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‘क्या आप जानते हैं कि मुंबई के लोग घर से निकलने से पहले IMD (India Meteorological Department) के WhatsApp पर मौसम चेक करते हैं?’ ये बात केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr. Jitendra Singh) ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। पिछले दो दिनों में देश के कई हिस्सों में आए भीषण मौसम के बीच उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मिशन मौसम’ (MISSION MAUSAM) के तहत भारत का पूर्वानुमान तंत्र अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सिस्टम्स की कतार में शामिल हो रहा है।
क्या है मिशन मौसम?
11 सितंबर 2024 को केंद्रीय कैबिनेट ने 2000 करोड़ रुपये के बजट वाले इस अभियान को मंजूरी दी।
किसानों के लिए रामबाण: मानसून का सटीक पूर्वानुमान अब बताएगा कि कब बोना है, कब सिंचाई करनी है।
आपदाओं से बचाव: बाढ़, चक्रवात और भूस्खलन जैसी आपदाओं की पहले से चेतावनी मिलेगी।
ग्रामीण विकास: पानी की बचत, पशुधन सुरक्षा और सड़क निर्माण की योजनाएं अब मौसम के अनुसार बनेगी।
कैसे काम कर रहा ये मिशन?
हाई-टेक रडार और सेंसर: पूरे देश में 37 डॉप्लर रडार और ऑटोमेटेड वेदर स्टेशन (AWS) लगाए जा रहे हैं।
सुपर कंप्यूटर की ताकत: ‘प्रत्यूष’ और ‘मिहिर’ जैसे सुपरकंप्यूटर अब 3 घंटे से लेकर 30 दिनों तक का सटीक पूर्वानुमान देंगे।
मोबाइल ऐप्स और WhatsApp अलर्ट्स: 450 शहरों के लिए “मौसम ऐप” और किसानों के लिए विशेष एसएमएस सर्विस शुरू की गई है।
नॉर्थ-ईस्ट राज्यों पर ख़ास फोकस
अरुणाचल, मेघालय और असम जैसे राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन सबसे ज्यादा तबाही मचाते हैं। मिशन मौसम के तहत:
पहाड़ों के लिए विशेष रडार सिस्टम
स्थानीय भाषाओं में अलर्ट
राज्य सरकारों के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन
क्या हैं चुनौतियां?
-: बदलती जलवायु के कारण लंबी अवधि के पूर्वानुमान मुश्किल हो रहे हैं।
-: दूरदराज के इलाकों में टेक्नोलॉजी की कमी
-: किसानों तक सही जानकारी पहुंचाना
क्या आपको पता है?
- शिमला में भारत का सबसे पुराना IMD सेंटर है।
- भारत का मौसम डाटा अब पड़ोसी देश भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
- “अब मौसम का अंदाज़ा नहीं, सटीक जानकारी” – ये मोदी सरकार का वादा है।
तो अगली बार जब बारिश होने वाली हो, तो IMD के ऐप पर जरूर चेक करें – कहीं आप बिना छाते के तो नहीं निकल रहे?
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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।