Agri Stack Conference: डिजिटल कृषि क्रांति ने किसानों के लिए खोले दरवाज़े, नए युग की शुरुआत

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने नई दिल्ली में 'एग्री स्टैक पर राष्ट्रीय सम्मेलन' (Agri Stack Conference) आयोजित कर डिजिटल कृषि (Digital Agriculture) की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया। इस सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत की घोषणा की।

Agri Stack Conference: डिजिटल कृषि क्रांति ने किसानों के लिए खोले दरवाज़े, नए युग की शुरुआत

कल्पना कीजिए, एक ऐसा भारत जहां किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना रुकावट मिले, जहां उनकी ज़मीन और फसल का हर रिकॉर्ड डिजिटल हो, और जहां बैंक लोन के लिए भटकना न पड़े। ये ख़्वाब अब हकीकत बनने जा रहा है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने नई दिल्ली में ‘एग्री स्टैक पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ (Agri Stack Conference) आयोजित कर डिजिटल कृषि (Digital Agriculture) की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया। इस सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत की घोषणा की।

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क्या है एग्री स्टैक? (What Is Agri Stack?)

एग्री स्टैक (Agri Stack) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो किसानों के सभी डेटा, ज़मीन के रिकॉर्ड, फसल विवरण, बैंक खाते, सरकारी योजनाओं का लाभ सब एक ही जगह जोड़ेगा। ये तकनीक किसानों को पारदर्शिता और सुविधा देगी, साथ ही सरकारी योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद करेगी।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु (Key Points Of The Conference)

1. किसान रजिस्ट्री और डिजिटल भूमि रिकॉर्ड

कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा कि “राज्यों को अपनी किसान रजिस्ट्री को डायनामिक बनाना होगा और इसे अपडेटेड भूमि रिकॉर्ड (आरओआर) से जोड़ना होगा। इससे पीएम-किसान, फसल बीमा और अन्य योजनाओं का लाभ सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगा।

2. 6,000 करोड़ रुपये का फंड आवंटन

सरकार ने डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसमें से-

  • 4,000 करोड़ किसान रजिस्ट्री (कानूनी उत्तराधिकार सहित) के लिए।
  • 2,000 करोड़ डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए।

3. बैंकों के साथ ऐतिहासिक समझौता

महाराष्ट्र, केरल, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों के साथ सार्वजनिक बैंकों ने हाथ मिलाया। अब किसान डिजिटल रूप से प्रमाणित होकर बिना कागजी कार्रवाई के लोन ले सकेंगे। ये छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित होगा।

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4. डिजिटल किसान पहचान पत्र (DVC)

एक बड़ी खबर यह रही कि अब किसानों को डिजिटली सत्यापित प्रमाणपत्र (DVC) मिलेगा, जिससे वे अपनी ज़मीन और फसल का डेटा सुरक्षित तरीके से साझा कर सकेंगे। यह प्रमाणपत्र डिजिलॉकर से जुड़ा होगा और ज़मीन बदलने पर अपने-आप अपडेट हो जाएगा।

5. एआई और रिमोट सेंसिंग का इस्तेमाल

सम्मेलन में एआई-आधारित चैटबॉट का प्रदर्शन किया गया, जो किसानों के सवालों का जवाब देगा। साथ ही, रिमोट सेंसिंग और एमएल टूल्स से फसल सर्वेक्षण को और सटीक बनाया जाएगा।

राज्यों ने दिखाई अपनी ताकत (States Showed Their Strength)

  1. महाराष्ट्र ने किसान रजिस्ट्री में बड़ी प्रगति दिखाई और एआई-आधारित सलाह (महाविस्तार एआई) के लिए सैंडबॉक्स बनाने की मांग की।
  2. उत्तर प्रदेश ने एमएसपी ई-खरीद को एग्री स्टैक से जोड़ने की स्कीम शेयर की।
  3. कर्नाटक ने बैंकिंग सिस्टम के साथ ‘फ्रूट्स प्लेटफॉर्म’ को जोड़कर नया इनोवेशन किया।

Agri Stack Conference: डिजिटल कृषि क्रांति ने किसानों के लिए खोले दरवाज़े, नए युग की शुरुआत

किसानों को मिलेगा शिकायत निवारण पोर्टल (Grievance Redressal Portal)

अब किसान ओटीपी-बेस्ड लॉगिन और मल्टीलेंग्वेज सपोर्ट वाले पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। वे अपने प्रतिनिधि को भी Authorized कर सकते हैं, जो उनकी ओर से काम करेगा।

डिजिटल खेती की नई उड़ान (Digital Farming)

यह सम्मेलन साबित करता है कि भारत की कृषि अब पुराने ढर्रे से बाहर निकल रही है। एग्री स्टैक, डिजिटल किसान आईडी, एआई टूल्स और बैंकिंग एकीकरण जैसी पहलें किसानों की ज़िंदगी आसान बनाएँगी। अब देखना है कि यह योजना ज़मीन पर कितनी सफल होती है।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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