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राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने अपनी स्थापना के 44 साल पूरे होने के मौके पर कई बड़े ऐलान किए हैं। इनमें Graduated Rural Income Generation Programme (GRIP), CoLab डिजिटल पोर्टल और नाबार्ड का ऑफिशियल व्हाट्सएप चैनल शामिल हैं। ये सभी योजनाएं ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और डिजिटल तकनीक (New Initiative Of NABARD) से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।
GRIP: गांवों की आमदनी बढ़ाने की मास्टर प्लान
नाबार्ड (NABARD) ने Graduated Rural Income Generation Programme (GRIP) की शुरुआत की है, जिसका मकसद ग्रामीण गरीबों की आय बढ़ाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस स्कीम के तहत लाभार्थियों को वापसी योग्य सब्सिडी और कौशल विकास प्रशिक्षण (Skill Development Training) दिया जाएगा, ताकि वे औपचारिक आर्थिक गतिविधियों (Formal economic activities) से जुड़ सकें।
GRIP के मुख्य फायदे
सब्सिडी के साथ लोन :– ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय मदद।
रोज़गार सृजन :– छोटे उद्यमों को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना।
कौशल विकास :– कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण।
इस योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला गेम-चेंजर माना जा रहा है।
CoLab: ग्रामीण भारत का डिजिटल इनोवेशन हब
नाबार्ड ने CoLab पोर्टल लॉन्च किया है, जो फिनटेक, एग्रीटेक और डिजिटल सॉल्यूशंस को एक ही मंच पर लाता है। ये पोर्टल स्टार्टअप्स, एनजीओ, स्वयं सहायता समूह (SHGs) और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को टेक्नोलॉजी और आर्थिक मदद देगा।
CoLab के ख़ास फीचर्स:
ओपन इनोवेशन प्लेटफॉर्म :– कोई भी नवाचारी विचार यहां साझा कर सकता है।
फंडिंग और मेंटरशिप :– चुने गए प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता और विशेषज्ञ मार्गदर्शन मिलेगा।
ग्रामीण समस्याओं का समाधान :– किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और सहकारी बैंकों की जरूरतों के हिसाब से डिजिटल समाधान।
CoLab का उद्देश्य गांवों को टेक्नोलॉजी से जोड़कर उन्हें आधुनिक बनाना है।
नाबार्ड का व्हाट्सएप चैनल: अब सीधी जानकारी आपके मोबाइल पर
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए नाबार्ड ने अपना ऑफिशियल व्हाट्सएप चैनल (official whatsapp channel) शुरू किया है। इसके जरिए किसान, स्वयं सहायता समूह और सहकारी बैंक सीधे नाबार्ड की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
व्हाट्सएप चैनल के फायदे:
- योजनाओं की रियल-टाइम अपडेट – लोन, सब्सिडी और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स की जानकारी।
- आसान संचार – ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ने से जानकारी तुरंत मिलेगी।
- शिकायत निवारण – बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान।
निवारण पोर्टल: ग्रामीण बैंकिंग में पारदर्शिता
नाबार्ड ने Nivaran’ नामक एक नया शिकायत निवारण पोर्टल (New Grievance Redressal Portal) भी लॉन्च किया है। ये 24×7 डिजिटल प्लेटफॉर्म ग्रामीण सहकारी बैंकों से जुड़ी शिकायतों को दूर करेगा और बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाएगा।
निवारण पोर्टल की ख़ासियतें
- ऑनलाइन शिकायत दर्ज करना :– कोई भी ग्राहक अपनी समस्या ऑनलाइर रिपोर्ट कर सकता है।
- ट्रैकिंग सिस्टम :– शिकायत की स्थिति की रियल-टाइम जानकारी।
- तेज समाधान :– समस्याओं का जल्द निपटारा सुनिश्चित करना।
लेह में नया सब-ऑफिस: लद्दाख को मिलेगा बढ़ावा
इसके अलावा, नाबार्ड ने लेह, लद्दाख में अपना सब-ऑफिस खोला है। इससे इस दुर्गम क्षेत्र में कृषि, पशुपालन और ग्रामीण विकास को गति मिलेगी।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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