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दुग्ध उत्पादन (Dairy Production) भारत में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है और लाखों किसानों की आजीविका का प्रमुख साधन है। भारत, विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है, लेकिन स्वच्छता और गुणवत्ता के मामले में अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं। स्वच्छ दुग्ध उत्पादन (Clean Milk Production) केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी नहीं है, बल्कि ये डेयरी उद्योग (Dairy Industry) की वृद्धि और किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए भी अहम है।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन का महत्व (Importance of Clean Milk Production)
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन (Clean Milk Production) का सीधा संबंध कंज्यूमर्स के हेल्थ से है। खराब और प्रदूषित दूध कई तरह की बीमारियों की वजह बन सकता है। जैसे कि टाइफाइड, फूड पॉइजनिंग, टीबी, ब्रुसेलोसिस व अन्य दूसरी बीमारियां। इसके अलावा, स्वच्छ दूध का उत्पादन (Clean Milk Production) डेयरी उत्पादों की क्वालिटी और एक्सपोर्ट पावर को भी बढ़ाता है।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन निम्नलिखित कारणों से ज़रूरी है:
1.उपभोक्ता स्वास्थ्य सुरक्षा – अशुद्ध दूध पीने से कई संक्रामक रोग फैल सकते हैं। स्वच्छ दुग्ध उत्पादन से इन रोगों की रोकथाम संभव है।
2.डेयरी उद्योग की उन्नति – उच्च गुणवत्ता वाला दूध न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी अधिक मांग में होता है।
3.किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार – स्वच्छ दूध का ज़्यादा दाम मिलता है, जिससे किसानों को अधिक फ़ायदा होता है।
4.पोषण और खाद्य सुरक्षा – दूध एक संपूर्ण आहार माना जाता है, जिसमें ज़रूरी प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते हैं। अगर दूध अशुद्ध होगा, तो इसका पोषण मूल्य भी प्रभावित होगा।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन की चुनौतियां (Challenges of clean milk production)
भारत में दुग्ध उत्पादन की प्रक्रिया में कई समस्याएं आती हैं, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
1.अशुद्धता और मिलावट – दूध में पानी, डिटरजेंट, यूरिया, स्टार्च जैसी चीज़ों की मिलावट आम समस्या है।
2.साफ-सफाई की कमी – दुग्ध उत्पादन में संलग्न कई छोटे किसान स्वच्छता मानकों का पालन नहीं करते।
3.बीमार पशु और उनके रखरखाव में कमी – कई किसान अपने पशुओं की नियमित जांच और टीकाकरण नहीं कराते, जिससे दूध में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्व आ सकते हैं।
4.अशुद्ध दूध संग्रहण और वितरण प्रणाली – कई स्थानों पर दूध को स्वच्छ और उचित तापमान पर संग्रहित नहीं किया जाता, जिससे उसमें बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं।
5.तकनीकी जागरूकता की कमी – दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों में वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकों के प्रति जागरूकता का अभाव है।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के उपाय (Tips for clean milk production)
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:
1. पशुओं की देखभाल और स्वास्थ्य
- दूध देने वाले पशुओं को उचित आहार और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना आवश्यक है।
- पशुओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच और टीकाकरण बहुत ही ज़्यादा अहम है।
- बीमार पशुओं को अलग रखना चाहिए ताकि उनका दूध दूसरे स्वस्थ पशुओं के दूध में न मिलाया जाए।
2. दुग्ध उत्पादन प्रक्रिया में स्वच्छता
- दूध दुहने से पहले हाथों की सफाई ज़रूरी है।
- दूध निकालने के लिए साफ और स्टरलाइज किए गए बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- दूध निकालने के स्थान को स्वच्छ रखना चाहिए।
3. दूध का सुरक्षित भंडारण और परिवहन
- दूध को तुरंत ठंडा करके 4°C से कम तापमान पर स्टोर करना चाहिए ताकि उसमें बैक्टीरिया न पनपें।
- दूध के परिवहन के लिए स्टेनलेस स्टील के कंटेनरों का उपयोग करना चाहिए।
4. दुग्ध परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण
- दूध में अशुद्धियों की जांच के लिए नियमित रूप से परीक्षण किए जाने चाहिए।
- दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआई (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया जाना चाहिए।
5. किसानों में जागरूकता और प्रशिक्षण
- सरकार और निजी संगठनों को मिलकर किसानों को स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।
- आधुनिक तकनीकों जैसे कि मशीन दुहने (Milking Machines) और दुग्ध शीतलन संयंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
भारत में स्वच्छ दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल (Government initiatives to promote clean milk production in India)
सरकार ने स्वच्छ दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे:
1.राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NDDB) – ये योजना दुग्ध उत्पादन में सुधार लाने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
2.राष्ट्रीय गोकुल मिशन – इस मिशन का उद्देश्य उन्नत नस्लों के पशुओं का विकास करना और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
3.डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS) – इस योजना के तहत किसानों को दुग्ध उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
4.स्वच्छ भारत मिशन के तहत डेयरी क्षेत्र में सुधार – डेयरी फार्मों और मिल्क कलेक्शन सेंटर्स की स्वच्छता को बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और किसानों की आय में वृद्धि के लिए अहम (Clean milk production is important for the health of consumers and increasing the income of farmers)
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए बल्कि डेयरी उद्योग की सतत वृद्धि और किसानों की आय में वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। इसके लिए किसानों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने, पशुओं की उचित देखभाल करने और स्वच्छता के मानकों का पालन करने की ज़रूरत है।
सरकार और निजी संगठनों को मिलकर किसानों को प्रशिक्षण देने और दुग्ध उत्पादन प्रक्रिया को वैज्ञानिक और आधुनिक बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
जब भारत में स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण दूध का उत्पादन होगा, तो न केवल स्वास्थ्य लाभ मिलेगा, बल्कि भारत का दुग्ध उद्योग भी वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेगा।
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