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देश की राजधानी दिल्ली में कृषि अर्थव्यवस्था (Agricultural economy) के इतिहास में एक नया चैप्टर जुड़ गया है। केंद्रीय कृषि शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय एफपीओ सम्मेलन 2025 (National FPO Conclave 2025) का शुभारंभ किया। इसके साथ ही ऐतिहासिक घोषणाएं कीं, जो भारतीय किसान के भविष्य की दिशा तय करने वाली हैं। 24 राज्यों और 140 ज़िलों के 500 से ज़्यादा प्रगतिशील किसानों, एफपीओ, सीबीबीओ और एजेंसियों की मौजूदगी वाले इस महाकुंभ ने ‘Farmer to Entrepreneur’ के साथ मज़बूत नींव रखी।
बीजों पर सख्त कानून
सम्मेलन का सबसे चर्चित ऐलान था कि एक नया बीज अधिनियम (Seed Act) लाना। कृषि मंत्री चौहान ने साफ किया कि इस कानून में ये प्रावधान (Provision) होगा कि किसानों को हाई क्वालिटी वाले बीज मिलें। नकली बीजों और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और कानून लाने की बात ने किसानों की सबसे बड़ी चिंता को दूर करने का इशारा दिया। ये कदम कृषि लागत कम करने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक मज़बूत आधार साबित होगा।
Integrated Farming और स्वदेशी गांव का मंत्र
कृषि मंत्री ने जोर देकर कहा कि सिर्फ अनाज पर निर्भर रहना काफी नहीं है। उन्होंने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एकीकृत कृषि (Integrated Farming) पर फोकस करने को कहा। जिसमें पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन जैसी सपोर्टिव एक्टिविटी को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने एफपीओ से उम्मीद जताई कि वे अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और ‘स्वदेशी’ के जरिए आत्मनिर्भर गांवों के बनाने में अहम भूमिका निभाएं।
Value Addition: किसान से Entrepreneur बनने की चाभी
केंद्रीय मंत्री का सबसे महत्वपूर्ण संदेश था कि “किसान सिर्फ उत्पादक न बने रहें, बल्कि प्रोसेसिंग और Value Addition के ज़रिए बिज़नेसमैन बनें। ये वो कड़ी है जो किसानों को उनके प्रोडक्ट का सही दाम दिला सकती है। उन्होंने mediators की वजह से producers and consumers के बीच पनप रही कीमतों की खाई को टेंशन वाली बात कहा। उन्होंने कहा कि इस अंतर को कम करना ज़रूरी है।
Exhibition और Technical Sessions
एनसीडीसी परिसर में लगी विशाल प्रदर्शनी में 267 एफपीओ ने अपने अनाज, दालें, तेलबीज, फल, सब्जियां, ऑर्गेनिक और पारंपरिक उत्पादों की झलक दिखाई। शिव राज सिंह चौहान ने खुद 57 स्टॉल्स को देखा और किसानों से सीधी बातचीत की। साथ ही, तिलहन उत्पादन, जल उपयोग दक्षता, प्राकृतिक खेती, डिजिटल मार्केटिंग और एगमार्क सर्टिफिकेशन पर हुए Technical Sessions ने किसानों को नई जानकारियों और तकनीकों से रूबरू कराया।
एक नए युग की शुरुआत
राष्ट्रीय एफपीओ सम्मेलन 2025 साबित करता है कि अब नीति निर्माताओं और खेतों में काम करने वाले किसानों के बीच की दूरी घट रही है। बीज कानून का वादा, वैल्यू एडिशन पर जोर और एफपीओ को प्रोत्साहन – ये तीनों मिलकर भारत के किसान को’Farmer to Entrepreneur’ की ओर ले जाने का ऐतिहासिक रास्ता तैयार कर रहे हैं।
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