Hydroponic Farming At Home: हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती में घर की छत पर उगाएं फल-सब्जियां

Hydroponic Farming At Home | सब्जियों को हाइड्रोपोनिकली उगाने वाली ये विदेशी तकनीक है। 1859-1875 में जर्मन वनस्पतिशास्त्री जूलियस वॉन सैक्स और विल्हेम नोप की खोज से मिट्टी रहित खेती की ये तकनीक ईज़ाद हुई। बता दें कि हाइड्रोपोनिक एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब होता है बिना मिट्टी और सिर्फ़ पानी के जरिए खेती करना। जानिए हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती के बारे में।

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जो लोग बागवानी का शौक रखते हैं उनको फल-सब्जियों को उगाने की हाइड्रोपोनिक टेक्नोलॉजी के बारें में पता होगा। वहीं अगर आप भी अपनी बालकनी या छत या फिर कमरे में फल और सब्जियों को बिना मिट्टी के इस्तेमाल किये बिना उगाना चाहते हैं तो यहां हम आपको हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती के बारें में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

आप अपने घर की छत पर अप-साइक्लिंग कर अपना हाइड्रोपोनिक सिस्टम तैयार कर सकते हैं। आज के वक्त में जब खाने-पीने की चीज़ें केमिकल से भर चुकी हैं तो लोग घर पर फल और सब्जियां उगाने के बारे में सोचते हैं तो इसमें हाइड्रोपोनिक तकनीक सबसे ज़्यादा काम आती है। हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती करने के कई फ़ायदे हैं।

आज बहुत से लोग घर पर ही हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग करना चाहते हैं, लेकिन उनको सही गाइडेंस नहीं मिल पाता और वो इस तकनीक के साथ बेहतर तरीके से आगे नहीं बढ़ पाते हैं, उनको नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। ऐसे में हम यहां आपको कुछ ऐसी ज़रूरी जानकारियां बताने जा रहे हैं, जिससे आप इसे बिना परेशानी के अपनी छत पर शुरू कर सकते हैं।

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हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती क्या है ? (What is Hydroponic Technique?)

सब्जियों को हाइड्रोपोनिकली उगाने के लिए सबसे पहले ये जानते हैं कि ये तकनीक क्या है, तो बता दें कि हाइड्रोपोनिक एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब होता है बिना मिट्टी और सिर्फ़ पानी के ज़रिए खेती करना, फसलें उगाना। बताते चलें कि ये एक आधुनिक खेती की तकनीक है जिसमें पानी का इस्तेमाल किया जाता है। एक कंट्रोल परिवेश (Environment) में खेती होती है। इस पद्धति में तापमान 15-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है। इस तकनीक में आर्द्रता 80-85 फ़ीसदी होती है, साथ ही पोषक तत्व भी पौधों को पानी के ज़रिए मिलते हैं।

हाइड्रोपोनिक फ़ार्मिंग घर पर कैसे करें (How To Do Hydroponic Farming At Home)

हाइड्रोपोनिक खेती (hydroponic farming) किसानों के साथ आम लोगों को, जो अपने घरों की छत पर फ़ार्मिंग करना पसंद करते हैं, उन्हें अट्रैक्ट कर रही है। खेती की इस तकनीक की सबसे अहम बात ये है कि इसमें आपको ज़मीन और मिट्टी की ज़रूरत नहीं पड़ती है। पानी के अंदर पोषक तत्वों को मिलाने के साथ ही सिर्फ़ बालू, कंकड का इस्तेमाल होता है।

इस तकनीक की मदद से आप सब्जियों को अपनी छत के साथ बालकनी और घर के एक कमरे में भी कर सकते हैं। आप 10 बाई 10 के एरिया में बड़े आराम से विदेशी पत्तेदार सब्जियों को लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। हाइड्रोपोनिक तकनीक की मदद से हर महीने 15 हज़ार महीना मुनाफ़ा लिया जा सकता है।

हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती के लिए आपको पारालाइट और कोकोपिट को एकसाथ मिक्स करना होगा, क्योंकि ये मिश्रण चार से पांच साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से पहले बीज की बुवाई करनी होगी। जब इसमें पौधे निकल जाते हैं तब इन डिब्बों को पाइप के ऊपर बनाये गए छेद में रखा जाता है। इन पाइप की मदद से पोषणयुक्त पानी बहता है। इस तकनीक में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होता है।

आप अपनी जगह के अनुसार मॉडल तैयार कर सकते हैं। पानी के साथ बालू और कंकड़ मिलाकर 15 से 30 डिग्री तापमान के साथ 80 से 85 फीसदी नमी वाली कंडीशन के साथ इसमें फल और सब्जियां उगाई जाती हैं। इसमें फास्फोरस, नाइट्रोजन, मैग्निशियम, कैलशियम, पोटाश, जिंक, सल्फर, आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों का घोल पानी में मिलाया जाता है। कुछ दिनों के बाद पानी में पौधों की जड़ें निकल आती हैं और धीरे-धीरे पौधा बढ़ने लगता है।

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हाइड्रोपोनिक फ़ार्मिंग में कब और किन फसलों की बुआई? 

हाइड्रोपोनिक फार्मिंग में रबी मौसम की फसलों की बुआई आप सितंबर से लेकर अक्टूबर महीने में कर सकते हैं। फूल गोभी, पत्ता गोभी, प्याज़, शलजम, गाजर, टमाटर, लहसुन, सरसो, पालक, मेथी, बैंगन, मूली को अपनी छत पर उगा सकते हैं।

वहीं खरीफ़ फसल की बुवाई जून से लेकर जुलाई में आप कर सकते हैं। इसमें लौकी, लोबिया, अरबी, मिर्, भिंडी, करेला, टमाटर, तोरई उगा सकते हैं। फरवरी से लेकर अप्रैल में करेला, तरबूज, खीरा, टिंडा, खरबूजा, तोरई, भिंडी, ककड़ी और लौकी उगा सकते हैं।

शुरुआत के लिए अच्छा हाइड्रोपोनिक सिस्टम कौन सा है? (Which Is A Good Hydroponic System?)

डीप वॉटर कल्चर (डीडब्ल्यूसी) सबसे आसान हाइड्रोपोनिक सिस्टम है, जिसे आप घर पर बना और रख-रखाव कर सकते हैं। इस प्रणाली में, पौधे अपनी जड़ों को सीधे पोषक तत्वों से भरपूर पानी में डुबाकर बढ़ाते हैं। डीप वॉटर कल्चर सिस्टम, हाइड्रोपोनिक खेती की एक विधि है। ये सिस्टम हाइड्रोपोनिक्स का सबसे आसान सिस्टम माना जाता है।

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हाइड्रोपोनिक के लिए जगह का सेलेक्शन (Selection of Place For Hydroponic)

हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए सबसे अहम है जगह का चुनाव। आप को सबसे पहले ये देखना है कि आप हाइड्रोपोनिक खेती घर में कहां करना चाहते हैं। घर की छत पर या फिर किसी कमरे में। अगर आप घर में इसकी शुरूआत कर रहे हैं तो सबसे सही जगह छत मानी जाती है।

जगह के सेलेक्शन के बाद आप अपने बजट के अनुसार हाइड्रोपोनिक किट ख़रीद कर बागवानी शुरू कर सकते हैं, ये आपको बाज़ार में मिल जाएगी। इसके ज़रीये आप बिना किसी परेशानी के पौधे उगाना शुरू कर सकते हैं। हाइड्रोपोनिक सिस्टम के लिए आपको घर के अंदर कमरे के हिसाब से एक हाइड्रोपोनिक सिस्टम तैयार करना होगा। आर्टिफीशियल लाइट का भी इंतज़ाम करना होगा।

हाइड्रोपोनिक के लिए किस तरह के चुनें पौधे (Plants to Choose For Hydroponic?)

आप अपने घर की छत पर हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग शुरू करने के लिए उन पौधों को उगाने के लिए चुने जो इस तकनीक की मदद से आसानी से उगा सकते हैं। जैसे पत्तेदार सब्जियां, जिसमें लेट्यूस, पालक, अरुगुला और स्विस चार्ड और दूसरी पत्तेदार सब्जियां। आप हर्ब्स भी उगा सकते हैं, जिसमें तुलसी, धनिया, अजमोद, पुदीना और चाइव्स वगैरह। साथ ही आप टमाटर, शिमला मिर्च, मटर, मिर्च, खीरा-ककड़ी भी उगा सकते हैं। वहीं अगर फलों की बात करें तो आप स्ट्रॉबेरी अपनी छत पर उगा सकते हैं।

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हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग की लागत (Hydroponic Farming Cost)

हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग में लगने वाली लागत की बात करें तो ये थोड़ी सी खर्चीली होती है। लेकिन लाभ भी अच्छा होता है। इसके लिए सबसे पहले आप अपना बजट ज़रूर सेट करें। हाइड्रोपोनिक तकनीक से  खेती की अगर छत से शुरुआत की जाए तो करीब 10 से 15 हज़ार रुपए की लागत आ सकती है। वहीं टेंपरेचर मेंटेन करने के लिए आपको शेड या फिर पॉलीहाउस लगाना होगा।

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हाइड्रोपोनिक्स तकनीक क्यों? (Why Hydroponics?)

हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाए गए फल और सब्जियों का स्वाद मार्केट में मिलने वाली बाकी खाद्य पदार्थों से बेहतर स्वाद वाला होता है। इसमें केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है। सबसे ख़ास बात ये है कि आप इस तकनीक के ज़रीये कम जगह में भी ज़्यादा वेजिटेबल उगा सकते हैं। इसे करना भी बहुत ज़्यादा मुश्किल नहीं होता।

कहां से करें हाइड्रोपोनिक फ़ार्मिंग की ट्रेनिंग (Hydroponic Farming Training)

आप हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग करने के लिए ट्रेनिंग भी ले सकते हैं। देश में कई संस्थान हैं जहां पर इसकी ट्रेनिंग दी जाती हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र के अलावा कई प्रोफेशनल्स भी इसकी ट्रेनिंग देते हैं। वहीं आप कई ऑनलाइन कोर्स और इंटरनेट पर इससे रिलेटेड वीडियो भी देख सकते हैं।

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हाइड्रोपोनिक सिस्टम का रखरखाव और देखभाल (Hydroponics System Maintenance)

हाइड्रोपोनिक सिस्टम तकनीक को थोड़ा देखभाल की ज़रूरत होती है। सबसे अहम बात ये है कि इसमें हमेशा जड़ें पानी में डुबी रहें। इसके अलावा, आपको इसमें इस्तेमाल होने वाले पानी के pH स्तर की जांच भी करनी चाहिए।

ये भी पढ़ें: हाइड्रोपोनिक खेती (Hydroponic Farming) के एक्सपर्ट अरविंद से जानिए इस तकनीक से कैसे हो सकता है किसानों को फ़ायदा, इज़राइल में ली थी ट्रेनिंग

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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