World Food India 2025: भारत के Seafood sector और ग्लोबल दबदबे को दिखाने के लिए India International Seafood Show

प्रगति मैदान के भारत मंडपम में एशिया के प्रमुख समुद्री खाद्य व्यापार मेले (Major seafood trade fairs), इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो (India International Seafood Show) के 24वें संस्करण (24th edition) की शुरुआत हो रही है। ये आयोजन इस बार वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 (World Food India 2025) का एक प्रमुख हिस्सा है

World Food India 2025: भारत के Seafood sector और ग्लोबल दबदबे को दिखाने के लिए India International Seafood Show

 25 सितंबर से, भारत की राजधानी Global food and fisheries industry के सेंटर में तब्दील होने जा रही है। प्रगति मैदान के भारत मंडपम में एशिया के प्रमुख समुद्री खाद्य व्यापार मेले (Major seafood trade fairs), इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो (India International Seafood Show) के 24वें संस्करण (24th edition) की शुरुआत हो रही है। ये आयोजन इस बार वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 (World Food India 2025) का एक प्रमुख हिस्सा है, जो भारत सरकार का फ्लैगशिप Global Food Innovation Program है।
इस चार-दिवसीय महाकुंभ में दुनिया भर के हितधारक, नवाचारी स्टार्टअप और प्रमुख कंपनियां (Stakeholders, innovative startups and leading companies) इकट्ठा हो रहे हैं, जिसका मेन अट्रैक्शन ‘द फिशटेक पवेलियन’ (The Fishtech Pavilion) है। ये पवेलियन मत्स्य पालन के भविष्य, डिजिटल समाधानों, और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के गहन प्रभाव को दिखाएगा। 

एक ग्लोबल पावर का उदय

 ये आयोजन केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत के Seafood sector में बढ़ते वैश्विक दबदबे का प्रमाण है। भारत आज 132 देशों को समुद्री खाद्य निर्यात (Seafood export) करने वाला एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है। 2024-25 के दौरान, भारत ने 16,98,170 टन समुद्री खाद्य का निर्यात (Seafood export) करके 62,408.45 करोड़ रुपये (7.45 बिलियन डॉलर) की विदेशी मुद्रा भारत को मिली थी।

हालांकि पिछले साल  2023-24 की तुलना में निर्यात की मात्रा में मामूली कमी (17,81,602 टन) दर्ज की गई, लेकिन मूल्य में बढ़ोत्तरी ने ग्लोबल बिज़नेस में उतार-चढ़ाव के बावजूद इस क्षेत्र की मजबूत लचीलापन और value addition की ओर बढ़ते रुझान को दिखाता है।  सरकार का टारगेट  2030 तक इस एक्सपोर्ट को 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का है, जो अगले 6 सालो में 100 फीसदी से ज़्यादा इज़ाफा दिखाता है।

USA, यूरोपीय संघ, UAE,बेल्जियम जैसे बड़े बाज़ार शामिल 

भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ (SEAI) की ओर से आयोजित इस इवेंट में 260 से अधिक स्टॉल, तकनीकी सत्र और गोलमेज बैठकें होंगी। इसमें 15 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें USA, यूरोपीय संघ, वियतनाम, UAE, जर्मनी, बेल्जियम और जापान जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं। 

समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) द्वारा आयोजित एक ‘रिवर्स क्रेता-विक्रेता बैठक’ (Reverse Buyer-Seller Meet) का आयोजन किया जाएगा, जो भारतीय निर्यातकों (Indian exporters) को सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जोड़ेगा और व्यापार के नए रास्ते खोलेगा।

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झींगा उत्पादन में प्रभाव और चुनौतियां

भारत का Seafood sector, ख़ासतौर से  झींगा उत्पादन, ग्लोबल सप्लाई चेन पर छाया हुआ है। भारत दुनिया के कुल झींगा उत्पादन का लगभग 40 फीसदी हिस्सा पूरा करता है। हालांकि, इस रास्ते में चुनौतियां भी कम नहीं हैं। अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में उच्च टैरिफ और घरेलू स्तर पर बढ़ती उत्पादन लागत उद्योग के सामने मुख्य बाधाएं हैं। इन चुनौतियों के जवाब में बिज़नेस तेजी से विविधीकरण (Diversification) और मूल्यवर्धित उत्पादों (Value-Added Products) पर फोकस कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियाँ और प्रसंस्करण तकनीकें (New technologies and processing techniques) अपनाकर भारतीय कंपनियां अपनी competitiveness बढ़ा रही हैं।

प्रमुख प्रतिभागी और इनोवेशन 

इस आयोजन में अवंती फीड्स, देवी सीफूड्स, नेकांति सीफूड्स, सागर ग्रांधी एक्सपोर्ट्स जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों के साथ-साथ जर्मनी की थर्मोफिन, अमेरिका की लैट्राम मशीनरी, बेल्जियम की प्रयोन और वियतनाम की कई कंपनियां अपने अत्याधुनिक उपकरणों, तकनीकों और समाधानों का प्रदर्शन करेंगी। इनकी मौजूदगी इस आयोजन को एक ग्लोबल स्टेज का दर्जा देती है।

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