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पटना (Patna) के पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (Animal Sciences University, Bihar ) में ऐतिहासिक किसान संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बिहार के किसानों के साथ मिलकर खेती-किसानी की नई राह तलाशी। उनके साथ बिहार के कृषि मंत्री विजय कुमार (Bihar Agriculture Minister Vijay Kumar) और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी भी मौजूद रहीं। इस मौके पर कृषि मंत्री ने किसानों की परेशानियों को गंभीरता से सुना और उनके समाधान के लिए ठोस योजनाओं का ऐलान किया।
कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा- शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि वो वहां पर किसी मेहमान की तरह नहीं, बल्कि किसानों की समस्याएं सुनने और उनका समाधान ढूंढने आए हैं। कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ (Agriculture is the backbone of the economy) है और किसान इसकी आत्मा। इसलिए, किसानों की सेवा करना ही उनकी सबसे बड़ी पूजा है।
बिहार के किसानों ने खुद किया शोध, सरकार बढ़ावा देगी
चौहान ने बिहार के किसानों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर कई इनोवेशन किए हैं, जो पूरे देश के लिए मिसाल बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों ने जैविक खेती, मिश्रित फसल प्रणाली और जल संरक्षण जैसे तरीकों से नई मिसाल कायम की है। अब सरकार उनके प्रयासों को और बढ़ावा देगी।
आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा
बिहार में आवारा पशुओं से फसलों को नुकसान पहुंचाने की परेशानी पर कृषि मंत्री ने चिंता जताई। कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए खेतों की घेराबंदी और पशु आश्रय स्थल बनाए जाएंगे। उन्होंने बिहार में मौजूद 3 करोड़ मवेशियों के संरक्षण पर भी जोर दिया।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए वैकल्पिक रोजगार
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को सलाह दी कि वे सिर्फ खेती पर निर्भर न रहें, बल्कि पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और ऑर्गेनिक फार्मिंग जैसे ऑप्शन को भी अपनाएं। उन्होंने कहा कि सरकार इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण और आर्थिक मदद देगी, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ सके।
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