Microgreens Farming In Sikkim : सिक्किम में नई कृषि क्रांति, माइक्रोग्रीन्स की खेती से बढ़ाएं कमाई!

माइक्रोग्रीन्स (Microgreens) छोटे-छोटे पौधे होते हैं, जो साधारण सब्जियों (जैसे मूली, पालक, धनिया) के बीजों से उगाए जाते हैं।

Microgreens Farming In Sikkim : सिक्किम में नई कृषि क्रांति, माइक्रोग्रीन्स की खेती से बढ़ाएं कमाई!

सिक्किम (Sikkim) के किसानों और युवाओं के लिए एक बेहतरीन खबर है! राज्य सरकार ने माइक्रोग्रीन्स (Microgreens Farming In Sikkim) की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इस प्रोजेक्ट का मकसद है कम जगह में ज्यादा कमाई और आधुनिक खेती के तरीके सीखना। इस आर्टिकल में इसके बारें में विस्तार से बता रहे हैं।

क्या है माइक्रोग्रीन्स? (What Are Microgreens?)

माइक्रोग्रीन्स (Microgreens) छोटे-छोटे पौधे होते हैं, जो साधारण सब्जियों (जैसे मूली, पालक, धनिया) के बीजों से उगाए जाते हैं। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और होटल्स, रेस्टोरेंट और Health conscious (स्वास्थ्य के प्रति जागरूक) लोगों में इनकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

सिक्किम के लिए क्यों है खास? (What Is Special For Sikkim?)

सिक्किम में ज़मीन की कमी एक बड़ी समस्या है, खासकर गंगटोक जैसे शहरी इलाकों में। ऐसे में, छत पर खेती (Terrace Farming) और वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) जैसे तरीके यहां काम आ रहे हैं। इन तकनीकों से बिना ज्यादा जमीन के भी माइक्रोग्रीन्स उगाए जा सकते हैं।

कैसे मिलेगा प्रशिक्षण? (How Will Get Training?)

1.सिलीगुड़ी के COFAM (Centre of Floriculture and Agri-Business Management) ने सिक्किम के 150 कृषि अधिकारियों को ट्रेनिंग दी है।

2.ये अधिकारी अब किसानों और बेरोजगार युवाओं को माइक्रोग्रीन्स की खेती सिखाएंगे।

3.पॉलीहाउस और वर्टिकल फार्मिंग तकनीक से साल भर खेती की जा सकेगी।

क्या हैं फायदे? (What Are The Benefits?)

1. कम जगह, कम लागत: छत या छोटी जगह में भी खेती संभव।
2. ज्यादा मुनाफा: माइक्रोग्रीन्स की मार्केट में अच्छी कीमत मिलती है।
3. रोजगार के अवसर: युवा इसे स्टार्टअप के तौर पर शुरू कर सकते हैं।
4. टूरिज्म से जुड़ाव: सिक्किम के होटल्स और रेस्टोरेंट में इनकी डिमांड बढ़ रही है।

क्या है अगला कदम? (What Is The Next Step?)

सरकार इस प्रोजेक्ट को दो चरणों में आगे बढ़ाएगी:

  • पहला चरण: किसानों को ट्रेनिंग देना और सेटअप तैयार करना।
  • दूसरा चरण: मार्केटिंग और प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाकर इसे बड़े स्तर पर फैलाना।

सिक्किम सरकार (Sikkim Government) की ये पहल किसानों और युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है। अगर आप भी कम लागत में अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो माइक्रोग्रीन्स की खेती जरूर सीखें।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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