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अर्जेंटीना (Argentina) के वैज्ञानिकों ने दुनिया के पहले जेनेटिकली मॉडिफाइड घोड़ों (World’s First Genetically Modified Horses) को विकसित किया है। यहां की बायोटेक कंपनी खेइरॉन (Biotech company Kheiron) ने ये घोड़े विकसित किये हैं।
जेनेटिकली मॉडिफाइड घोड़े न सिर्फ तेज दौड़ने में सक्षम हैं, बल्कि पोलो खेल की दुनिया में चैंपियन रही मादा घोड़ी पोलो पुरेज़ा (Female mare Polo Purezza) को भी पीछे छोड़ सकते हैं।
जेनेटिकली मॉडिफाइड घोड़ों (World’s First Genetically Modified Horses) का जन्म पिछले साल 2024 के अक्टूबर और नवंबर में हुआ था। वैज्ञानिकों ने CRISPR-Cas9 जीन-एडिटिंग तकनीक (CRISPR-Cas9 Gene-Editing Technology) का इस्तेमाल करके इनके जीन्स में बदलाव किए, जिससे उनकी मांसपेशियों की संरचना और गति क्षमता बढ़ गई।
कैसे बनाए गए ये ‘सुपर-फास्ट’ घोड़े? (How Were ‘Super-Fast’ Horses Created?)
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खेइरॉन के सह-संस्थापक और वैज्ञानिक निदेशक गेब्रियल विचेरा (Gabriel Vichera, co-founder and scientific director of Kheiron) ने बताया कि उनकी टीम ने “जेनेटिक सीज़र” (CRISPR) की मदद से घोड़ों के जीनोम को बदला। इस टेक्नोलॉजी में वैज्ञानिक DNA के ख़ास पार्ट्स को काटकर उन्हें बदल सकते हैं।
विचेरा का कहना है कि उन्होंने पोलो पुरेज़ा घोड़ी (Polo Purezza Mare) के स्पीड जीन्स को लेकर उनमें बदलाव किए। फिर इन जीन्स को पांच घोड़ों में डाला गया, ताकि उनकी परफॉर्मेंस बेहतर हो सके। इस प्रोसेस से घोड़ों की मसल फाइबर की क्षमता बढ़ी, जिससे वे काफी तेज़ दौड़ने लगे।
क्या ये ‘जेनेटिक डोपिंग’ है? (Is This ‘Generic Doping’?)
कुछ लोगों के मन में सवाल उठ सकता है कि क्या ये जेनेटिक डोपिंग (Genetic Doping) है? लेकिन विचेरा ने क्लियर किया कि ये कोई नकली तरीका (fake method) नहीं है।
उन्होंने कहा, हम प्राकृतिक जीन सीक्वेंस (Natural gene sequences) का ही इस्तेमाल कर रहे हैं, बस उन्हें सटीक तरीके से डाल रहे हैं। ये आर्जेंटीना के रूल्स के अनुसार पूरी तरह कानूनी है।
सिर्फ घोड़े ही नहीं, अब सुअर और गाय भी होंगे ‘डिजाइनर’! (Not Just Horses, Now Pigs And Cows Will Also Be ‘Designers’!)
खेइरॉन की टीम सिर्फ घोड़ों तक ही सीमित नहीं है। वे जानवरों की दुनिया में क्रांति लाने के लिए कई और प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जैसे:
इंसानों के लिए अंग देने वाले सुअर (Pigs That Donate Organs To Humans)
- वैज्ञानिक ऐसे सुअर विकसित कर रहे हैं, जिनके अंग इंसानों में ट्रांसप्लांट किए जा सकें।
- इससे अंगदान की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
ज़्यादा प्रोटीन वाली गायें (High Protein Cows)
- कुछ गायों के जीन्स में बदलाव करके उनके दूध में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जा रही है।
- साथ ही, गर्मी सहन करने वाली गायें भी तैयार की जा रही हैं, ताकि जलवायु परिवर्तन का असर कम हो।
जीन एडिटिंग से भविष्य में क्या बदलाव आएंगे? (What Changes Will Gene Editing Bring In The Future?)
ये रीसर्च न सिर्फ पोलो और रेसिंग की दुनिया को बदल देगी, बल्कि मेडिकल साइंस और एग्रीकल्चर में भी नए दरवाजे खोलेगी।
- खेल जगत: जेनेटिक इंजीनियरिंग से घुड़दौड़ और पोलो के घोड़े और भी तेज होंगे।
- चिकित्सा क्षेत्र: जानवरों के अंग इंसानों के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे अंग प्रत्यारोपण में क्रांति आएगी।
- कृषि: अधिक दूध देने वाली गायें और रोग-प्रतिरोधी पशु विकसित किए जा सकेंगे।
आर्जेंटीना के वैज्ञानिकों ने जो किया है, वो साइंस का एक बड़ा कदम है। अगर ये तकनीक सफल रही, तो फ्यूचर में डिज़ाइनर जानवर (Designer Animals) हमारी दुनिया का हिस्सा बन सकते हैं। क्या ये मानवता के लिए वरदान होगा या चुनौती, ये तो वक्त ही बताएगा।
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