‘Ek Bagiya Maa Ke Naam’ Project: मध्य प्रदेश सरकार की मदद से महिलाओं को मिलेगी आर्थिक आज़ादी

'एक बगिया मां के नाम' ('Ek Bagiya Maa Ke Naam' Project) नाम की इस योजना के तहत मध्य प्रदेश की हज़ारों महिलाओं को अपनी ज़मीन पर फलदार पौधे लगाने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और प्रदेश हरा-भरा बनेगा।

'Ek Bagiya Maa Ke Naam' Project: मध्य प्रदेश सरकार की मदद से महिलाओं को मिलेगी आर्थिक आज़ादी

मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण (Women Empowerment and Environmental Protection) को एक साथ जोड़ते हुए एक अनोखी पहल की है। “एक बगिया मां के नाम” (‘Ek Bagiya Maa Ke Naam’ Project) नाम की इस योजना के तहत राज्य की हज़ारों महिलाओं को अपनी ज़मीन पर फलदार पौधे लगाने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और प्रदेश हरा-भरा बनेगा। ये योजना 15 अगस्त 2024 से शुरू होकर 15 सितंबर तक चलेगी और इसमें 30 हज़ार से ज्यादा महिलाओं को शामिल किया जाएगा।

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क्या है ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश सरकार ने ये नया प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके तहत स्वं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं को उनकी निजी ज़मीन पर फलदार पौधे लगाने के लिए पूरी सहायता दी जाएगी। ये योजना मनरेगा (MGNREGA) के तहत चलाई जाएगी, जिसमें सरकार महिलाओं को न केवल पौधे और खाद देगी, बल्कि उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 

योजना के मुख्य बिंदु:

  • 30 लाख फलदार पौधे लगाए जाएंगे।
  • 30 हज़ार एकड़ निजी ज़मीन पर बाग़ बनेंगे।
  • 1000 करोड़ रुपये की लागत से ये प्रोजेक्ट चलेगा।
  • महिलाओं को 50 हज़ार लीटर के जल कुंड, कटीले तार की फेंसिंग और उर्वरक भी दिए जाएंगे।
  • बिना ज़मीन वाली महिलाएं भी पति, पिता या पुत्र की ज़मीन पर बाग़ लगा सकती हैं।

कैसे मिलेगा लाभ?

इस स्कीम का फायदा  लेने के लिए महिलाओं को आजीविका मिशन के तहत स्व-सहायता समूह (SHG) से जुड़ना होगा। चयन प्रक्रिया में Sipri Software का यूज़ किया जाएगा, जो ये तय करेगा कि किस ज़मीन पर कौन-सा पौधा उगाना सही रहेगा। अगर ज़मीन उपयुक्त नहीं पाई जाती, तो वहां पौधे नहीं लगाए जाएंगे।

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किन पौधों का होगा चयन?

सरकार की ओर से आम, अमरूद, नींबू, अनार, जामुन, कटहल जैसे फलदार पौधे लगाए जाएंगे, जो न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाएंगे, बल्कि महिलाओं को लंबे समय तक आमदनी भी देंगे।

क्यों है ये योजना ख़ास?

महिलाओं की आर्थिक आज़ादी: फलों की बिक्री से महिलाओं को अतिरिक्त आय होगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगी।

हरित प्रदेश का लक्ष्य: 30 लाख पौधे लगने से मध्य प्रदेश का पर्यावरण संतुलन बेहतर होगा।

रोज़गार के अवसर: मनरेगा के तहत काम करने वाले मज़दूरों को भी रोज़गार मिलेगा।

जल संरक्षण: जल कुंड बनने से भूजल स्तर भी सुधरेगा।

'Ek Bagiya Maa Ke Naam' Project: मध्य प्रदेश सरकार की मदद से महिलाओं को मिलेगी आर्थिक आज़ादी

कैसे उठाएं लाभ?

अगर आप मध्य प्रदेश की निवासी हैं और इस योजना का हिस्सा बनना चाहती हैं, तो:

  1. स्व-सहायता समूह (SHG) से जुड़ें।
  2. अपनी या परिवार की ज़मीन पर पौधे लगाने के लिए आवेदन करें।
  3. सरकारी ट्रेनिंग लेकर बागवानी की जानकारी हासिल करें।
  4. पौधों की देखभाल करके भविष्य में अच्छी आमदनी कमाएं।

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