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महाराष्ट्र सरकार ने खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट ने महाकृषि-एआई नीति (MahaAgri — AI policy) 2025–29 को मंज़ूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभावी उपयोग करना है। यह नीति कृषि क्षेत्र में डेटा-संचालित समाधान, रियल-टाइम गाइडेंस और खाद्य सुरक्षा के मानकीकरण के लिए एक मजबूत नींव तैयार करेगी।
क्या है महाकृषि-एआई नीति (What is MahaAgri — AI policy?)
महाकृषि-एआई नीति (MahaAgri — AI policy) एक समग्र योजना है, जिसका उद्देश्य है किसानों को रीयल टाइम जानकारी देना, कृषि डेटा सेट तैयार करना, भू-स्थानिक (Geospatial) इंटेलिजेंस को मजबूत करना और कृषि-खाद्य सुरक्षा का मानकीकरण करना। इस नीति के अंतर्गत एक नया Agro Data Exchange (A-DeX) प्लेटफॉर्म भी शुरू किया जाएगा, जो सरकारी और निजी डेटा सेट को एक-दूसरे से जोड़ेगा।
बनेगा एक AI आधारित Agri Cell (An AI based Agri Cell will be created)
इस नीति के तहत खेती से जुड़े AI प्रोजेक्ट्स को State Level Scrutiny Committee (SLSC) की मंज़ूरी से लागू किया जाएगा। इससे पहले इन प्रोजेक्ट्स का प्रारंभिक मूल्यांकन AgriAI Cell के माध्यम से किया जाएगा। राज्य स्तरीय तकनीकी समिति यह जांचेगी कि प्रोजेक्ट व्यवहारिक है या नहीं और इसके लिए सरकारी सहायता, मार्गदर्शन और वित्तीय मदद की भी सिफारिश की जाएगी।
सरकार विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए हैकाथॉन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगी ताकि तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके।
ए-डेक्स से जुड़ेगा सारा डेटा (All data will be connected to A-Dex)
नई नीति के तहत A-DeX प्लेटफॉर्म पर राज्य सरकार के सभी प्रमुख डेटा सेट जैसे Agristack, Maha Agri tech, Mahavedh आदि को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, निजी क्षेत्र के डेटा जैसे कि सैटेलाइट आधारित जानकारी, एक्सपोर्ट डेटा, मार्केट इंटेलिजेंस, सप्लाई चेन, क्लाइमेट आधारित डेटा, फाइनेंशियल सर्विसेज और एग्रीटेक प्लेटफॉर्म भी इस सिस्टम से जुड़े रहेंगे।
महाकृषि-एआई नीति (MahaAgri — AI policy) के तहत स्टार्टअप्स, इंडस्ट्री, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन), अनुसंधान संस्थानों और सरकारी एजेंसियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा ताकि खेती से उपभोक्ता तक की पूरी श्रृंखला को पारदर्शी और स्मार्ट बनाया जा सके।
फ़सलों का मिलेगा डिजिटल रिकॉर्ड (Digital record of crops will be available)
यह नीति खेत से उपभोक्ता तक फ़सल की यात्रा के हर चरण को रिकॉर्ड करने की दिशा में काम करेगी। इसमें फ़सल उत्पादन से लेकर कटाई के बाद प्रोसेसिंग, इस्तेमाल किए गए उर्वरक, कीटनाशक, खेती की विधियां, क्वालिटी सर्टिफिकेट आदि का डिजिटल और जियो-टैग्ड रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।
महाकृषि-एआई नीति (MahaAgri — AI policy) के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को हर कदम पर वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता मिल सके।
Maha VISTAAR AI: एक वर्चुअल नेटवर्क (Maha VISTAAR AI: A Virtual Network)
कृषि विभाग के अनुसार, महाकृषि-एआई नीति (MahaAgri — AI policy) के अंतर्गत Maha VISTAAR AI नाम से एक वर्चुअल इंटीग्रेटेड सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसके तहत चैटबॉट, इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम (IVRS), वेब पोर्टल आदि के माध्यम से किसानों को सूचनाएं प्रदान की जाएंगी।
यह ओपन नेटवर्क किसानों को सीधे खेती से जुड़ी सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करेगा और उनके निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाएगा।
तीन साल में खर्च होंगे 500 करोड़ रुपये (500 crore rupees will be spent in three years)
महाकृषि-एआई नीति (MahaAgri — AI policy) को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकार ने पहले तीन वर्षों के लिए 500 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है। इसके बाद इस नीति की समीक्षा की जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर इसमें सुधार किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि यह निवेश खेती को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और तकनीक आधारित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
महाकृषि-एआई नीति (MahaAgri — AI policy) महाराष्ट्र की खेती को डिजिटल और डेटा-संचालित युग में प्रवेश कराने वाला बड़ा कदम है। यह नीति किसानों को अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय लेने में मदद करेगी, कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी और बाज़ार की अनिश्चितताओं से सुरक्षा देगी। जैसे-जैसे नीति लागू होगी, यह उम्मीद की जा रही है कि महाराष्ट्र का कृषि क्षेत्र तकनीक के माध्यम से न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल प्रस्तुत करेगा।
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