज सिंह चौहान ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) भारत के किसानों के जीवन में नया बदलाव ला रहा है। दिल्ली के किसान अब आत्मनिर्भर भारत की नींव बनेंगे और तकनीकी कृषि के माध्यम से आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा, “खेती अब केवल आजीविका का साधन नहीं, बल्कि एक उद्यम है। तकनीक, नवाचार और सरकारी सहयोग से हम एक सशक्त कृषि भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।”
निष्कर्ष (Conclusion)
विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) न केवल किसानों के लिए जानकारी का सेतु बना, बल्कि यह अभियान किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की एक ठोस और क्रांतिकारी पहल साबित हो रहा है। अब खेती सिर्फ़ परंपरा नहीं, बल्कि एक समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ती हुई प्रक्रिया बन रही है।
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