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भारत आज न केवल विकास की नई इबारत लिख रहा है, बल्कि हरित ऊर्जा (Green Energy) के क्षेत्र में भी एक ग्लोबल लीडर (Global Leader) की भूमिका निभा रहा है। जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण (Climate change and pollution) की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत ने स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) को अपनी प्राथमिकता बनाया है और इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि उन्हें काफी खुशी हो रही है कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अपने लक्ष्यों को पूरा कर लिया है, और वो भी तय समय से 5 साल पहले ही।
स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) के क्षेत्र में भारत ना सिर्फ दुनिया को दिशा दिखा रहा है, बल्कि एक नई हरित ऊर्जा क्रांति (The new green energy revolution) का नेतृत्व करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
भारत की स्वच्छ ऊर्जा योजनाएं: एक झलक (India’s Clean Energy Plans: A Glimpse)
भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट (GW) नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) क्षमता हासिल करने का टारगेट रखा है। इसके अलावा, 2070 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी (Carbon Neutrality) का लक्ष्य भी तय किया गया है। इसे पूरा करने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं-
1. सौर ऊर्जा में विश्व नेतृत्व (World Leadership In Solar Energy)
- प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (PM-Surya Ghar Yojana): इस योजना के तहत 1 करोड़ घरों को सोलर रूफटॉप से जोड़ा जाएगा, जिससे लोगों को बिजली बिल में भारी बचत होगी।
- विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क: गुजरात में द्वारका सोलर पार्क और राजस्थान में भदला सोलर पार्क जैसे प्रोजेक्ट्स से भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ने की ओर अग्रसर है।
2. ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (Green Hydrogen Mission)
- राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission): इसके तहत 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का टारगेट है, जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन हब बन सकता है।
- रिलायंस, अदाणी, टाटा (Reliance, Adani, Tata) जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही हैं।
3. पवन ऊर्जा (Wind Energy) में तेजी (Wind Energy Boom)
- भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश है। गुजरात और तमिलनाडु में ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट्स (Offshore Wind Projects) पर काम चल रहा है।
4. बायोएनर्जी और वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट्स (Bioenergy And Waste-To-Energy Projects)
- गोबर-धन योजना (Gobar-Dhan Scheme): किसानों को गोबर और कृषि अवशेषों से बिजली बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- दिल्ली, इंदौर जैसे शहरों में कचरे से बिजली बनाने के प्लांट्स लगाए जा रहे हैं।
वैश्विक साझेदारियां: भारत की हरित कूटनीति (Global Partnerships: India’s Green Diplomacy)
भारत ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिका, यूरोप, जापान, ऑस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व देशों के साथ मजबूत साझेदारियाँ बनाई हैं:
1. अमेरिका के साथ सहयोग (Cooperation with the US)
- इंडो-यूएस क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप: अमेरिका के साथ सौर ऊर्जा, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन में तकनीकी सहयोग बढ़ रहा है।
- Tesla और भारत की EV पॉलिसी: एलन मस्क की कंपनी Tesla भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) प्लांट लगाने की चर्चा हो रही है।
2. यूरोपीय संघ के साथ ग्रीन डील (Green Deal With The EU)
- हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए यूरोप से निवेश आकर्षित किया जा रहा है।
- फ्रांस और जर्मनी के साथ हाइड्रोजन और सोलर टेक्नोलॉजी में सहयोग।
3. आसियान और मध्य पूर्व देशों के साथ समझौते (Agreements With ASEAN And Middle East Countries)
- सऊदी अरब और UAE के साथ ग्रीन हाइड्रोजन डील।
- सिंगापुर और जापान के साथ स्मार्ट ग्रिड और बैटरी टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान।
भारत की हरित क्रांति (India’s Green Revolution)
भारत न केवल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर हरित ऊर्जा का नेतृत्व भी कर रहा है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और बायोएनर्जी में भारत की प्रगति दुनिया के लिए एक मिसाल है। अगर यही गति बनी रही, तो भारत जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा क्लीन एनर्जी हब बन जाएगा।
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