New Path In Agricultural Research: शिवराज सिंह चौहान ने पटना के पूर्वी अनुसंधान परिसर का किया दौरा, ‘विकसित भारत @2047′ की ओर बढ़ते कदम

शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना का दौरा किया (Shivraj Singh Chauhan visited the Eastern Research Complex of Patna) और पूर्वी भारत में कृषि के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान कार्यों की समीक्षा की।

New Path In Agricultural Research: शिवराज सिंह चौहान ने पटना के पूर्वी अनुसंधान परिसर का किया दौरा, ‘विकसित भारत @2047′ की ओर बढ़ते कदम

 केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना का दौरा किया (Shivraj Singh Chauhan visited the Eastern Research Complex of Patna) और पूर्वी भारत में कृषि के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने, जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक शोध को खेतों तक पहुंचाने पर जोर दिया।

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क्या हुआ इस दौरे में ख़ास?

1.वृक्षारोपण कार्यक्रम से हुई शुरुआत, जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी शामिल हुए।

2.किसानों के लिए वैज्ञानिक समाधान पर चर्चा की गई, जिसमें प्राकृतिक खेती, संरक्षण कृषि साथ ही मृदा स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को शामिल किया गया।

3.विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान को और प्रभावी बनाने की बात कही गई। 

किसानों की आय बढ़ाने के लिए साइंस और टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल ज़रूरी- शिवराज सिंह चौहान

 शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि ICAR और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) किसानों तक सीधे वैज्ञानिक समाधान पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तारीफ की। कहा कि ये पहली है जब केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर किसानों तक तकनीक पहुंचाई है।

क्या है पूर्वी अनुसंधान परिसर की भूमिका?

डॉ. अशुतोष उपाध्याय, कार्यकारी निदेशक, ICAR पूर्वी अनुसंधान परिसर ने बताया कि ये संस्थान  जल उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर रहा है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए नई तकनीकें डेवलप कर रहा है। साथ ही छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष कृषि पद्धतियां तैयार कर रहा है।

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किसानों के लिए क्या नए प्रयोग हो रहे हैं?

मंत्री के दौरे के दौरान वैज्ञानिक-संवाद बैठक हुई, जिसमें निम्न विषयों पर चर्चा की गई-

1. प्राकृतिक खेती-केमिकल-फ्री कृषि की ओर

 रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने के लिए जैविक खेती और प्राकृतिक तरीकों पर जोर। साथ ही गोबर और जीवामृत जैसे देसी उपायों को बढ़ावा देना।

2. संरक्षण कृषि-मिट्टी को बचाने की मुहिम

कम जुताई, फसल अवशेषों का उपयोग और फसल चक्रण जैसी तकनीकों से मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना।

3. कृषि मौसम परामर्श-मौसम की मार से बचाव

मौसम पूर्वानुमान और सलाह देकर किसानों को फसलों के नुकसान से बचाना।

4. मृदा स्वास्थ्य कार्ड-मिट्टी की जांच, बेहतर पैदावार

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार सलाह दी जा रही है।

5. भविष्य की खेती-ड्रोन, AI और स्मार्ट फार्मिंग

ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रिसिजन फार्मिंग को बढ़ावा देकर खेती को और आधुनिक बनाने पर काम।

New Path In Agricultural Research: शिवराज सिंह चौहान ने पटना के पूर्वी अनुसंधान परिसर का किया दौरा, ‘विकसित भारत @2047′ की ओर बढ़ते कदम

क्या कहा मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने?

शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि ‘अनुसंधान के नतीजे सीधे किसानों के खेतों तक पहुंचें’। उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य ‘विकसित भारत @2047′ है, जहां किसान समृद्ध हों और देश खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बने। इसके लिए हमें ट्रांसलेशनल रिसर्च (अनुसंधान को व्यवहार में लाने) पर जोर देना होगा।’

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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