किसानों की सोयाबीन फसल को ‘ज़हरीली’ दवा ने जलाया,कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने किया औचक निरीक्षण, कंपनी पर भड़के

प्रदेश के रायसेन जिले के छीरखेड़ा गांव (Chhirkheda village in Raisen district of Madhya Pradesh) खरपतवारनाशक दवा के नाम पर (Fake pesticides, fertilizers and seeds) कहर टूट पड़ा। खेतों में सोयाबीन की जगह अब सिर्फ जले हुए पौधों के ठूंठ और खरपतवार (plant stumps and weeds)  नज़र आ रहे हैं। जहां एक कंपनी की दवा ने सैकड़ों किसानों की उम्मीदों को जड़ से जला दिया।

किसानों की सोयाबीन फसल को 'ज़हरीली' दवा ने जलाया,कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने किया औचक निरीक्षण, कंपनी पर भड़के

एक तरफ किसान सोयाबीन (Soybean Crop) की हरी-भरी फसल देखने का सपना संजोए थे, तो दूसरी तरफ उनकी मेहनत पर खरपतवारनाशक दवा के नाम पर (Fake pesticides, fertilizers and seeds) कहर टूट पड़ा। खेतों में सोयाबीन की जगह अब सिर्फ जले हुए पौधों के ठूंठ और खरपतवार (plant stumps and weeds)  नज़र आ रहे हैं। ये नज़ारा है मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले के छीरखेड़ा गांव (Chhirkheda village in Raisen district of Madhya Pradesh)  का है, जहां एक कंपनी की दवा ने सैकड़ों किसानों की उम्मीदों को जड़ से जला दिया।

इसी हादसे की ख़बर सुनकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) अचानक खेतों में पहुंचे और उन्होंने अपनी आंखों से इस तबाही को देखा।

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मंत्री का गुस्सा और किसानों का दर्द

किसानों की गुहार सुनकर जब केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान सीधे खेतों में पहुंचे, तो नज़ारा देखकर उनका चेहरा तमतमा गया। उन्होंने देखा कि जहां हजारों रुपये खर्च करके बोई गई सोयाबीन की फसल लहलहानी चाहिए थी, वहां सिर्फ खरपतवार और जली हुई ज़मीन थी।

किसानों ने मंत्री को बताया कि HPM नामक कंपनी (HPM company) की खरपतवारनाशक दवा का छिड़काव करने के कुछ ही दिनों बाद उनकी पूरी फसल झुलस कर बर्बाद (The entire crop was destroyed by scorching) हो गई। ये सीन  सिर्फ एक खेत का नहीं, बल्कि पूरे इलाके के कई किसानों की एक जैसी कहानी है।

किसान की फसल गई, तो जिंदगी गई: शिवराज सिंह चौहान

इस घटना पर केंद्रीय मंत्री ने कही कि ‘किसान की फसल चली गई तो उसकी जिंदगी ही चली गई। ये कोई मामूली घटना नहीं है। किसानों को राहत ज़रूर मिलेगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी दोषी कंपनी की होगी। कृषि मंत्री चौहान ने ये भी खुलासा किया कि स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) की दी रिपोर्ट सही नहीं है, इसलिए एक नई उच्चस्तरीय समिति (New high level committee) इसकी जांच करेगी।

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तुरंत गठित की गई वैज्ञानिकों की टीम, होगी जांच

शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिक समिति (High Level Scientific Committee) गठित कर दी है। इस समिति की अध्यक्षता ICAR के खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (DWR), जबलपुर के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्रा करेंगे। इस समिति का गठन इस बात का संकेत है कि सरकार इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है।

देशव्यापी अभियान की चेतावनी

केंद्रीय मंत्री ने एक चेतावनी देते हुए कहा कि नकली कीटनाशक, खाद और बीज (Fake pesticides, fertilizers and seeds) बेचकर किसानों के साथ धोखा करने वाली कंपनियों के खिलाफ पूरे देश में एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाली कंपनी के ख़िलाफ किसानों का पूरा नुकसान भरवाया जाएगा और सख़्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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