Viksit Krishi Sankalp Abhiyan: किसानों के बीच फिर उतरेगी सरकार, विकसित कृषि संकल्प अभियान से बदलेगा खेती का भविष्य

विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) को देशभर के किसानों का ज़बरदस्त समर्थन मिला है, यह अभियान समाप्त नहीं होगा इसे और विस्तार दिया जाएगा।

Viksit Krishi Sankalp Abhiyan विकसित कृषि संकल्प अभियान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 जून 2025 को दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan)” केवल एक शुरुआत है, यह थमेगा नहीं। यह अभियान न केवल सफल रहा बल्कि इसने भारतीय खेती की दशा और दिशा को समझने और सुधारने का एक नया मार्ग भी प्रशस्त किया है।

1. 1.42 लाख गांवों तक पहुंचा अभियान

विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) के तहत देशभर में 2170 वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और अधिकारियों की टीमों ने 1.42 लाख से अधिक गांवों में जाकर 1.34 करोड़ से ज़्यादा किसानों से सीधा संवाद किया। इस ऐतिहासिक जनसंवाद में मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में प्रेस वार्ता में बताया कि यह अभियान एक स्थायी प्रक्रिया की शुरुआत है, जो लगातार किसानों के खेतों तक जाकर उनकी समस्याओं को समझेगा और समाधान खोजेगा।

2. केवीके को बनाया जाएगा नोडल एजेंसी

कृषि मंत्री ने बताया कि अब प्रत्येक जिले में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा। वैज्ञानिक सप्ताह में कम से कम तीन दिन खेतों में जाकर किसानों से संवाद करेंगे। मंत्री स्वयं भी सप्ताह में दो दिन खेतों का दौरा करेंगे। इससे वैज्ञानिकों की जानकारी और किसानों की ज़मीनी समस्याओं के बीच की खाई पाटी जा सकेगी।

उन्होंने अफसरों से भी कहा कि केवल दफ्तरों में बैठकर खेती की दिशा नहीं बदली जा सकती – इसके लिए खेतों में उतरना होगा।

3. अनुसंधान और इनोवेशन होंगे अब किसानों के अनुभव पर आधारित

अभियान से तीन बड़े सबक मिले। पहला – शोध और योजना केवल दिल्ली में बैठकर नहीं बनाई जा सकती, इसके लिए ज़मीन से संवाद ज़रूरी है। दूसरा – किसान खुद भी वैज्ञानिक होते हैं। उनकी पारंपरिक और स्थानीय तकनीकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। तीसरा – किसानों ने जिन समस्याओं को साझा किया है, उनके समाधान के लिए योजनाओं और नीतियों में बदलाव किया जाएगा।

4. रबी में फिर से चलेगा अभियान, हर फ़सल पर फोकस

विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) को अब एक स्थायी प्रक्रिया बनाया जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह केवल खरीफ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रबी की फ़सल के लिए भी यह अभियान दोबारा शुरू किया जाएगा। साथ ही, फॉलोअप योजनाएं भी तैयार की गई हैं। 26 जून को इंदौर में सोयाबीन पर विचार-विमर्श होगा, फिर कपास, गन्ना, दलहन और तिलहन पर भी क्रमशः विशेष अभियान चलाए जाएंगे।

5. अमानक बीज और पेस्टीसाइड्स पर होगी कड़ी कार्रवाई

कई किसानों ने शिकायत की कि अमानक बीज और कीटनाशकों की समस्या बढ़ रही है। इस पर मंत्री ने कहा कि सीड एक्ट को और सख्त बनाया जाएगा और एक मजबूत प्रणाली तैयार की जाएगी ताकि किसानों तक गुणवत्तायुक्त बीज और पेस्टीसाइड ही पहुंचे।

6. राज्यवार नीति और वैज्ञानिकों की नियुक्ति

अब विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) के तहत प्रत्येक राज्य के लिए ICAR की ओर से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो वहां की स्थानीय समस्याओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझकर समाधान सुझाएगा। राज्यों के साथ केंद्र सरकार मिलकर रोडमैप तैयार करेगी।

7. अभियान से जुड़ी अन्य प्रमुख घोषणाएं

  • वन नेशन – वन एग्रीकल्चर – वन टीम की अवधारणा पर काम शुरू।
  • सभी कृषि से जुड़ी संस्थाओं को एक दिशा में काम करने के लिए समन्वयित किया जाएगा।
  • अभियान रबी सीजन में भी दोबारा शुरू होगा।
  • अलग-अलग फ़सलों जैसे सोयाबीन, कपास, गन्ना, दलहन और तिलहन के लिए भी मिशन आधारित फॉलोअप प्लान तैयार किए जाएंगे।

8. ट्राइबल, आकांक्षी और सीमावर्ती जिलों पर विशेष ध्यान

विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) को समावेशी बनाने के लिए देश के 177 ट्राइबल जिलों में 8,500 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं 112 आकांक्षी जिलों और 100 वाइब्रेंट विलेज जिलों में भी वैज्ञानिकों की टीमें पहुंचीं। सीमावर्ती गांवों को भी अभियान से जोड़ा गया ताकि कोई क्षेत्र छूट न जाए।

9. किसान चौपाल बनी संवाद का मजबूत माध्यम

अभियान की सबसे बड़ी सफलता किसान चौपाल रहीं, जहां वैज्ञानिकों ने किसानों से वैज्ञानिक तकनीकों, मिट्टी की गुणवत्ता, कीट प्रबंधन और उपयुक्त किस्मों पर चर्चा की। किसानों के इनोवेशन ने भी वैज्ञानिकों को चौंका दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि स्थानीय समाधान ही सबसे प्रभावी हैं।

10. भविष्य की योजनाओं पर विचार

24 जून को पूसा संस्थान में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में वैज्ञानिक, कृषि अधिकारी और राज्य मंत्री मिलकर अभियान की रिपोर्ट और सुझावों पर चर्चा करेंगे। इसमें राज्यवार रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी और आगे की शोध एवं योजनाओं की दिशा तय की जाएगी।

11. नीति निर्माण में किसानों की राय होगी अहम

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों ने जलवायु परिवर्तन, जैविक खेती के सर्टिफिकेशन, चारे की उपलब्धता और एफपीओ की व्यवहारिकता पर कई सुझाव दिए हैं, जिन्हें नीतिगत निर्णयों में शामिल किया जाएगा।

निष्कर्ष

 “विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan)” एक आंदोलन की तरह है, जो केवल योजनाओं में नहीं, बल्कि खेतों और किसानों की ज़िंदगी में बदलाव लाने के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान के ज़रिए सरकार किसानों को आत्मनिर्भर, खेती को वैज्ञानिक और गांवों को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में AI से बदलेगा खेती का चेहरा MahaAgri — AI policy को मिली मंज़ूरी

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top