नागालैंड में कृषि और ग्रामीण विकास को मिलेगी नई दिशा – शिवराज सिंह का बड़ा ऐलान

नागालैंड में शिवराज सिंह चौहान ने कृषि और ग्रामीण विकास को दी नई दिशा, किसानों और छात्रों के लिए की बड़ी घोषणाएं।

शिवराज सिंह Shivraj Singh

पूर्वोत्तर भारत के कृषि और पशुपालन क्षेत्र को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह ने नागालैंड के जलुकी में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इंफाल) के पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन महाविद्यालय के प्रशासनिक और अकादमिक भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर नागालैंड के उपमुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग, ग्रामीण विकास मंत्री मेट्सुबो जामिर और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा भी उपस्थित रहे।

शिवराज सिंह ने किया 338.83 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान (Shivraj Singh announced assistance of Rs 338.83 crore)

अपने संबोधन में शिवराज सिंह ने नागालैंड के कृषि और पशुपालन क्षेत्रों की विशेषताओं की सराहना की। उन्होंने राज्य के लिए 338.83 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। यह राशि नागालैंड में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए दी जाएगी। शिवराज सिंह ने नागालैंड सरकार से आग्रह किया कि वे कृषि और ग्रामीण विकास के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाएं, जिसमें केंद्र सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।

वैज्ञानिक टीम गठित करने की सलाह (Advice to form a scientific team)

शिवराज सिंह ने राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक जिले में वैज्ञानिकों, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के अधिकारियों, विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों और किसानों की एक टीम बनाई जाए, जो हर महीने कम से कम दो बार गांवों में जाकर किसानों से संवाद करें। इससे न केवल किसानों की समस्याएं सामने आएंगी बल्कि नीतिगत और तकनीकी स्तर पर जमीनी समाधान तैयार किए जा सकेंगे।

उन्होंने प्राकृतिक खेती के अवसरों पर भी जोर दिया और बताया कि नागालैंड जैसे राज्य में यह मॉडल बहुत कारगर हो सकता है। इस दिशा में केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग देगी।

विद्यार्थियों को दिल्ली आमंत्रित किया (Students invited to Delhi)

शिवराज सिंह ने पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन महाविद्यालय के छात्रों की मेहनत की तारीफ की और उन्हें दिल्ली आमंत्रित किया, ताकि वे अपने इनोवेटिव विचार उनके साथ साझा कर सकें। उन्होंने छात्रों के स्टार्टअप और उद्यमशीलता विकास के लिए वित्तीय मदद देने का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में एक बार फिर नागालैंड आकर छात्रों और किसानों से सीधे संवाद करेंगे।

किसानों से सीधा संवाद, मेले में की शिरकत (Direct communication with farmers, participation in the fair)

शिवराज सिंह ने उद्घाटन समारोह के अवसर पर आयोजित किसान मेले और प्रदर्शनी स्टॉल का भी दौरा किया। यहां उन्होंने किसानों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना। यह उनके व्यवहारिक दृष्टिकोण और किसानों से जुड़ाव को दर्शाता है।

राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री ने भी जताया उत्साह (The Governor and Deputy Chief Minister also expressed enthusiasm)

इस समारोह की अध्यक्षता नागालैंड के राज्यपाल श्री ला. गणेशन ने की। उन्होंने केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की भूमिका की सराहना की, खासकर पशु स्वास्थ्य सेवा और कृषि उन्नयन में। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और किसानों तथा सभी हितधारकों की साझेदारी को “विकसित भारत 2047” के सपने की पूर्ति के लिए ज़रूरी बताया।

वहीं, नागालैंड के उपमुख्यमंत्री श्री टी. आर. जेलियांग ने भी इस अवसर पर कृषि में तकनीकी नवाचार और शोध आधारित खेती की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल खेती की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

639 किसानों और 84 सरकारी अधिकारियों की भागीदारी (Participation of 639 farmers and 84 government officials)

इस कार्यक्रम में कुल 639 किसान और राज्य तथा केंद्र सरकार के 84 अधिकारी शामिल हुए। यह संख्या बताती है कि नागालैंड के किसान कृषि नवाचार और सरकारी योजनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

शिवराज सिंह द्वारा नागालैंड में किए गए इस दौरे और घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर भारत की कृषि, पशुपालन और ग्रामीण विकास को लेकर गंभीर है। किसानों के साथ सीधा संवाद, छात्रों को प्रोत्साहन, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नीति निर्माण – ये सभी कदम “विकसित भारत” की दिशा में एक ठोस पहल हैं।

शिवराज सिंह की यह पहल न केवल नागालैंड, बल्कि पूरे देश के किसानों और कृषि छात्रों के लिए प्रेरणादायक है।

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