‘देर हो गई तो सड़ जाएगा अनाज… भाग-भाग के बोझ तले दब जाएगा किसान…’ ये कोई कविता की लाइन नहीं, बल्कि भारत के लाखों किसानों की वो वास्तविकता है जिससे वे हर फसल सीज़न के बाद दो-चार होते हैं। उनके मन में ये गहरा बैठा है कि उन्हें उनकी मेहनत का सही मूल्य सिर्फ मंडी में ही मिल सकता है। इसी धारणा के चलते वे रात-दिन एक करके, अपनी उपज को ख़राब होने का जोखिम उठाते हुए मंडी की भागदौड़ में शामिल हो जाते हैं। लेकिन नतीजा? एजेंटों और आढ़तियों के औने-पौने दाम, उपज की बर्बादी और मजबूरी में की गई बिक्री।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब मंडी का ये एकछत्र राज ख़त्म हो रहा है? किसानों के लिए एक ऐसा ऑप्शन मौजूद है जो न सिर्फ उन्हें उचित दाम दिलवाता है, बल्कि उन्हें ‘बेचने’ की जल्दबाजी से भी मुक्ति देता है। ये ऑप्शन है WDRA यानी वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (Warehousing Development and Regulatory Authority)।
WDRA है क्या और यह कैसे काम करता है?
WDRA (Warehousing Development and Regulatory Authority) भारत सरकार के तहत काम करने वाला एक statutory authority है जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि उपज के भंडारण (Warehousing) को रेगुलेट (Regulate) और बढ़ावा देना है। सरल शब्दों में कहें तो, ये सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त और रेगुलेट गोदामों का एक नेटवर्क है जहां किसान अपनी उपज सुरक्षित रख सकते हैं।
e-NWR: जादुई डिजिटल रसीद जो बदल देती है किस्मत
WDRA के सबसे बड़े फायदे का राज़ छुपा है एक डिजिटल दस्तावेज में, जिसे इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउसिंग रिसीट -Electronic Negotiable Warehousing Receipt (e-NWR) कहते हैं। जब एक किसान अपना अनाज WDRA रजिस्टर्ड गोदाम में जमा करता है, तो उसे ये e-NWR रसीद मिलती है। यह कोई साधारण कागज नहीं, बल्कि एक ऐसा वित्तीय दस्तावेज है जो किसान की आर्थिक स्थिति बदल सकता है।
तत्काल लोन की सुविधा
इस e-NWR रसीद को लेकर किसान किसी भी बैंक से आसानी से 80 फीसदी तक का लोन ले सकता है। इससे उसे अगली फसल की तैयारी या अन्य जरूरतों के लिए पैसों की कमी से जूझना नहीं पड़ता और न ही उसे साहूकारों के चंगुल में फंसना पड़ता है। वो अपनी शर्तों पर, सही समय पर अपनी उपज बेचने की स्थिति में आ जाता है।
गुणवत्ता का प्रमाणपत्र
WDRA गोदाम में उपज जमा कराने से पहले उसकी गुणवत्ता (Quality) और मात्रा की जांच की जाती है। इसकी ग्रेडिंग होती है। इसका मतलब है कि e-NWR सिर्फ मात्रा का ही नहीं, बल्कि उपज की गुणवत्ता का भी प्रमाणपत्र है। जब कोई ख़रीदार जानता है कि माल WDRA गोदाम से निकला है, तो उसे उसकी शुद्धता और गुणवत्ता पर पूरा भरोसा होता है, और वो उसे अच्छा दाम देकर ख़रीदने को तैयार रहता है।
बेहतर मूल्य और ऑनलाइन ट्रेडिंग
e-NWR एक Negotiable दस्तावेज़ है। किसान इस रसीद को कहीं से भी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को बेच सकता है। इससे उसे लोकस मंडी के दामों से कहीं बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बनती है। उसे अपनी उपज को लेकर मंडी के चक्कर नहीं काटने पड़ते।
एक स्मार्ट किसान की रणनीति
WDRA किसानों को उनकी उपज पर अधिकार (Ownership) और मोलभाव की ताकत (Bargaining Power) देता है। ये उन्हें मंडी की अस्तव्यस्त कंडीशन से निकालकर एक व्यवस्थित, वैज्ञानिक और फायदेमंद तरीके से जोड़ता है। ज़रूरत है तो बस इसके बारे में जागरूक होने की और इस modern सुविधा का फायदा उठाने की। आज का जागरूक किसान वही है जो अपनी मेहनत का पूरा फल पाए, और WDRA उसी का रास्ता है। अगली बार जब आप अपनी फसल काटें, तो मंडी की भागदौड़ में शामिल होने से पहले एक बार अपने नजदीकी WDRA रजिस्टर्ड गोदाम के बारे में जरूर पता करें। ये एक छोटा कदम आपकी किस्मत बदल सकता है।
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