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नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में 9 अप्रैल 2025 को भारत और इज़राइल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग (India-Israel Agricultural Cooperation)को मज़बूत करने के लिए एक ऐतिहासिक बैठक संपन्न हुई। इस उच्च स्तरीय बैठक में भारत के केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और इज़रायल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री अवि दिख्तर ने हिस्सा लिया।
ये बैठक अवि दिख्तर की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा (official visit) के दौरान आयोजित की गई, जो दोनों देशों के बीच गहराते कृषि संबंधों का प्रतीक है।
कृषि सहयोग पर समझौते और एक्शन प्लान पर सिग्नेचर (Signing of Agreement And Action Plan On Agricultural Cooperation)
बैठक के दौरान भारत और इज़राइल ने कृषि सहयोग पर एक अहम समझौता और एक व्यापक कार्ययोजना पर हस्ताक्षर किए। ये समझौता मृदा एवं जल प्रबंधन, बागवानी, कृषि उत्पादन, फसल-पश्चात प्रौद्योगिकी, कृषि मशीनीकरण, पशुपालन तथा अनुसंधान और विकास (Soil and water management, horticulture, agricultural production, post-harvest technology, agricultural mechanization, animal husbandry and research and development) जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक मजबूत बनाएगा।
इस अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगुआई में भारत निरंतर अपने कृषि क्षेत्र को सशक्त करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने ये भी दोहराया कि भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः जैसे यूनिवर्सल वैल्यू में भरोसा करता है, जो वैश्विक सहयोग और मानवता की सेवा को प्राथमिकता देते हैं।
उत्कृष्टता केंद्रों की भूमिका और विस्तार (Role And Expansion Of Centre’s Of Excellence)
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत-इज़राइल कृषि सहयोग के अंतर्गत माशाव (MASHAV) की भूमिका की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत में 43 उत्कृष्टता केंद्र (Center’s of Excellence – CoEs) की स्थापना की गई है, जिनमें से 35 पूरी तरह से चालू हैं। ये सेंट्र आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रचार-प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इज़राइली मॉडल “Excellence Villages (VoE)” की कॉन्सेप्ट का भी उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य हर एक CoEs से 30 गांवों को जोड़ना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत कृषि तकनीकों का प्रभावी प्रसार संभव हो सके।
कृषि नवाचार और बीज सुधार योजना पर बल (Emphasis On Agricultural Innovation And Seed Improvement Scheme)
बैठक में दोनों पक्षों ने पंचवर्षीय बीज सुधार योजना (Five Year Seed Improvement Plan – FYSIP) की संभावना पर विचार-विमर्श किया। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता एवं स्थायित्व (Agricultural Productivity and Sustainability) को बढ़ावा देना है।
इसमें उन्नत बीज किस्मों का विकास, तकनीकी हस्तांतरण और अनुसंधान सहयोग (Development of improved seed varieties, technology transfer and research collaboration) को प्रमुखता दी जाएगी।
इसके साथ ही, कीट प्रबंधन, फसल-पश्चात प्रौद्योगिकियों का उन्नयन, क्षमता निर्माण और डिजिटल कृषि (Pest management, upgradation of post-harvest technologies, capacity building and digital agriculture) जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को विस्तार देने की सहमति बनी।
जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा (Climate Change And Food Security)
इज़राइल के कृषि मंत्री अवि दिख्तर ने भारत और इज़राइल के बीच मजबूत संबंधों को अंडरलाइन करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि क्षेत्र में नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। ऐसे में इनोवेशन और टेक्निकल सपोर्ट ही भविष्य की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और इज़रायल मिलकर हाई प्रोडक्टिविटी वाली फसल किस्मों और कृषि तकनीकों के विकास में सहयोग कर सकते हैं।
डिजिटल कृषि मिशन में इज़रायल की रुचि (Israel Interested In Digital Agriculture Mission)
बैठक के दौरान इज़राइली प्रतिनिधिमंडल ने भारत के डिजिटल कृषि मिशन में गहरी रुचि दिखाई। ये मिशन किसानों को तकनीक के ज़रीये से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इज़राइली पक्ष ने इस मिशन के तहत भारत में किसानों को दी जा रही सहायता और तकनीकी पहुंच की सराहना की और इस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
वैश्विक खाद्य संकट में संयुक्त योगदान (Joint Contribution To The Global Food Crisis)
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बैठक में वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट के समाधान (Solutions to the global food security crisis) में भारत-इज़रायल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर नवाचार और अनुसंधान (Innovation and research) के ज़रीये से वैश्विक स्तर पर कृषि विकास और खाद्य सुरक्षा (Agricultural Development and Food Security) में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 (World Food India 2025) में इज़राइली प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करते हुए इस मंच को दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का एक अवसर बताया।
संयुक्त कार्यसमूह का गठन (Formation Of A Joint Working Group)
बैठक के आख़िरी में ये फैसला लिया गया कि निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए एक संयुक्त कार्यसमूह (Joint Working Group) का गठन किया जाएगा। ये समूह निरंतर संवाद सुनिश्चित करेगा और एक स्पष्ट रोडमैप के आधार पर सहयोग की दिशा तय करेगा।
प्रतिनिधिमंडल और भागीदारी (Delegations And Participation)
इस बैठक में भारत की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) के सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित विभिन्न संयुक्त सचिवों ने हिस्सा लिया। इज़राइल की ओर से रियुवेन अजार (राजदूत) और याकोव पोलेग (डिप्टी डायरेक्टर जनरल, विदेश व्यापार एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
भारत और इज़रायल के बीच कृषि सहयोग प्रेरणादायक मॉडल (Agricultural Cooperation Between India And Israel Is An Inspiring Model)
भारत और इज़रायल के बीच कृषि सहयोग (Agricultural Cooperation) की ये बैठक न केवल दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह वैश्विक खाद्य सुरक्षा और नवाचार (Global Food Security and Innovation) के क्षेत्र में मिलकर काम करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। भविष्य में इस सहयोग से न केवल भारत के किसानों को आधुनिक तकनीकों का फ़ायदा मिलेगा, बल्कि ये पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है।
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