तीनों कृषि कानूनों के अमल पर SC की रोक, 4 सदस्यों की कमिटी भी बनाई

SC on Kisan Andolan Live : आज सुनवाई के दौरान किसानों के वकील एम एल शर्मा ने कहा कि कुछ […]

supreme court of india

SC on Kisan Andolan Live : आज सुनवाई के दौरान किसानों के वकील एम एल शर्मा ने कहा कि कुछ किसान किसी कमिटी के सामने नहीं जाना चाहते हैं। उनकी केवल एक ही मांग है कि तीनों कानूनों को रद्द कर दिया जाए। किसान शांति से विरोध कर रहे हैं परन्तु उन्हें बदनाम किया जा रहा है।

शर्मा ने आगे कहा कि किसानों की जमीनें छीन ली जाएंगी और उन्हें कॉरपोरेट के भरोसे छोड़ दिया जाएगा। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम अपने अंतरिम आदेश में कहेंगे कि ज़मीन को लेकर कोई कांट्रेक्ट नहीं होगा।

चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि हमें बताया गया है कि कुल 400 किसान संगठन विरोध कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि आप सभी कमेटी के पास जाए और हमें ग्राउंड रिपोर्ट बताएं। कोई भी हमें कमेटी बनाने से नहीं रोक सकता। कमेटी हमें रिपोर्ट देगी और हम कानूनों को सस्पेंड भी कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के वकील से पूछा कि आपको किसने कहा कि आपकी जमीनें बिक जाएंगी। इस पर शर्मा ने कहा कि अगर हम कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट में जाएंगे और फसल क्वालिटी की पैदा नहीं हुई, तो कंपनी उनसे भरपाई मांगेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें बताया गया है कि दक्षिण भारत के राज्यों की ओर से इन कानूनों को समर्थन मिल रहा है। इस पर किसानों के वकील ने कहा कि दक्षिण में हर रोज नए कानूनों के खिलाफ रैली हो रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इन कानूनों को सस्पेंड करके लिए तैयार हैं लेकिन इनके लिए कोई उद्देश्य भी होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कानूनों को सस्पेंड करने के लिए तैयार है लेकिन ऐसा तभी होगा जब प्रदर्शन की जगह बदली जाएगी। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन (भानू) के वकील ने कहा कि हम बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं को आंदोलन से हटा लेंगे। अब वो इसका हिस्सा नहीं होंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयान को रिकॉर्ड पर ले लिया।

केन्द्र सरकार का पक्ष रखते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि इतने सारे संगठन हैं, किसी का कुछ पता नहीं है। ऐसे में कोर्ट को कमेटी बना देनी चाहिए, जो भी आना चाहता है, वह आए।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमेटी हमारे लिए होगी। यह कमेटी न तो किसी को आदेश देगी और न ही किसी को सजा दे सकेगी। यह सिर्फ रिपोर्ट बनाकर हमें देगी। हम उसके आधार पर निर्णय लेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में यह बात भी उठाई गई कि कुछ खालिस्तानी संगठन भी इसमें जुड़ रहे हैं। इस पर अटॉर्नी जेनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हम कल आईबी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करेंगे। उनके इस जवाब पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ये पुलिस का अधिकार होगा कि वह प्रोटेस्ट की इजाज़त किस तरह से देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की जाने वाली कमेटी के लिए भारतीय किसान यूनियन ने अपनी तरफ से जस्टिस मार्कंडेय काटजू और जस्टिस कुरियन जोसेफ का नाम सुझाया। हालांकि इस पर सीजेआई ने असहमति जताते हुए कहा कि हम कमेटी गठित करेंगे।

चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कृषि कानूनों को लागू करने पर स्टे देंगे लेकिन यह अनिश्चित काल के लिए नहीं होगा। ऐसा हम सिर्फ सकारात्मक माहौल बनाने के लिए कर रहे हैं।

किसान आंदोलन के मुद्दे को सुलझाने के लिए चीफ जस्टिस ने एसए बोबडे ने 4 मेंबर की कमेटी बनाई है। कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी को शामिल किया गया है।

कमेटी बनाने के निर्णय के बाद आज की सुनवाई पूरी हो गई है। सुनवाई के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर चर्चा कर जल्दी फैसला करेंगे। 26 जनवरी की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के लिए उन्होंने कहा कि रैली निकाली जाएगी।

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