10 Years Of Digital India : e-NAM के ज़रीये किसानों की बदल रही जिंदगी, नई टेक्नोलॉजी से आई डिजिटल क्रांति

डिजिटल क्रांति (10 Years Of Digital India) ने किसानों की जिंदगी को कैसे बदला है? ई-नाम (e-NAM) एक ऐसी ही क्रांतिकारी पहल है, जिसने कृषि व्यापार (Agricultural Business) को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करके किसानों को सीधा बाजार से जोड़ दिया है।

10 Years Of Digital India : e-NAM के ज़रीये किसानों की बदल रही जिंदगी, नई टेक्नोलॉजी से आई डिजिटल क्रांति

1 जुलाई 2015 को भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया मिशन (10 Years Of Digital India) की शुरुआत की थी। आज, एक दशक बाद, ये मिशन देश को डिजिटल सुपर पावर (Digital Superpowers) बनाने की राह पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में इस उपलब्धि पर बताया कि कैसे 2014 में मात्र 25 करोड़ इंटरनेट यूजर्स वाला भारत आज 97 करोड़+ इंटरनेट कनेक्शनों के साथ डिजिटल क्रांति (digital Revolution) का नेतृत्व कर रहा है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस डिजिटल क्रांति (digital Revolution) ने किसानों की जिंदगी को कैसे बदला है? ई-नाम (e-NAM) एक ऐसी ही क्रांतिकारी पहल है, जिसने कृषि व्यापार (Agricultural Business) को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करके किसानों को सीधा बाजार से जोड़ दिया है। आइए, जानते हैं कि कैसे ये डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) भारतीय किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

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 e-NAM  क्या है? जानिए इस डिजिटल कृषि क्रांति के बारे में!

e-NAM (Electronic National Agriculture Market)  भारत सरकार का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे 14 अप्रैल 2016 को लॉन्च किया गया था। इसका मकसद था- देश की सभी कृषि मंडियों को एक ही ऑनलाइन नेटवर्क पर जोड़ना, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके और बिचौलियों की मनमानी खत्म हो।

कैसे काम करता है e-NAM ?

  • किसान घर बैठे या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर ई-नाम पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं।
  • फसल की जानकारी और फोटो अपलोड करने के बाद, वे ऑनलाइन बोली (बिडिंग) लगा सकते हैं।
  • खरीदार (बिजनेसमैन) सीधे किसान से संपर्क करके डिजिटल पेमेंट करते हैं, जो सीधे किसान के बैंक खाते में जमा हो जाता है।
  • इससे नकदी की समस्या, बिचौलियों का शोषण और मंडियों में भ्रष्टाचार कम हुआ है।

 कैसे करें e-NAM पर रजिस्ट्रेशन? सिर्फ 5 मिनट में जुड़ें 

अगर आप एक किसान हैं और ई-नाम का लाभ उठाना चाहते हैं, तो ये प्रोसेस बेहद आसान है:

Step-1 : वेबसाइट या ऐप पर जाएं 

https://e-nam.gov.in पर विजिट करें या ई-नाम मोबाइल ऐप डाउनलोड करें।

Step-2 : फार्मर रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें 

नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी भरें।

Step-3 : फसल का विवरण दर्ज करें 

कौन-सी फसल बेचनी है, उसकी गुणवत्ता और मात्रा की जानकारी अपलोड करें।

Step-4 : बोली लगाएं और डील करें 

खरीदारों की बोलियां देखें और सबसे अच्छा ऑफर स्वीकार करें।

Step-5 : डिजिटल पेमेंट प्राप्त करें 

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e-NAM के फायदे: क्यों ये प्लेटफॉर्म किसानों के लिए गेम-चेंजर है?

  बेहतर दाम मिलता है: सीधे बाजार से जुड़ने पर किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है।

  पारदर्शिता बढ़ी: फसल की गुणवत्ता और मूल्य का ऑनलाइन डेटा उपलब्ध होता है, जिससे धोखाधड़ी कम हुई।

  बिचौलियों की मजबूरी खत्म: अब किसानों को आढ़तियों के चक्कर में नहीं पड़ना पड़ता।

नेशनल मार्केट तक पहुंच: छोटे किसान भी दूसरे राज्यों के खरीदारों से सीधा जुड़ सकते हैं।

 डिजिटल भुगतान: भीम UPI, बैंक ट्रांसफर जैसे सेफ तरीकों से पैसा मिलता है।

 क्या कहते हैं आंकड़े? e-NAM  ने बदली किसानों की तकदीर!

  • 1,000+ मंडियां ई-नाम से जुड़ चुकी हैं।
  • 1.7 करोड़+ किसान रजिस्टर्ड हैं।
  • 3 लाख करोड़+ रुपये का कारोबार इस प्लेटफॉर्म पर हुआ है।
  • भाषाई सुविधा: ऐप हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल, तेलुगु समेत 8+ भाषाओं में उपलब्ध है।

10 Years Of Digital India : e-NAM के ज़रीये किसानों की बदल रही जिंदगी, नई टेक्नोलॉजी से आई डिजिटल क्रांति

 डिजिटल इंडिया ने किसानों को दी नई उम्मीद!

डिजिटल इंडिया और ई-नाम जैसी योजनाओं ने साबित किया है कि टेक्नोलॉजी अगर सही तरीके से इस्तेमाल की जाए, तो वह किसानों की तकदीर बदल सकती है। अब किसानों को मंडियों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, न ही बिचौलिए उनका मुनाफा खाते हैं।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।  

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